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शिक्षक आते नहीं, काहे की गुणवत्ता

राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : प्रदेश के बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों की दशा इन दिनों बेहद खराब है। स्कूलों में शिक्षक समय पर नहीं आते और कई मास्साब तो अक्सर गायब रहते हैं। इससे विद्यालय खुल जरूर रहे हैं, लेकिन पढ़ाई-लिखाई गुजरे जमाने की बात हो गई है।
जिन पर शिक्षकों के निरीक्षण का जिम्मा है वह भी बेपरवाह हैं। ऑनलाइन निरीक्षण सिस्टम लागू होते ही फेल हो गया है। विद्यालयों में लगातार शैक्षिक गुणवत्ता का स्तर गिर रहा है।
शिक्षा निदेशक को बेसिक दिनेश बाबू शर्मा को यह सूचनाएं लगातार मिल रही थी कि शिक्षक विद्यालय नहीं आ रहे हैं। अगस्त में उन्होंने बीएसए से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी। इसमें शिक्षकों के गायब रहने के संकेत मिले हैं। इस पर अंकुश लगाने के लिए नियमित निरीक्षण एवं पर्यवेक्षण तेजी से करने का निर्णय लिया गया साथ ही अफसरों की जिम्मेदारी भी तय की गई है। ताज्जुब यह है कि विभाग में इन दिनों निरीक्षण आख्या की ऑनलाइन फीडिंग व्यवस्था लागू है। उसकी रिपोर्ट से स्पष्ट है कि मंडल, जिला एवं ब्लाक स्तर के अफसर निरीक्षण नहीं कर रहे हैं। इससे स्कूलों में पठन-पाठन दुरुस्त नहीं हो पा रहा है।
निदेशक ने कड़े निर्देश दिए हैं कि लक्ष्य के सापेक्ष औचक निरीक्षण किया जाए। निरीक्षण में कमी मिलने पर उसे दूर करने का समय तय किया जाए और अगले माह फिर उसी स्कूल को अनिवार्य रूप से देखा जाए। यदि निर्देश का अनुपालन नहीं हुआ है तो विभागीय कार्रवाई की जाए। निरीक्षण की ऑनलाइन फीडिंग जरूर की जाए। शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अफसर मातहतों को औचक निरीक्षण के लिए समय-समय पर निर्देशित करें। ऑनलाइन फीडिंग की निरीक्षण की संकलित सूचना हर माह की अंतिम तारीख से पूर्व भेजी जाए।

ऑनलाइन निरीक्षण सिस्टम फेल

एडी बेसिक व बीएसए हर माह करें 10-10 स्कूलों का निरीक्षण

अफसरों के सिर फूटा पठन-पाठन न हो पाने का ठीकरा


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