प्रयागराज परिषदीय स्कूलों में वर्ष 2018 की 68,500 शिक्षक भर्ती में कोर्ट से राहत मिलने के बाद अलग से चयनित हुए 103 अभ्यर्थी नियुक्ति के लिए अभी तक इंतजार में हैं। नियुक्ति पाने की राह देख रहे अभ्यर्थियों ने पिछले दिनों
प्रयागराज में बेसिक शिक्षा निदेशालय परिसर में अनशन किया था। वे लखनऊ में बेसिक शिक्षा निदेशक से भी मिले थे। इस मुलाकात में सकारात्मक आश्वासन के बाद अभ्यर्थियों ने लखनऊ स्थित निदेशालय में धरना देने की योजना स्थगित कर दी। हालांकि 10 अगस्त तक नियुक्ति की प्रक्रिया आगे न बढ़ने पर उन्होंने प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है।इस भर्ती की परीक्षा 27 मई, 2018 को हुई थी। 13 अगस्त, 2018 को रिजल्ट घोषित किया गया। इसमें चयनित 41,556 अभ्यर्थियों को चरणबद्ध ढंग से नियुक्ति दे गई। उसी बीच उत्तर कुंजी जारी किए जाने पर रिजल्ट से असंतुष्ट अभ्यर्थियों के दो गुट कोर्ट चले गए। इसमें एक गुट कापी में कटिंग, ओवरराइटिंग व मात्रात्मक त्रुटियों वाले जवाब के अंक न जोड़े जाने से असंतुष्ट था। कोर्ट जाने वाला दूसरा गुट नरेंद्र चतुर्वेदी का था, जिनके कुछ सही सवालों के अंक कापी में तो चढ़े थे, लेकिन रिजल्ट में नहीं जोड़े गए थे। नरेंद्र चतुर्वेदी बनाम अन्य के मामले में कोर्ट ने अभ्यर्थियों के पक्ष में आदेश दिया। आदेश के बाद ऐसे 599 अभ्यर्थियों ने परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय में प्रत्यावेदन दिया। परीक्षा नियामक कार्यालय ने इनमें से 103 अभ्यर्थियों को सितंबर, 2020 में सफल घोषित किया, लेकिन नियुक्ति अभी नहीं मिली। चयनित अभ्यर्थी श्रीश गुप्ता व अनुपम शुक्ला सहित अन्य का कहना है कि बेसिक शिक्षा निदेशक की ओर से जल्द नियुक्ति का भरोसा मिला है। सरकार जिस तरह प्रतियोगियों की समस्या सुनने के प्रति गंभीर हुई है, उससे उम्मीद बनी हुई है।