राजकीय शिक्षकों की वरिष्ठता के विवाद पर राजपत्रित निरीक्षण शाखा का कोटा विवाद भारी पड़ रहा है। शासन के निर्देश पर शिक्षा निदेशालय ने पदोन्नति की गोपनीय आख्या मांगी, यह पत्र राजकीय शिक्षकों के हाथ लगा तो
वे सूची की संख्या को लेकर दंग रह गए। कहा गया कि शासन ने राजपत्रित निरीक्षण शाखा का कोटा गुपचुप तरीके से बढ़ा दिया है। शिक्षकों ने निदेशालय में कई प्रत्यावेदन भी सौंपे हैं, अब उनका जल्द निस्तारण होगा।अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक डा. महेंद्र देव ने सभी मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों को पत्र भेजा है इसमें कहा गया है कि शासन की ओर से पांच नवंबर को शिक्षकों की पदोन्नति करने का निर्देश दिया गया है। इसलिए उत्तर प्रदेश सामान्य शिक्षा संवर्ग सेवा समूह ख पर पदोन्नति होनी है। एडी ने अधीनस्थ राजपत्रित पुरुष व महिला शाखा और राजपत्रित निरीक्षण शाखा के 459 की सूची भेजकर पांच दिन में गोपनीय आख्या मांगी है।
नहीं बदला कोटा : महेंद्र : अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक महेंद्र देव का कहना है कि पदोन्नति के कोटे में किसी तरह का बदलाव नहीं है। आख्या की सूची को लेकर संशय है और उन्हें कई प्रत्यावेदन मिले हैं। उन सभी का निस्तारण करके पदोन्नति नियमानुसार की जाएगी।
विवाद की ये वजह
अपर निदेशक की सूची में पुरुष शाखा के 142, महिला शाखा के 92 व निरीक्षण शाखा के 225 का नाम दर्ज है। राजकीय शिक्षकों का कहना है कि पुरुष का 61, महिला का 22 व निरीक्षण शाखा का 17 फीसद का पदोन्नति कोटा रहा है। जिससे आख्या मांगी उससे कोटे में बदलाव है। आरोप है कि शासन ने पुरुष का 31, महिला का 30 व निरीक्षण शाखा का 39 फीसद कोटा कर दिया है।
वेतनमान में भी असमानता
राजकीय शिक्षकों का कहना है कि अधीनस्थ राजपत्रित पद का ग्रेड पे 5400 का है, वहीं खंड शिक्षा अधिकारी का ग्रेड पे 4800 का और अराजपत्रित पद है। नियम है कि समान वेतनमान वालों की ही पदोन्नति होनी चाहिए। यहां पद समान है और न ग्रेड पे तब निरीक्षण शाखा के पदों पर पदोन्नति क्यों हो रही है? शिक्षकों ने इसके विरुद्ध आंदोलन करने का अल्टीमेटम दिया है।