लखनऊ(ब्यूरो)। राज्य सरकार यूपी बोर्ड के स्कूलों का शैक्षिक सत्र फिर से
बदलकर पूर्व की तरह एक जुलाई से 30 जून तक करने पर विचार कर रही है। मौजूदा
समय शैक्षिक सत्र पहली अप्रैल से 30 मार्च तक है। प्रदेश के नवनियुक्त
माध्यमिक शिक्षा मंत्री बलराम यादव ने सोमवार को विभागीय अधिकारियों की
पहली बैठक में विचार-विमर्श करते हुए इस पर चर्चा की।
उन्होंने अधिकारियों से राय मांगी कि पुरानी व्यवस्था से छात्रों की पढ़ाई पर कोई असर तो नहीं पड़ेगा।
यादव ने राजकीय इंटर कॉलेजों में गुणवत्ता के साथ पढ़ाई के लिए शिक्षकों के रिक्त पदों को प्राथमिकता के आधार पर भरने व निरीक्षण व्यवस्था को और प्रभावी बनाने का निर्देश दिया। साथ ही यूपी बोर्ड परीक्षा के लिए केंद्र निर्धारण में पारदर्शी व्यवस्था अपनाने का निर्देश दिए। उन्होंने जर्जर हो चुके राजकीय इंटर कॉलेजों के भवन निर्माण को गुणवत्ता के साथ प्राथमिकता पर कराने की जिम्मेदारी अधिकारियों को सौंपी है। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान में बने मॉडल स्कूलों की गुणवत्ता में गड़बड़ी की बात अधिकारियों को बताते हुए आजमगढ़ में तेरही में निर्मित स्कूल का निरीक्षण कराने का निर्देश दिया। वहीं माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री विजय बहादुर पाल ने कहा कि दूसरों के दोष गिनाने से ज्यादा जरूरी है कि पूरा ध्यान माध्यमिक शिक्षा की सुधार में लगाया जाए। पहले क्या हुआ और कौन जिम्मेदार है, यह सब बातें करने से बेहतर है कि सौंपे गये दायित्व का भलीभांति निर्वहन करें। बैठक में प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा जितेंद्र कुमार भी मौजूद थे।
‘क्लीन स्कूल, ग्रीन स्कूल’ को बनाएं सफल : बलराम यादव ने राजकीय विद्यालयों में अवस्थापना सुविधाआें के विकास के लिए जरूरी कार्यवाही करने और ‘क्लीन स्कूल, ग्रीन स्कूल’ अभियान को प्रमुखता से चलाने का निर्देश दिया। उन्होंने माध्यमिक शिक्षा निदेशक को निर्देश दिया कि जिलों, मंडलों से जानकारी लें कि सत्र 2015-16 में कितने कार्यदिवस शिक्षण कार्य कराया गया है और अप्रैल से अगस्त के बीच कितने प्रतिशत छात्र-छात्रों ने दाखिला लिया है।
माध्यमिक शिक्षा मंत्री बलराम यादव ने विभागीय अफसरों के साथ की बैठक
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उन्होंने अधिकारियों से राय मांगी कि पुरानी व्यवस्था से छात्रों की पढ़ाई पर कोई असर तो नहीं पड़ेगा।
यादव ने राजकीय इंटर कॉलेजों में गुणवत्ता के साथ पढ़ाई के लिए शिक्षकों के रिक्त पदों को प्राथमिकता के आधार पर भरने व निरीक्षण व्यवस्था को और प्रभावी बनाने का निर्देश दिया। साथ ही यूपी बोर्ड परीक्षा के लिए केंद्र निर्धारण में पारदर्शी व्यवस्था अपनाने का निर्देश दिए। उन्होंने जर्जर हो चुके राजकीय इंटर कॉलेजों के भवन निर्माण को गुणवत्ता के साथ प्राथमिकता पर कराने की जिम्मेदारी अधिकारियों को सौंपी है। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान में बने मॉडल स्कूलों की गुणवत्ता में गड़बड़ी की बात अधिकारियों को बताते हुए आजमगढ़ में तेरही में निर्मित स्कूल का निरीक्षण कराने का निर्देश दिया। वहीं माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री विजय बहादुर पाल ने कहा कि दूसरों के दोष गिनाने से ज्यादा जरूरी है कि पूरा ध्यान माध्यमिक शिक्षा की सुधार में लगाया जाए। पहले क्या हुआ और कौन जिम्मेदार है, यह सब बातें करने से बेहतर है कि सौंपे गये दायित्व का भलीभांति निर्वहन करें। बैठक में प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा जितेंद्र कुमार भी मौजूद थे।
‘क्लीन स्कूल, ग्रीन स्कूल’ को बनाएं सफल : बलराम यादव ने राजकीय विद्यालयों में अवस्थापना सुविधाआें के विकास के लिए जरूरी कार्यवाही करने और ‘क्लीन स्कूल, ग्रीन स्कूल’ अभियान को प्रमुखता से चलाने का निर्देश दिया। उन्होंने माध्यमिक शिक्षा निदेशक को निर्देश दिया कि जिलों, मंडलों से जानकारी लें कि सत्र 2015-16 में कितने कार्यदिवस शिक्षण कार्य कराया गया है और अप्रैल से अगस्त के बीच कितने प्रतिशत छात्र-छात्रों ने दाखिला लिया है।
माध्यमिक शिक्षा मंत्री बलराम यादव ने विभागीय अफसरों के साथ की बैठक
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