68500 शिक्षक भर्ती मामला:MRC शिक्षकों को 2 साल बाद भी मनपसंद तैनाती नहीं, कोर्ट ने सचिव बेसिक शिक्षा परिषद को दोबारा जिला आवंटन करने के दिए थे निर्देश

 प्रयागराज: परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 68500 सहायक अध्यापक भर्ती में चयनित मेरीटोरियस रिजर्व कैटेगरी ( एमआरसी ) कि शिक्षकों को 2 साल बाद भी मनपसंद ले में तैनात ही नहीं मिल सकी है। 29 अगस्त 2019 को हाईकोर्ट ने 68500 शिक्षक भर्ती की जिला आवंटन की यह कहते हुए निरस्त कर दिया था कि यह आरक्षित वर्ग के मेधावी अभ्यर्थियों के अधिकारों का हनन है।



कोर्ट ने एमआरसी शिक्षकों को अपना प्रत्यावेदन देने और सचिव बेसिक शिक्षा परिषद को नए शैक्षिक सत्र 2020-21 से उनको दो बारा जिला आवंटन करने के निर्देश दिए थे। 2,000 से अधिक एमआरसी शिक्षकों ने प्रत्यावेदन भी दिया लेकिन कुछ नहीं हुआ। कोर्ट में मुख्य पक्षकार बादल मलिक ने बताया कि उक्त आदेश का अनुपालन ना होने पर करीबन 1300 एमआरसी शिक्षकों ने अवमानना याचिका आए की। लेकिन अब तक जिला आवंटन नहीं हो सका है अब हार कर आदेश का अनुपालन कराने के लिए इन शिक्षकों ने मुख्यमंत्री को अनुरोध पत्र भेजो अभियान चलाया है। चैन पाल चौधरी विवेक यादव गौरव कुंतल आलोक आर्य जाट सचिन यादव आशीष मलिक अनिमेष अशोक नवीन अफजाल सुरेंद्र अंकित साहू अरुण कुमार अंकित कुशवाहा पंकज यादव रजनीश मौर्य जयप्रकाश गौतम आसिफ सैफी अंकित मावी रोहित राणा सचिन आकांक्षा प्रेरणा वर्मा सपना नविता रश्मि पूजा आशा दीपक ईश्वर चंद आदि दोबारा जिला आवंटन के लिए सीएमओ अधिकारियों को पत्र भेज रहे हैं।


क्यों दोबारा जिला आवंटन पर अड़े।

68500 भर्ती से सरकार ने नियम लागू कर दिया था कि इन शिक्षकों का दोबारा अंतर्जनपदीय तबादला नहीं होगा। काफी संख्या में शिक्षकों को उनके धर्म से सैकड़ों किलोमीटर दूर दूसरे जिलों में नौकरी मिली है। भविष्य में अपने जिले में वापसी की उम्मीद थी नहीं। इसीलिए एमआरसी अभ्यर दोबारा जिला आवंटन की मांग कर रहे हैं ताकि अपने गृह जनपद या आसपास के जिले में पहुंच जाएं।

69000 में रखा ध्यान तो हमें किस बात की सजा: बादल


सरकार ने 9 जुलाई 2021 को साफ किया है कि 69000 शिक्षक भर्ती में एमआरसी अभ्यर्थियों को उनके गुणाकं, श्रेणी, जनपद व वरीयता के विकल्प के आधार पर सर्वप्रथम अनारक्षित श्रेणी के रिक्त पदों के सापेक्ष ऐसे जिला आवंटन किया गया। । 68500 में चयनित एमआरसी अभ्यर्थी बादल मलिक का कहना है कि जब 69000 भर्ती में एमआरसी का ध्यान रखा गया है तो हमनें क्या गलती की थी। 2 साल से 2000 से अधिक शिक्षक परेशान हैं।