प्रयागराज : कोरोना महामारी के दौरान त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होने से बड़ी संख्या में शिक्षकों की मौत हुई है। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ ने 29 अप्रैल को 706 शिक्षकों के निधन का दावा किया था, उनकी संख्या
बढ़कर 800 हो गई है। पूरक सूची तैयार करके विभाग को भेजी जाएगी, साथ ही संघ ने मांग की है कि मृतक शिक्षकों के आश्रितों वे आश्रित जो बीटीसी, बीएड या फिर डीएलएड आदि की योग्यता रखते हैं, उन्हें शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) से छूट देकर सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्ति दी जाए। वहीं, वे आश्रित जो इंटर या फिर स्नातक उत्तीर्ण हैं उन्हें लिपिक के पद पर नियुक्त किया जाए।संघ के प्रदेश अध्यक्ष डा. दिनेश चंद्र शर्मा की अगुवाई में प्रदेशीय कार्यकारिणी की वचरुअल बैठक शुक्रवार को हुई। इसमें कोरोना संक्रमण के कारण शिक्षकों की बड़ी संख्या में मृत्यु होने पर चिंता जताई गई। सरकार से यह मांग भी की जाएगी कि मृत शिक्षकों के आश्रितों को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाए। शिक्षक के परिजनों को एक अप्रैल 2005 से पूर्व लागू पुरानी पेंशन व्यवस्था के तहत पारिवारिक पेंशन दी जाए। ऐसे सभी मृत शिक्षक जो 60 वर्ष या फिर उससे कम आयु के थे उनके परिवार को शासनादेश के अनुसार ग्रेच्युटी का भुगतान हो। सभी मृतक व कार्यरत शिक्षकों को कोरोना योद्धा घोषित किया जाए। संघ की यह भी मांग है कि संक्रमण के दौरान इलाज कराकर स्वस्थ हो चुके शिक्षकों के इलाज पर व्यय धनराशि का भी भुगतान किया जाए। पदाधिकारियों ने दो मिनट का मौन रखकर सभी मृतक शिक्षक व कर्मचारियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। बैठक में शिवशंकर पांडेय, राधेरमण त्रिपाठी, देवेंद्र श्रीवास्तव, सुरेंद्र यादव, वंदना सक्सेना, अर्चना मिश्र आदि थे।
’>>उप्र प्राथमिक शिक्षक संघ कोरोना में मृत शिक्षक आश्रितों को लेकर गंभीर
’>>जो स्नातक व इंटर उत्तीर्ण हैं, उन्हें लिपिक के पद पर दी जाए नियुक्ति