.....तो परिषदीय विद्यालयों के 428 शिक्षकों की कमी दूर करेंगे मात्र 27 गुरुजन

 बलरामपुर,

नीति आयोग के आकांक्षात्मक जिलों में शामिल होने के बाद भी परिषदीय विद्यालयों में गुरुजनों की कमी दूर नहीं हो पा रही है। अंतरजनपदीय स्थानांतरण में जिले के 428 शिक्षकों को मनचाहे जनपदों में तैनाती मिल गई है। इनके सापेक्ष मात्र 27 शिक्षकों को स्थानांतरण प्रक्रिया के तहत जिले में तैनाती मिली है। ऐसे में जनपद से 401 गुरुजन फिर कम हो गए हैं। शिक्षकों के तबादले व तैनाती में बड़ा अंतर होने का प्रभाव नौनिहालों की शिक्षा पर पड़ना तय है।


जिले में कुल 1814 परिषदीय विद्यालय हैं। इनमें प्राथमिक 1164 उच्च प्राथमिक 263 व कंपोजिट विद्यालय 387 हैं। इन विद्यालयों में करीब दो लाख 81 हजार छात्र - छात्राएं नामांकित हैं। इन नौनिहालों को शिक्षा देने के लिए स्वीकृत पदों के सापेक्ष 50 प्रतिशत गुरुजन भी तैनात नहीं हैं। ऐसे में अंतरजनपदीय स्थानांतरण के बाद शिक्षा व्यवस्था का प्रभावित होना तय है.



50 फीसद से अधिक शिक्षकों के पद हैं रिक्त 1814 विद्यालयों में प्रधानाध्यापक व सहायक अध्यापकों के कुल 9520 पद स्वीकृत हैं। इनके सापेक्ष मात्र 4679 गुरुजनों की तैनाती है। 4841 पद रिक्त चल रहे हैं। 1164 प्राथमिक में 251 के सापेक्ष 229 प्रधानाध्यापक व सहायक अध्यापक के 4739 पदों में से 2251 की तैनाती है। 263 उच्च प्राथमिक में सहायक अध्यापकों के 908 पदों के सापेक्ष 297 की तैनाती है। साथ ही 180 प्रधानाध्यापक कार्यरत हैं। 287 कंपोजिट स्कूलों में सहायक अध्यापक के 3225 व प्रधानाध्यापक के 322 पद स्वीकृत हैं। इनके सापेक्ष 1488 सहायक व 234 प्रधानाध्यापक कार्यरत हैं। इनमें भी अब स्थानांतरण के बाद 401 शिक्षक कम हो गए हैं।




अंतरजनपदीय स्थानांतरण प्रक्रिया चल रही है। शासन के निर्देश पर शीघ्र ही शिक्षकों को कार्यमुक्त कर दिया जाएगा 127 शिक्षकों को जिले में तैनाती मिली है। गुरुजनों की भारी कमी अब नई भर्ती के बाद ही दूर हो सकेगी।
- कल्पना देवी, बीएसए



2244 ने किया था आवेदन अंतरजनपदीय स्थानांतरण के लिए गैर जनपद के रहने वाले 2244 गुरुजनों ने आनलाइन आवेदन किया था। इनमें से 428 शिक्षकों का स्थानांतरण हो गया है।