कोरोना काल में जब पूरी दुनिया थम सी गई थी, सड़कों पर सन्नाटा पसरा था, उस दौर में भी बेसिक शिक्षा विभाग ने बच्चों की शिक्षा जारी रखने के लिए कई सार्थक प्रयास किए।
जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान के प्राचार्य व उप शिक्षा निदेशक पवन कुमार सचान और बेसिक शिक्षा अधिकारी दिनेश कुमार की पहल पर परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों ने मुहल्लों में जाकर कक्षाओं का संचालन किया। शिक्षक अपने साथ ब्लैक बोर्ड, चॉक और पढ़ाई की अन्य सामग्री लेकर जाते हैं। बच्चों को बुलाकर क्लास में शामिल करते और उन्हें होमवर्क भी देते हैं।
तीन ब्लॉक मुहल्ला क्लास में अव्वल: लखनऊ में नगर क्षेत्र समेत कुल दस ब्लॉक हैं। शिक्षा अधिकारियों के मुताबिक गोसाईगंज, बीकेटी व चिनहट ब्लॉक मुहल्ला क्लास में अव्वल हैं। यहां के शिक्षक हर रोज अलग-अलग मुहल्लों में क्लास लेते हैं। शिक्षकों को यदि किसी के बरामदे व चबूतरे में स्थान दिखता है तो वह अपनी क्लास वहीं शुरू कर देते हैं। जगह का अभाव होने पर पेड़ के नीचे या खाली पड़े मैदान में भी क्लास लगाई जाती है। शिक्षिकाओं का कहना है कि कोरोना काल में बच्चों के बीच शारीरिक दूरी के मानक का बेहद ध्यान रखा जाता है। बच्चों को मास्क व हाथ धोने के प्रति भी जागरूक किया जाता है। शुरुआती दौर में तो बच्चों को कोरोना से सतर्कता के लिए बताना पड़ा, मगर चंद रोज में ही बच्चे खुद सीख गए।
अधिकारियों के मुताबिक जनपद के करीब डेढ़ सौ शिक्षक मुहल्ला क्लास को लेकर काफी सक्रिय हैं। इनमें अधिकतर गोसाईगंज, बीकेटी और चिनहट ब्लॉक के हैं।
मुहल्ला क्लास का संचालन करने वाले शिक्षक व शिक्षिकाओं में प्राथमिक विद्यालय मलौली के लाल बहादुर, प्राथमिक विद्यालय शेखनापुर की शिक्षिका उमा शुक्ला, पूर्व माध्यमिक विद्यालय जलौदी नगर की शिक्षिका सुनीता तिवारी, प्राथमिक विद्यालय हलीमाबाद की शिक्षिका चेतना दुबे, ज्योति शिखा तिवारी, उच्च प्राथमिक विद्यालय की अनुपमा शर्मा, शशि द्विवेदी, प्राथमिक विद्यालय अमेठी की संतोष राय व तरन्नुम, प्राथमिक विद्यालय सोनई कजेरा की प्रिया यादव व प्रीति द्विवेदी, प्राथमिक विद्यालय शेखनापुर घाट की ज्योति अग्निहोत्री व माला राय शामिल हैं।
इसमें कोई संदेह नहीं है कि कोरोना काल में शिक्षकों की भूमिका बेहद सराहनीय रही। अब भी शिक्षक-शिक्षिकाएं नियमित मुहल्ला क्लास ले रही हैं, ताकि बच्चों की पढ़ाई में व्यवधान न आए। समय-समय पर ऐसे शिक्षकों को चिह्न्ति कर उनका प्रोत्साहन किया जा रहा है।
-डॉ. पवन कुमार सचान, प्रवक्ता, जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान
शिक्षकों को इस ओर प्रेरित किया गया। औचक निरीक्षण में शिक्षक पूरी तन्मयता से मुहल्ला क्लास लेते नजर आते हैं। ऐसे शिक्षक निश्चित तौर पर प्रशंसा के योग्य हैं, जो कोरोना काल में भी बच्चों को मुहल्ला क्लास दे रहे हैं।
दिनेश कुमार, बेसिक शिक्षा अधिकारी