दरअसल, इन कॉलेजों के शिक्षकों का वेतन केंद्रांश आने के बाद राज्यांश मिलाकर दिया जाता रहा है। इससे अक्सर भुगतान में विलंब होता था। इस बीच चार-पांच महीने से वेतन नहीं मिलने से परेशान शिक्षकों, कर्मचारियों ने 11 जुलाई से आंदोलन शुरू कर दिया। इस पर शिक्षा व वित्त विभाग ने मुख्यमंत्री को रमसा के शिक्षकों का वेतन मद भी सामान्य राजकीय इंटर कॉलेजों की भांति करने का प्रस्ताव किया था जिसे मंजूरी मिल गई है।
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रमसा के शिक्षकों को अब नियमित होगा वेतन भुगतान, आर्डर जारी
लखनऊ। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (रमसा) के तहत प्रदेश में संचालित राजकीय कॉलेजों के शिक्षकों, कर्मचारियों को राज्य सरकार ने बड़ी राहत दी है। अब उनका वेतन केंद्रांश के चक्कर में नहीं रुकेगा। नियमित भुगतान के लिए मुख्यमंत्री ने उनका वेतन मद सामान्य राजकीय इंटर कॉलेजों की भांति करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इससे प्रदेश में संचालित करीब 1400 राजकीय विद्यालयों के 9000 शिक्षकों व कर्मचारियों को समय से व वेतन मिल सकेगा। इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है।