UP Madarsa Teachers VRS Pension Hurdle | Education & Government News
उत्तर प्रदेश में मदरसा शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मियों की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) और पेंशन लाभ को
लेकर विवाद खड़ा हो गया है। विभाग कई मदरसा शिक्षकों को VRS और पेंशन दे रहा है, लेकिन नियमों में स्पष्ट प्रावधान न होने के कारण अब निदेशक ने सभी प्रकरणों का विस्तृत ब्योरा तलब कर लिया है।📉 VRS का मामला क्यों फंसा?
मदरसों में कार्यरत शिक्षकों की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) पर नियमों में कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं है। मदरसा नियमावली‑2016 में VRS के लिए कोई विशेष खंड नहीं है, बावजूद इसके विभाग कई मामलों में सुविधा दे रहा है।
निदेशक ने रजिस्ट्रार और निरीक्षक को निर्देश दिया है कि—
✔️ किस नियम के अंतर्गत शिक्षकों को VRS और पेंशन दिया जा रहा है
✔️ कितने मामले हैं जिनमें यह लाभ दिया गया
✔️ क्या यह व्यवस्था नियमावली के तहत वैध है
🧑⚖️ नियमावली क्या कहती है?
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कर्मचारी तीन महीने का नोटिस देकर त्यागपत्र दे सकता है।
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नोटिस न देने पर तीन महीने का वेतन जमा करना होगा।
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त्यागपत्र/इस्तीफे की प्रक्रिया में नियुक्ति प्राधिकारी का संस्तुति पत्र आवश्यक है।
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संस्तुति निरीक्षक मदरसा शिक्षा परिषद को भेजी जाती है।
लेकिन नियम में VRS और पेंशन लाभ देने का स्पष्ट प्रावधान नहीं लिखा गया, जिससे विभागीय कार्रवाई में अनिश्चितता बनी हुई है।
🔍 विभाग के सामने विकल्प
1️⃣ नियम के बिना लाभ रोकना
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ऐसे मामलों में अवैध लाभ रोका जा सकता है और जरूरत पड़ने पर रिकवरी प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा सकती है।
2️⃣ नियमावली में संशोधन करना
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नियम में स्पष्ट रूप से VRS, पेंशन और संबंधित लाभ को शामिल किया जाए, ताकि भविष्य में विवाद न हो।
📊 मुद्दे की बड़ी बात
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कई मदरसा शिक्षक VRS के आधार पर पेंशन ले रहे हैं, लेकिन नियम यह सुविधा स्पष्ट नहीं करते।
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निदेशक स्तर से सभी मामलों का ब्यौरा तलब किया गया है, जिससे पता चलेगा कि कितने शिक्षकों को यह लाभ मिला है और किस आधार पर।
अगले कुछ दिनों में अधिकारियों की समीक्षा के बाद स्पष्ट दिशा निर्देश जारी किए जा सकते हैं, जो Madarsa Teachers Pension News और UP Education Policy Update के लिए महत्वपूर्ण होंगे।