मुंबई, प्रेट्र : सरकार शिक्षा के क्षेत्र में संविधान प्रदत्त आरक्षण की व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं करने जा रही है। मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने यह जानकारी दी।
राज्य भाजपा मुख्यालय पर पत्रकारों से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार ने अभी नई शिक्षा नीति को अंतिम रूप नहीं दिया है। मसौदा नीति को अभी चर्चा के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल के सामने रखा जाना है। जावड़ेकर ने कहा, ‘सरकार ड्राफ्ट को चर्चा के लिए शिक्षा विशेषज्ञों के सामने रखेगी। इसके बाद मसौदा नीति को मंत्रिमंडल के समक्ष रखा जाएगा। जहां तक आरक्षण की बात है, यह संविधान प्रदत्त है। आरक्षण में बदलाव की हमारी कोई योजना नहीं है।’ उन्होंने कहा कि सरकार सर्व समावेशी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना चाहती है। सरकार ने प्रस्तावित शिक्षा नीति के लिए गांव से लेकर राज्य स्तर तक से सुझाव मांगे हैं। लोग मायगव डॉट इन पोर्टल पर 30 सितंबर तक इस संबंध में अपने सुझाव दे सकते हैं। 1जावड़ेकर ने कहा कि सरकार ने स्कूल शिक्षा के लिए 13 और उच्चतर तथा तकनीकी शिक्षा के लिए 20 दलों का गठन किया है। इस संबंध में लाखों पन्नों में 29 हजार सुझाव मिले थे। टीएसआर सुब्रमण्यन कमेटी ने इन सुझावों को 200 पन्ने में समेटा है। सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से एक बार फिर सुझाव मांगे गए हैं। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में जावड़ेकर ने बताया कि देश में किंडरगार्टन से आइआइटी तक 20 लाख से ज्यादा शिक्षकों के पद खाली हैं।
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राज्य भाजपा मुख्यालय पर पत्रकारों से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार ने अभी नई शिक्षा नीति को अंतिम रूप नहीं दिया है। मसौदा नीति को अभी चर्चा के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल के सामने रखा जाना है। जावड़ेकर ने कहा, ‘सरकार ड्राफ्ट को चर्चा के लिए शिक्षा विशेषज्ञों के सामने रखेगी। इसके बाद मसौदा नीति को मंत्रिमंडल के समक्ष रखा जाएगा। जहां तक आरक्षण की बात है, यह संविधान प्रदत्त है। आरक्षण में बदलाव की हमारी कोई योजना नहीं है।’ उन्होंने कहा कि सरकार सर्व समावेशी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना चाहती है। सरकार ने प्रस्तावित शिक्षा नीति के लिए गांव से लेकर राज्य स्तर तक से सुझाव मांगे हैं। लोग मायगव डॉट इन पोर्टल पर 30 सितंबर तक इस संबंध में अपने सुझाव दे सकते हैं। 1जावड़ेकर ने कहा कि सरकार ने स्कूल शिक्षा के लिए 13 और उच्चतर तथा तकनीकी शिक्षा के लिए 20 दलों का गठन किया है। इस संबंध में लाखों पन्नों में 29 हजार सुझाव मिले थे। टीएसआर सुब्रमण्यन कमेटी ने इन सुझावों को 200 पन्ने में समेटा है। सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से एक बार फिर सुझाव मांगे गए हैं। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में जावड़ेकर ने बताया कि देश में किंडरगार्टन से आइआइटी तक 20 लाख से ज्यादा शिक्षकों के पद खाली हैं।
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