हाईकोर्ट ने दारोगा भर्ती की आयु में छूट पर सरकार मांगा जवाब

 इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वर्ष 2017 से 2020 तक दारोगा भर्ती न विज्ञापित करने के कारण निर्धारित आयुसीमा पार कर चुके अभ्यर्थियों को आयुसीमा में छूट देने की मांग में दाखिल याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्र ने सुशील कुमार सिंह एवं अन्य की याचिका पर अधिवक्ता तरुण अग्रवाल व प्रशांत मिश्र को सुनकर दिया है।



याचिका में कहा गया कि ऐसे अभ्यर्थी जो 2016 के बाद भर्ती परीक्षा आयोजित न किए जाने से आयुसीमा पार हो जाने के कारण 2021 भर्ती परीक्षा में आवेदन के लिए अयोग्य हो गए है, उन्हें एक अवसर प्रदान किया जाए। याचिका में कहा गया कि उत्तर प्रदेश पुलिस एवं भर्ती प्रोन्नति बोर्ड ने गत फरवरी माह में पुलिस उप निरीक्षक के 9707 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला। इसमें आवेदन के लिए अधिकतम आयुसीमा 28 वर्ष है। 

यह भर्ती प्रक्रिया वर्ष 2016 के बाद प्रथम बार की जा रही है। पांच वर्षों तक कोई भी भर्ती न होने के कारण बड़ी संख्या में योग्य अभ्यर्थी आयु के कारण इस भर्ती परीक्षा के लिए अयोग्य हो गए हैं। कहा गया और मनीष कुमार एवं अन्य की याचिका में राज्य सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में यह आश्वासन दिया गया कि वर्ष 2017 से प्रारम्भ होते हुए प्रत्येक वर्ष 3200 उप निरीक्षकों की भर्ती की जाएगी। राज्य सरकार ने 2016 के बाद कोई भी भर्ती विज्ञापन न निकालकर इस आश्वासन का उल्लंघन किया है। यह भी कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने समान परिस्थितियों में आरक्षी परीक्षा में आयुसीमा के आधार पर अयोग्य हो रहे अभ्यर्थियों को एक अवसर और देने का आदेश दिया था।