हजारीबाग : बिस्कुट के पैकेट से बच्चों को अंग्रेजी, सर्फ के पैकेट पर लिखे गणित के अंकों के माध्यम से खेल-खेल में बच्चों को शिक्षित करने वाले प्राथमिक विद्यालय मायापुर कटकमसांडी के प्रधानाध्यापक महेंद्र कुमार की पहचान जिले व राज्य में नवाचार शिक्षक के रुप में होती है।
उन्हें इस कार्य के लिए राज्य से लेकर जिला स्तर पर कई पुरस्कार मिल चुका है। इस लॉकडाउन में जब बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई घर बैठे कराने का निदेश आया तो शिक्षक महेंद्र ने यहां भी अपने शून्य निवेश आधारित शिक्षा का उपयोग कर राज्य के लिए रॉल मॉडल बन गए है। उन्होंने बच्चों की बेहतरी क लिए कार्टून वीडियो बनाया है। यह वीडियो शिक्षक और छात्र का संवाद दिखाते हुए आसानी से गणित और अंग्रेजी सिखाता है। घर में बच्चों को स्कूल का अहसास हो इसलिए अपने कार्टून वीडियो में कक्षा का रुप देकर उसे बेहतर भी बना दिया।
राज्य सरकार के डिजी साथ के साथ मिलकर कर रहे काम
शिक्षक महेंद्र शिक्षा विभाग के लिए राज्य सरकार द्वारा बनाए गए डीजी साथ एप के लिए काम कर रहे है और सरकार के इस मुहिम से जुड़े हुए है।
नवाचारी गतिविधि अभियान के तहत यू टयूब और फेसबुक पर प्रतिदिन अपने यू ट्यूब चैनल,: टीच हेल्प एम कुमार के माध्यम से वर्कशीट डिस्कशन पर आधारित कार्टून वीडियो प्रसारित कर रहे है। आनलाइन पढ़ाई करने वाले बच्चों को सीखने में काफी आनन्द मिल रहा है और वर्कशीट कंटेट द्वारा अभ्यास भी पूरा कर रहे हैं।
बच्चों को कराता है कक्षा का अहसास, शिक्षक व छात्र मिलकर खोजते है हल
शिक्षक महेंद्र पहले वाट्सएप व फेसबुक पर स्वनिर्मित वर्कशीट शेयर करते हैं। फिर कार्टून वीडियो जो वर्कशीट डिस्कशन पर आधारित होता है , उसे चैनल पर प्रसारित करते हैं। वीडियो में कक्षा का ²श्य होता है। एक वर्कशीट टंगा होता है, जिसे शिक्षक और बच्चे आपस में मिलकर दिये गये समस्या का हल ढूंढ कर कापी में नोट करते हैं।
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क्या कहते हैं शिक्षक
महेंद्र कुमार ने कहा शिक्षा के साथ साथ बच्चों को अगर वीडियो के माध्यम से समझाया जाए तो यह और ज्यादा आसान हो जाता है। पढ़ाई के बाद उनकी सहायता के लिए ये वीडियो उनकी समझ भी बेहतर कर पाएगा। शून्य निवेश आधारित यह शिक्षा विद्यालय हीं नहीं अपितु देश के अन्य विद्यालयों के बच्चों के लिए उनकी पढ़ाई आसान कर रही है।
उन्हें इस कार्य के लिए राज्य से लेकर जिला स्तर पर कई पुरस्कार मिल चुका है। इस लॉकडाउन में जब बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई घर बैठे कराने का निदेश आया तो शिक्षक महेंद्र ने यहां भी अपने शून्य निवेश आधारित शिक्षा का उपयोग कर राज्य के लिए रॉल मॉडल बन गए है। उन्होंने बच्चों की बेहतरी क लिए कार्टून वीडियो बनाया है। यह वीडियो शिक्षक और छात्र का संवाद दिखाते हुए आसानी से गणित और अंग्रेजी सिखाता है। घर में बच्चों को स्कूल का अहसास हो इसलिए अपने कार्टून वीडियो में कक्षा का रुप देकर उसे बेहतर भी बना दिया।
राज्य सरकार के डिजी साथ के साथ मिलकर कर रहे काम
शिक्षक महेंद्र शिक्षा विभाग के लिए राज्य सरकार द्वारा बनाए गए डीजी साथ एप के लिए काम कर रहे है और सरकार के इस मुहिम से जुड़े हुए है।
नवाचारी गतिविधि अभियान के तहत यू टयूब और फेसबुक पर प्रतिदिन अपने यू ट्यूब चैनल,: टीच हेल्प एम कुमार के माध्यम से वर्कशीट डिस्कशन पर आधारित कार्टून वीडियो प्रसारित कर रहे है। आनलाइन पढ़ाई करने वाले बच्चों को सीखने में काफी आनन्द मिल रहा है और वर्कशीट कंटेट द्वारा अभ्यास भी पूरा कर रहे हैं।
बच्चों को कराता है कक्षा का अहसास, शिक्षक व छात्र मिलकर खोजते है हल
शिक्षक महेंद्र पहले वाट्सएप व फेसबुक पर स्वनिर्मित वर्कशीट शेयर करते हैं। फिर कार्टून वीडियो जो वर्कशीट डिस्कशन पर आधारित होता है , उसे चैनल पर प्रसारित करते हैं। वीडियो में कक्षा का ²श्य होता है। एक वर्कशीट टंगा होता है, जिसे शिक्षक और बच्चे आपस में मिलकर दिये गये समस्या का हल ढूंढ कर कापी में नोट करते हैं।
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क्या कहते हैं शिक्षक
महेंद्र कुमार ने कहा शिक्षा के साथ साथ बच्चों को अगर वीडियो के माध्यम से समझाया जाए तो यह और ज्यादा आसान हो जाता है। पढ़ाई के बाद उनकी सहायता के लिए ये वीडियो उनकी समझ भी बेहतर कर पाएगा। शून्य निवेश आधारित यह शिक्षा विद्यालय हीं नहीं अपितु देश के अन्य विद्यालयों के बच्चों के लिए उनकी पढ़ाई आसान कर रही है।