तीन लाख से ज्यादा शिक्षकों की भर्ती , फिर भी बिना शिक्षक हैं कई स्कूल

लखनऊ प्रदेश में प्राइमरी के लाखों शिक्षकों की भर्तियां होने के बावजूद सैकड़ों स्कूल ऐसे हैं, जहां एक भी शिक्षक नहीं है। खुद बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने राज्य परियोजना कार्यालय को भेजे ब्योरे में यह जानकारी दी है। इस पर राज्य परियोजना निदेशक ने ब्लॉकवार समीक्षा के निर्देश दिए हैं।
सपा सरकार आने के बाद से प्रदेश में तीन लाख से ज्यादा शिक्षकों की भर्ती हुई है। प्रदेश में करीब 4.5 लाख शिक्षक हैं, जबकि स्कूल दो लाख से कम हैं। ऐसे में एक स्कूल पर 2.5 शिक्षक का औसत आता है। इसके बावजूद सैकड़ों स्कूल बिना शिक्षक हैं। राज्य परियोजना निदेशक जीएस प्रियदर्शी ने इस पर चिंता जताई है और अधिकारियों से कहा है कि ऐसे स्कूलों का निरीक्षण करवाकर उनकी रिपोर्ट भेजी जाए। माना जा रहा है कि बेसिक शिक्षा अधिकारी शिक्षकों को मनचाही तैनाती दे रहे हैं, इसी वजह से कई स्कूल खाली हो गए है।

राज्य परियोजना निदेशक के इस निर्देश के बाद बेसिक शिक्षा निदेशालय ने भी सभी बीएसए को पत्र लिखकर समायोजन के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि कोई भी स्कूल बिना शिक्षक के नहीं रहना चाहिए। यह भी कहा है कि इस महीने होने वाली समीक्षा बैठक से पहले इसकी जांच करवाके सभी बीएसए रिपोर्ट लेकर आएं।


इन जिलों की हालत चिंताजनक

आगरा, अंबेडकर नगर, अमेठी, बहराइच, बलिया, बाराबंकी, बलरामपुर, बरेली, बांदा, चंदौली, एटा, फैजाबाद, गाजीपुर, गोंडा, हरदोई, हमीरपुर, जौनपुर, लखीमपुर खीरी, मुरादाबाद, प्रतापगढ़, रायबरेली, रामपुर, सहारनपुर, संत कबीरनगर, संभल, शाहजहांपुर, शामली, श्रवस्ती, सिद्धार्थ नगर, सीतापुर, वाराणसी, उन्नाव।
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