नहीं मिलेगी राजकीय शिक्षकों को एसीपी
केंद्रीय शिक्षकों की समकक्षता का आधार बनाकर शासन ने किया इन्कार
लंबे अरसे से राजकीय शिक्षक कर रहे थे एसीपी की मांग
इलाहाबाद : लंबे समय से सुनिश्चित प्रोन्नत वेतनमान (एसीपी) की प्रतीक्षा कर रहे राजकीय माध्यमिकशिक्षकों को को निराशा हाथ लगी है। शासन ने उन्हें राजकीय कर्मियों की भांति एसीपी देने से इन्कार कर दिया है। तर्क है कि चूंकि केंद्रीय शिक्षकों को एसीपी का लाभ नहीं दिया जाता, इसलिए यदि राज्य के शिक्षकों को दिया गया तो समकक्षता की स्थिति प्रभावित होगी।
Submit & verify Email for Latest 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती updates Subscribe
उल्लेखनीय है कि राजकीय शिक्षक लंबे समय से एसीपी की मांग कर रहे थे। इसके लिए उन्होंने कई बार अपने अधिवेशनों में आवाज उठाई और शासन को मांगपत्र सौंपा था। कुछ दिन पहले राजकीय शिक्षक संघ के अधिवेशन में माध्यमिक शिक्षा मंत्री ने उन्हें एसीपी का लाभ दिए जाने की घोषणा भी की थी। शिक्षा निदेशक ने भी इसके लिए शासन को प्रस्ताव भेजा था। इससे उन्हें यह उम्मीद बंध गई थी कि सरकार जल्द ही इस बाबत फैसला करेगी लेकिन संयुक्त सचिवसीपी सिंह की ओर से शिक्षा निदेशक को भेजे गए पत्र में इससे इन्कार कर दिया गया है। पत्र में स्पष्ट किया गया है कि राज्य के शिक्षकों को भारत सरकार के समकक्ष पदों के समान पुनरीक्षित वेतनमान, चयन वेतनमान, पदोन्नति वेतनमान एक पैकेज के रूप में दिया गया था। इससे अलग जाने पर समकक्षता की स्थिति प्रभावित होगी। इसलिए राजकीय शिक्षकों को राजकीय कर्मियों की भांति एसीपी का लाभ दिया जाना संभव नहीं है।भड़के शिक्षक, मनाएंगे धिक्कार दिवस : एसीपी से शासन के इन्कार के बाद राजकीय शिक्षक संघ एक बार फिर आंदोलन का फैसला किया है। संघ के प्रांतीय अध्यक्ष पारस नाथ पांडेय की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में फैसला लिया गया कि शासन के इस फैसले के विरोधमें 9 फरवरी को धिक्कार दिवस मनाया जायेगा। इसमें प्रदेश के प्रत्येक राजकीय इंटर/हाईस्कूल में शिक्षक शासनादेश की प्रतियां जलाएंगे। 12 फरवरी को माध्यमिक शिक्षा निदेशालय पर प्रदेश के शिक्षक धरना भी देंगे। बैठक में कहा गया कि राजकीय शिक्षकों को न तो राज्य कर्मचारियों की भांति एसीपी दी जा रही है और न केंद्रीय शिक्षकों का वेतनमान। इसलिए शासन का यह फैसला अनुचित है। बैठक का संचालन महामंत्री छाया शुक्ला ने किया।
सरकारी नौकरी - Government of India Jobs Originally published for http://e-sarkarinaukriblog.blogspot.com/ Submit & verify Email for Latest Free Jobs Alerts Subscribe
केंद्रीय शिक्षकों की समकक्षता का आधार बनाकर शासन ने किया इन्कार
लंबे अरसे से राजकीय शिक्षक कर रहे थे एसीपी की मांग
इलाहाबाद : लंबे समय से सुनिश्चित प्रोन्नत वेतनमान (एसीपी) की प्रतीक्षा कर रहे राजकीय माध्यमिकशिक्षकों को को निराशा हाथ लगी है। शासन ने उन्हें राजकीय कर्मियों की भांति एसीपी देने से इन्कार कर दिया है। तर्क है कि चूंकि केंद्रीय शिक्षकों को एसीपी का लाभ नहीं दिया जाता, इसलिए यदि राज्य के शिक्षकों को दिया गया तो समकक्षता की स्थिति प्रभावित होगी।
Submit & verify Email for Latest 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती updates Subscribe
उल्लेखनीय है कि राजकीय शिक्षक लंबे समय से एसीपी की मांग कर रहे थे। इसके लिए उन्होंने कई बार अपने अधिवेशनों में आवाज उठाई और शासन को मांगपत्र सौंपा था। कुछ दिन पहले राजकीय शिक्षक संघ के अधिवेशन में माध्यमिक शिक्षा मंत्री ने उन्हें एसीपी का लाभ दिए जाने की घोषणा भी की थी। शिक्षा निदेशक ने भी इसके लिए शासन को प्रस्ताव भेजा था। इससे उन्हें यह उम्मीद बंध गई थी कि सरकार जल्द ही इस बाबत फैसला करेगी लेकिन संयुक्त सचिवसीपी सिंह की ओर से शिक्षा निदेशक को भेजे गए पत्र में इससे इन्कार कर दिया गया है। पत्र में स्पष्ट किया गया है कि राज्य के शिक्षकों को भारत सरकार के समकक्ष पदों के समान पुनरीक्षित वेतनमान, चयन वेतनमान, पदोन्नति वेतनमान एक पैकेज के रूप में दिया गया था। इससे अलग जाने पर समकक्षता की स्थिति प्रभावित होगी। इसलिए राजकीय शिक्षकों को राजकीय कर्मियों की भांति एसीपी का लाभ दिया जाना संभव नहीं है।भड़के शिक्षक, मनाएंगे धिक्कार दिवस : एसीपी से शासन के इन्कार के बाद राजकीय शिक्षक संघ एक बार फिर आंदोलन का फैसला किया है। संघ के प्रांतीय अध्यक्ष पारस नाथ पांडेय की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में फैसला लिया गया कि शासन के इस फैसले के विरोधमें 9 फरवरी को धिक्कार दिवस मनाया जायेगा। इसमें प्रदेश के प्रत्येक राजकीय इंटर/हाईस्कूल में शिक्षक शासनादेश की प्रतियां जलाएंगे। 12 फरवरी को माध्यमिक शिक्षा निदेशालय पर प्रदेश के शिक्षक धरना भी देंगे। बैठक में कहा गया कि राजकीय शिक्षकों को न तो राज्य कर्मचारियों की भांति एसीपी दी जा रही है और न केंद्रीय शिक्षकों का वेतनमान। इसलिए शासन का यह फैसला अनुचित है। बैठक का संचालन महामंत्री छाया शुक्ला ने किया।
सरकारी नौकरी - Government of India Jobs Originally published for http://e-sarkarinaukriblog.blogspot.com/ Submit & verify Email for Latest Free Jobs Alerts Subscribe