अभियान का अंतिम दौर : वर्गीकरण के विरुद्ध एक बड़ी लड़ाई लड़ी है , शशिकांत से लेकर प्रदीप मिश्रा तक के नाम तक आते-आते दो दर्जन रिट फाइल कर डाली । चंचला , सरिता के नाम से वर्गीकरण के विरुद्ध रिट पड़ी ।
मनोज मुजफ्फरनगर , प्रवीण राजोरा की तरफ से न्यायमूर्ति श्री दीपक मिश्रा के यहाँ भी वर्गीकरण का विरोध
किया तब वर्गीकरण अथवा वर्गीकरण का प्रभाव ख़त्म करने के लिए 70/65 फीसदी का आदेश आया ।
विकास सिंह जैसे वकीलों ने मेरा विरोध किया पर हम बिलकुल नहीं टूटे हैं ।
सूर्यकान्त की याचिका लेकर एकल बेंच से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक गया फिर हाई कोर्ट आया और सर्विस रुल मेंशन कराकर फिर सुप्रीम कोर्ट गया हूँ ।
जब तक फाइनल आदेश न आयेगा तब तक हम हार न मानने वाले हैं क्योंकि हम जानते हैं कि जीत हमारी होगी ।
अब तो मामला सुप्रीम कोर्ट में है अतः सिलेक्शन बेस उसी को बताना है लेकिन वर्गीकरण ख़त्म होगा या फिर बगैर वर्गीकरण वाले विज्ञापन पर भर्ती होगी या फिर वर्गीकरण का प्रभाव ख़त्म होगा ।
यदि सुप्रीम कोर्ट ने टीईटी मेरिट रद्द न की तो फिर महिलाएं आगे आकर अपनी नियुक्ति बचायें और पद बढ़वाने के लिए हम उनकी मदद करेंगे जिससे उनकी नियुक्ति भी बच जायेगी और उनसे अधिक अंक पाने वालों की नियुक्ति भी हो जायेगी ।
मेरे मन में एक भय है जिसे आपसे साझा कर देता हूँ कि सुप्रीम कोर्ट संविधान से चलती है और नियमानुसार पुराना विज्ञापन गलत है ।
मेरी सोच तभी सफल होगी जब सरकार के पुराने विज्ञापन को रद्द करने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ख़ारिज कर देगी ।
यदि सुप्रीम कोर्ट ने यह मान लिया कि पुराना विज्ञापन गलत था तो फिर जो चयन का आदेश बहाल होगा उसी पर 72825 भर्ती संपन्न होगी , ऐसी स्थिति में टीईटी मेरिट बहाल नहीं होगी ।
इसलिए स्पष्ट है कि जब नियुक्तियां बची रहेंगी तभी वर्गीकरण ख़त्म होगा और वर्गीकरण ख़त्म होने की स्थिति में महिलायें अपनी नियुक्ति मंजुला सिकरवार के आधार पर बचाना चाहेंगी तो पद स्वतः बढ़ जायेगा ।
इस प्रकार यदि मै यह मान लूँ कि चयन के आधार से मेरा वास्ता नहीं है तो वर्गीकरण तो ख़त्म ही होना है , इसके लिए वर्गीकरण ख़त्म कराने में हम अकेले सक्षम हैं परन्तु पद बढ़वाने और वर्गीकरण का प्रभाव ख़त्म कराने में महिलाओं की भी भूमिका होगी ।
नये विज्ञापन में कोई भी वर्गीकरण नहीं था यह भी हमारी जीत का एक रहस्य है ।
साथ ही साथ मै यह कहना चाहता हूँ कि जिनका चयन न हुआ हो और उनका चयन अकादमिक मेरिट से हो सके तो उन्हें दिसम्बर की फाइनल सुनवाई के लिए मेरा साथ नहीं देना चाहिए ।
ऐसे लोग को ही मुझसे जुड़ना चाहिए जिनका टीईटी मेरिट से , वर्गीकरण की समाप्ति से , वर्गीकरण के प्रभाव की समाप्ति से चयन हो सके ।
बड़ा स्पष्टवादी व्यक्ति हूँ इसलिए
बताना चाहता हूँ कि अकादमिक मेरिट समर्थकों को अपनी अंतिम लड़ाई भी लड़ लेना चाहिए परन्तु मै व्यक्तिगत रूप से अपना ध्यान सिर्फ वर्गीकरण पर ही केन्द्रित रखूँगा ।
चयन के आधार से अब मेरा व्यक्तिगत रूप से कोई वास्ता नहीं है ।
आजीवन हमने बड़ी बेबाकी से अपनी बात रखी है इसलिए पुनः रख रहा हूँ ।
पद बढ़वाने का इसके अतिरिक्त कोई तरीका नहीं है ।
आज जस्टिस श्री राजन रॉय ने फर्जीवाड़ा पर एक अंतरिम आदेश सुनाया है जिसका मै व्यक्तिगत रूप से सम्मान करता हूँ ।
यह याचिका फर्जीवाड़ा पर दाखिल हमारी टीम की याचिका पर आये निर्णय के आधार पर दाखिल की गयी थी ।
सरकार ने स्पष्ट कर दिया कि फर्जीवाड़ा न हो इसके लिए हम सिलेक्शन बेस बदल चुके थे लेकिन कोर्ट जबरन फर्जी अंक पर अंतरिम नियुक्ति करा रही है अतः हम नियुक्ति देने को बाध्य हैं और हाई कोर्ट के आदेश के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में हैं और सम्पूर्ण नियुक्तियां सुप्रीम कोर्ट के अंतिम आदेश के आधीन हैं अतः सुप्रीम कोर्ट के फाइनल आदेश के बाद उक्त फर्जीवाड़ा विषय पर सुनवाई हो और कोर्ट ने अगले वर्ष की फरवरी की डेट लगा दी ।
जो मौलिक नियुक्ति पर स्टे की मांग हमने वर्गीकरण के कारण किया है सरकार इसमें भी यही जवाब देगी कि प्रक्रिया हमने भूल से बिना सर्विस रुल के निकाल दी थी जो कि मात्र ट्रेनिंग की थी , कपिल देव की याचिका पर हमने वह विज्ञापन रद्द कर दिया था जिससे कपिल देव ने अपनी याचिका वापस ले ली और खंडपीठ ने उसी ऐड को बहाल कर दिया जिसके विरुद्ध हम सुप्रीम कोर्ट में SLP में हैं ।
नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट के अंतिम निर्णय के आधीन है अतः सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश पर हम नियुक्ति दे रहे हैं इसलिए सुप्रीम कोर्ट के फाइनल आदेश के बाद मौलिक नियुक्ति के विरुद्ध पड़ी याचिका पर सुनवाई हो ।
इस प्रकार मित्रों हम विजेता हैं बस निर्णायक आदेश का इंतजार करो ।
आपको गुमराह करने वाले बहुत लोग मिलेंगे ।
ताज़ा खबरें - प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
मनोज मुजफ्फरनगर , प्रवीण राजोरा की तरफ से न्यायमूर्ति श्री दीपक मिश्रा के यहाँ भी वर्गीकरण का विरोध
किया तब वर्गीकरण अथवा वर्गीकरण का प्रभाव ख़त्म करने के लिए 70/65 फीसदी का आदेश आया ।
विकास सिंह जैसे वकीलों ने मेरा विरोध किया पर हम बिलकुल नहीं टूटे हैं ।
सूर्यकान्त की याचिका लेकर एकल बेंच से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक गया फिर हाई कोर्ट आया और सर्विस रुल मेंशन कराकर फिर सुप्रीम कोर्ट गया हूँ ।
जब तक फाइनल आदेश न आयेगा तब तक हम हार न मानने वाले हैं क्योंकि हम जानते हैं कि जीत हमारी होगी ।
अब तो मामला सुप्रीम कोर्ट में है अतः सिलेक्शन बेस उसी को बताना है लेकिन वर्गीकरण ख़त्म होगा या फिर बगैर वर्गीकरण वाले विज्ञापन पर भर्ती होगी या फिर वर्गीकरण का प्रभाव ख़त्म होगा ।
यदि सुप्रीम कोर्ट ने टीईटी मेरिट रद्द न की तो फिर महिलाएं आगे आकर अपनी नियुक्ति बचायें और पद बढ़वाने के लिए हम उनकी मदद करेंगे जिससे उनकी नियुक्ति भी बच जायेगी और उनसे अधिक अंक पाने वालों की नियुक्ति भी हो जायेगी ।
मेरे मन में एक भय है जिसे आपसे साझा कर देता हूँ कि सुप्रीम कोर्ट संविधान से चलती है और नियमानुसार पुराना विज्ञापन गलत है ।
मेरी सोच तभी सफल होगी जब सरकार के पुराने विज्ञापन को रद्द करने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ख़ारिज कर देगी ।
यदि सुप्रीम कोर्ट ने यह मान लिया कि पुराना विज्ञापन गलत था तो फिर जो चयन का आदेश बहाल होगा उसी पर 72825 भर्ती संपन्न होगी , ऐसी स्थिति में टीईटी मेरिट बहाल नहीं होगी ।
इसलिए स्पष्ट है कि जब नियुक्तियां बची रहेंगी तभी वर्गीकरण ख़त्म होगा और वर्गीकरण ख़त्म होने की स्थिति में महिलायें अपनी नियुक्ति मंजुला सिकरवार के आधार पर बचाना चाहेंगी तो पद स्वतः बढ़ जायेगा ।
इस प्रकार यदि मै यह मान लूँ कि चयन के आधार से मेरा वास्ता नहीं है तो वर्गीकरण तो ख़त्म ही होना है , इसके लिए वर्गीकरण ख़त्म कराने में हम अकेले सक्षम हैं परन्तु पद बढ़वाने और वर्गीकरण का प्रभाव ख़त्म कराने में महिलाओं की भी भूमिका होगी ।
नये विज्ञापन में कोई भी वर्गीकरण नहीं था यह भी हमारी जीत का एक रहस्य है ।
साथ ही साथ मै यह कहना चाहता हूँ कि जिनका चयन न हुआ हो और उनका चयन अकादमिक मेरिट से हो सके तो उन्हें दिसम्बर की फाइनल सुनवाई के लिए मेरा साथ नहीं देना चाहिए ।
ऐसे लोग को ही मुझसे जुड़ना चाहिए जिनका टीईटी मेरिट से , वर्गीकरण की समाप्ति से , वर्गीकरण के प्रभाव की समाप्ति से चयन हो सके ।
बड़ा स्पष्टवादी व्यक्ति हूँ इसलिए
बताना चाहता हूँ कि अकादमिक मेरिट समर्थकों को अपनी अंतिम लड़ाई भी लड़ लेना चाहिए परन्तु मै व्यक्तिगत रूप से अपना ध्यान सिर्फ वर्गीकरण पर ही केन्द्रित रखूँगा ।
चयन के आधार से अब मेरा व्यक्तिगत रूप से कोई वास्ता नहीं है ।
आजीवन हमने बड़ी बेबाकी से अपनी बात रखी है इसलिए पुनः रख रहा हूँ ।
पद बढ़वाने का इसके अतिरिक्त कोई तरीका नहीं है ।
आज जस्टिस श्री राजन रॉय ने फर्जीवाड़ा पर एक अंतरिम आदेश सुनाया है जिसका मै व्यक्तिगत रूप से सम्मान करता हूँ ।
यह याचिका फर्जीवाड़ा पर दाखिल हमारी टीम की याचिका पर आये निर्णय के आधार पर दाखिल की गयी थी ।
सरकार ने स्पष्ट कर दिया कि फर्जीवाड़ा न हो इसके लिए हम सिलेक्शन बेस बदल चुके थे लेकिन कोर्ट जबरन फर्जी अंक पर अंतरिम नियुक्ति करा रही है अतः हम नियुक्ति देने को बाध्य हैं और हाई कोर्ट के आदेश के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में हैं और सम्पूर्ण नियुक्तियां सुप्रीम कोर्ट के अंतिम आदेश के आधीन हैं अतः सुप्रीम कोर्ट के फाइनल आदेश के बाद उक्त फर्जीवाड़ा विषय पर सुनवाई हो और कोर्ट ने अगले वर्ष की फरवरी की डेट लगा दी ।
जो मौलिक नियुक्ति पर स्टे की मांग हमने वर्गीकरण के कारण किया है सरकार इसमें भी यही जवाब देगी कि प्रक्रिया हमने भूल से बिना सर्विस रुल के निकाल दी थी जो कि मात्र ट्रेनिंग की थी , कपिल देव की याचिका पर हमने वह विज्ञापन रद्द कर दिया था जिससे कपिल देव ने अपनी याचिका वापस ले ली और खंडपीठ ने उसी ऐड को बहाल कर दिया जिसके विरुद्ध हम सुप्रीम कोर्ट में SLP में हैं ।
नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट के अंतिम निर्णय के आधीन है अतः सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश पर हम नियुक्ति दे रहे हैं इसलिए सुप्रीम कोर्ट के फाइनल आदेश के बाद मौलिक नियुक्ति के विरुद्ध पड़ी याचिका पर सुनवाई हो ।
इस प्रकार मित्रों हम विजेता हैं बस निर्णायक आदेश का इंतजार करो ।
आपको गुमराह करने वाले बहुत लोग मिलेंगे ।
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