समाजवादी मुहब्बत का पहला खत.... (हास्य) डियर इनबॉक्स वाली लड़की !
ये जो साल भर से आप रोज इनबॉक्स में मैसेज करतीं हैं- 'गुडनाईट'।तो मैं क्या लिखूं! इधर से मैं भी लिख देता हूँ - शुभरात्रि।उधर दिल में अधूरे अरमान लिए आप सो जाती होंगी और इधर बेचैनी के आलम में मैं।इसके आगे न कभी आप बढ़ती हैं न मैं।
ये जो साल भर से आप रोज इनबॉक्स में मैसेज करतीं हैं- 'गुडनाईट'।तो मैं क्या लिखूं! इधर से मैं भी लिख देता हूँ - शुभरात्रि।उधर दिल में अधूरे अरमान लिए आप सो जाती होंगी और इधर बेचैनी के आलम में मैं।इसके आगे न कभी आप बढ़ती हैं न मैं।