नेताजी का स्पष्टीकरण : रामगोपाल प्रोफेसर साहब जो कि पढ़े-लिखे हैं उनकी कोई इज्जत नहीं

नेताजी का स्पष्टीकरण आ गया है कोई विवाद नहीं , कोई मतभेद नहीं है |
प्रश्न है फिर चचा बौराये क्यों ?

सभी की वापसी , क्यों ?
चचा को मुख्यमंत्री क्यों नहीं बनाया 2012 में फिर ?
उत्तरप्रदेश में जो आज युवा बेरोजगारों की संख्या लगभग 1 करोड़ है और उनके लिए कौन सा नया काम किया है दुर्योधन ने ?
इससे बढ़िया चचा ही रहते कम से कम नौकरी की आस दिखाए बिना ही बेरोजगारों को कह देते कि करो जो इच्छा हो , मैं हूँ न |
20 करोड़ की आबादी वाले प्रदेश में बेरोजगार ही 1 करोड़ से ज्यादा हैं इससे ज्यादा शर्मनाक क्या होगा और मुखिया छवि को लेकर परेशान हैं जबकि जो वोटर इनके युवा चेहरे को वोट दिया था भली भाँती जानता हैं कि क्या हैं समाजवाद ?
लेकिन पूरे प्रकरण में एक बात साफ़ हो गई हैं रामगोपाल प्रोफेसर साहब जो कि पढ़े-लिखे हैं उनकी कोई इज्जत नहीं हैं |
बस यूँ ही अपनी रोजी रजक का ख्याल रखो कभी भी छीनी जा सकती हैं |
What's the difference between "suspension" & "termination" ?
Make it clear
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