लखनऊ। हाईकोर्ट के आदेश ने विपक्षी दलों के हाथ में एक बड़ा और प्रभावी सियासी मुद्दा थमा दिया है। आरक्षण को लेकर विपक्षियों द्वारा उठाया जा रहा यह मामला भाजपा के लिए यूपी की 10 विधानसभा सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव में भी मुश्किलें खड़ी कर सकता है। नौकरी और आरक्षण के मुद्दों पर लोकसभा चुनाव से लगातार हमलावर सपा इसे और सियासी धार देने के लिए रणनीति तैयार कर रही है।
■ सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि किसी भी तरह से संविधान में दिए गए आरक्षण से छेड़खानी नहीं की जा सकती। अभ्यर्थियों की मांग के साथ नाइंसाफी नहीं होगी। सपा उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी रहेगी। कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा सरकार को आरक्षण विरोधी बताया है। कहा कि 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में हाईकोर्ट के फैसले से न्याय और संविधान की जीत हुई है। बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि आरक्षित वर्ग के पीड़ितों को न्याय मिलना सुनिश्चित हो। भाकपा (माले) ने प्रदेश सरकार की पुरानी सूची को आरक्षण घोटाला कहा