केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रलय ने होम आइसोलेशन में रहने वाले हल्के संक्रमण या बिना लक्षण वाले मरीजों के लिए संशोधित दिशानिर्देश जारी किए हैं। इसमें कहा गया है कि होम आइसोलेशन में 10 दिनों तक रहने और लगातार तीन दिन तक बुखार न आने की स्थिति में मरीज होम आइसोलेशन से बाहर आ सकते हैं और उस समय टेस्टिंग की जरूरत नहीं है।
दिशानिर्देशों के मुताबिक स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा मरीज की स्थिति को हल्का या बिना लक्षण वाला केस तय किया जाना चाहिए। ऐसे मामले में मरीज के सेल्फ आइसोलेशन की उनके घर पर व्यवस्था होनी चाहिए। ऐसे मरीज जिस कमरे में रहते हों उसका आक्सीजन सैचुरेशन भी 94 फीसद से ज्यादा होना चाहिए और उसमें वेंटिलेशन की भी बेहतर व्यवस्था होनी चाहिए। बिना लक्षण वाले मरीजों के संक्रमित होने की पुष्टि प्रयोगशालाओं में जांच के बाद किया जाना चाहिए।
मरीज के लिए हर समय एक देखभाल करने वाला उपस्थित होना चाहिए और होम आइसोलेशन के दौरान केयरटेकर व अस्पताल के बीच संवाद जारी रहना चाहिए। 60 साल से अधिक की उम्र के लोगों और तनाव, डायबिटीज, हार्ट डिजीज, क्रोनिक लंग/लीवर/किडनी रोग इत्यादि केसेज में कोरोना संक्रमण होने की स्थिति में चिकित्साधिकारी उचित तरीके से मरीज के स्वास्थ्य की जांच करने के बाद ही होम आइसोलेशन की मंजूरी देंगे। अगर बुखार नियंत्रित नहीं हो पा रहा है तो पैरासीटामोल 650 एमजी दिन में चार बार ले सकते हैं। अगर इसके बाद भी बुखार नियंत्रित नहीं होता हो तो डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं जो नोप्रोक्सेन 250 एमजी जैसी नॉन-स्टेयरॉयडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग दवाइयां दिन में दो बार दे सकते हैं।
जेएनएन, नई दिल्ली: कोरोना के कहर का सामना कर रहे देशवासियों के लिए कुछ राहत की खबर है। देश की जानी मानी वायरोलॉजिस्ट और चिकित्सा विज्ञानी गगनदीप कांग के मुताबिक इस महीने के मध्य से लेकर आखिर तक संक्रमण के मामलों में गिरावट आनी शुरू हो जाएगी। अभी कोरोना संक्रमण चरम पर है। पिछले कुछ दिनों से लगातार तीन लाख से ज्यादा नए मामले मिल रहे हैं और तीन हजार से ज्यादा मौतें हो रही हैं। इस महीने दो बार चार लाख से ज्यादा केस भी मिल चुके हैं। संक्रमण में बढ़ोतरी का आलम यह है कि एक हफ्ते के दौरान ही 25 लाख से ज्यादा मामले बढ़ गए हैं।
गगनदीप कांग के मुताबिक अभी कोरोना संक्रमण की एक या दो लहर और आ सकती है यानी नए मामलों में वृद्धि हो सकती है, लेकिन हालात मौजूदा दौर की तरह खराब नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि इस समय कोरोना संक्रमण ऐसे क्षेत्रों को तेजी से अपनी चपेट में ले रहा है, जो पहले बचे हुए थे। मध्यम वर्ग और ग्रामीण इलाकों में संक्रमण तेजी से फैल रहा है। हालांकि, लंबे समय तक इन क्षेत्रों में इसका प्रसार बने रहने की संभावना कम है।
कांग ने एक वेबिनार को संबोधित करते हुए कोरोना वायरस की घटती जांच पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि जांच में संक्रमण के जितने मामले सामने आ रहे हैं वास्तविकता में इनकी संख्या इससे कहीं बहुत ज्यादा होगी। कोरोना की अभी एक या दो और लहर की आशंका जताते हुए उन्होंने यह भी कहा कि यह कब होगा इसके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के बारे में हमें बहुत ज्यादा जानकारी नहीं है और न ही इसके बारे में ही पता है कि वह आगे क्या रूप लेगा। इसलिए हमें सचेत रहना होगा।
कोरोना वायरस की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह बुरा फ्लू वायरस जैसा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि यह मौसमी वायरस बन जाएगा, जैसा कि कोई खराब फ्लू वायरस होता है। बार-बार संक्रमित होने और टीकाकरण के चलते लोगों में इसके खिलाफ प्रतिरक्षा पैदा हो जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना बार-बार रूप बदल रहा है और हो सकता है कि यह प्रतिरक्षा प्रणाली को मात दे दे।
देश में बढ़ रहे कोरोना संकट के बीच सरकार के स्तर पर भी इससे निपटने के लिए भरपूर प्रयास किए जा रहे हैं। गुरुवार को आयरलैंड से आए आक्सीजन जेनरेटर प्लांट को दिल्ली कैंट स्थित बेस हास्पिटल में लगाने के लिए ट्रकों में लादकर ले जाते सेना के जवान ’ प्रेट्र
’>>दिन में चार बार पैरासीटामोल 650 एमजी लेने पर भी बुखार नहीं उतरता है तो डॉक्टर से संपर्क करने की सलाह
’>>होम आइसोलेशन में 10 दिन तक रहने और लगातार तीन दिन तक बुखार न आने पर आ सकते हैं बाहर
आइवरमेक्टिन टैबलेट भी ले सकते हैं
दिशानिर्देशों में कहा गया है कि ऐसे मरीज तीन से पांच दिनों के लिए आइवरमेक्टिन (200 एमसीजी/किग्रा) टैबलेट दिन में एक बार ले सकते हैं। पांच दिन से अधिक बुखार/खांसी रहने पर इंहेलर के जरिए इन्हेलेशनल बूडेसोनाइड दिन में दो बार 800 एमसीजी की डोज दे सकते हैं।
घर में रेमडेसिविर लेने की मनाही
रेमडेसिविर इंजेक्शन सिर्फ और सिर्फ हॉस्पिटल में दिया जा सकेगा और इसे घर पर रखने की कोशिश न करें।
सक्रिय मामले 36 लाख से ज्यादा
रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना संक्रमण के सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 36,39,052 हो गई है। बीते 24 घंटे के दौरान 3,97,211 नए मामले सामने आए हैं, 3,17,294 मरीज ठीक हुए हैं और 3,618 मरीजों की मौत हुई है। एक दिन पहले के मुकाबले नए मामलों और मौतों की संख्या में कुछ कमी आई है। झारखंड समेत कुछ राज्यों के आंकड़े इसमें शामिल नहीं हैं। कुल संक्रमितों का आंकड़ा दो करोड़ 14 लाख 68 हजार को पार कर गया है।