उत्तर प्रदेश शिक्षामित्र केस पर अक्सर अपनी राय देकर शिक्षामित्रों को भ्रमित करने वाले विधि विशेषज्ञ कृपया इन बिंदुओं पर अवश्य ध्यान दें हाईकोर्ट इलाहाबाद द्वारा जिन बिंदुओं को लेकर हमारा समायोजन रद्द किया गया है सुप्रीम कोर्ट में शिक्षा मित्रों की ओर से एवं राज्य सरकार की ओर से उन्ही पर जवाब दाखिल किया जाना है उसी पर बहस होनी है और सुप्रीम कोर्ट को संतुष्ट करना है |
कि हमारा समायोजन कैसे बचेगा |
दिए गए निर्णय पर एक बार अवश्य ध्यान करने की आवश्यकता है हमें लड़ाई किन-किन बिंदुओं को लेकर लड़नी है जो कि नीचे दिए गए फोटो में 32 दिया गया है (संक्षेप में हाई कोर्ट निर्णयानुसार शिक्षामित्र सर्विस रूल 1981 का पालन नहीं करते हैं इसलिए समायोजन अवैध है )|
33-हमारी ट्रेनिंग किस आधार पर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कराई गई है और हमें किस तरह अपनी ट्रेनिंग को बचाना है कृपया ध्यान जरूर कर लें एवं प्रदेश में बहुत सारे ग्रुप प्रदेश के समायोजित शिक्षामित्रों से कोर्ट के नाम पर धन उगाही में लगे हैं हमारा उनको बार-बार यही कहना है कि वह अगर वास्तविक शिक्षामित्र का हित चाहते हैं अच्छे सीनियर वकीलों को करें ऐसे वकीलों को ना करें जिनके बारे में शिक्षामित्रों ने कभी सुना ही ना हो |
नोट--> उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के समस्त ब्लॉक पदाधिकारी/ जिला पदाधिकारी /मंडल पदाधिकारीयों से अनुरोध है कि वह है कि 7 दिसंबर की तैयारी के लिए किसी तरह की कोई कोताही न बरतें हो सकता है 7 दिसंबर को होने वाली सुनवाई लगातार कर दी जाए ऐसे में जरूरी होगा कि हम सभी पहले से तैयार रहें अगर सुनवाई लगातार होती है तो हम मजबूती के साथ कोर्ट में अपने सीनियर अधिवक्ताओं को लेकर खड़े हों जिससे कि हमारा भविष्य को कोई भी नुकसान पहुंचे यह हमारी लड़ाई अब निर्णायक मोड़ पर है जिसे हम सबको मिलकर लड़ना है उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ शिक्षामित्रों के भविष्य के साथ किसी भी स्थिति में खिलवाड़ नहीं होने देगा | प्रदेश के समस्त शिक्षामित्रों का साथ संगठन को चाहिए जिससे हाईकोर्ट इलाहाबाद जैसी स्थिति में संगठन ना पहुंचे कि करना तो बहुत कुछ चाहते थे पर परिस्थितिवश कर कुछ ना सके | धन्यवाद !
कौशल कुमार सिंह , प्रदेश मंत्री
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ |
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कि हमारा समायोजन कैसे बचेगा |
दिए गए निर्णय पर एक बार अवश्य ध्यान करने की आवश्यकता है हमें लड़ाई किन-किन बिंदुओं को लेकर लड़नी है जो कि नीचे दिए गए फोटो में 32 दिया गया है (संक्षेप में हाई कोर्ट निर्णयानुसार शिक्षामित्र सर्विस रूल 1981 का पालन नहीं करते हैं इसलिए समायोजन अवैध है )|
33-हमारी ट्रेनिंग किस आधार पर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कराई गई है और हमें किस तरह अपनी ट्रेनिंग को बचाना है कृपया ध्यान जरूर कर लें एवं प्रदेश में बहुत सारे ग्रुप प्रदेश के समायोजित शिक्षामित्रों से कोर्ट के नाम पर धन उगाही में लगे हैं हमारा उनको बार-बार यही कहना है कि वह अगर वास्तविक शिक्षामित्र का हित चाहते हैं अच्छे सीनियर वकीलों को करें ऐसे वकीलों को ना करें जिनके बारे में शिक्षामित्रों ने कभी सुना ही ना हो |
नोट--> उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के समस्त ब्लॉक पदाधिकारी/ जिला पदाधिकारी /मंडल पदाधिकारीयों से अनुरोध है कि वह है कि 7 दिसंबर की तैयारी के लिए किसी तरह की कोई कोताही न बरतें हो सकता है 7 दिसंबर को होने वाली सुनवाई लगातार कर दी जाए ऐसे में जरूरी होगा कि हम सभी पहले से तैयार रहें अगर सुनवाई लगातार होती है तो हम मजबूती के साथ कोर्ट में अपने सीनियर अधिवक्ताओं को लेकर खड़े हों जिससे कि हमारा भविष्य को कोई भी नुकसान पहुंचे यह हमारी लड़ाई अब निर्णायक मोड़ पर है जिसे हम सबको मिलकर लड़ना है उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ शिक्षामित्रों के भविष्य के साथ किसी भी स्थिति में खिलवाड़ नहीं होने देगा | प्रदेश के समस्त शिक्षामित्रों का साथ संगठन को चाहिए जिससे हाईकोर्ट इलाहाबाद जैसी स्थिति में संगठन ना पहुंचे कि करना तो बहुत कुछ चाहते थे पर परिस्थितिवश कर कुछ ना सके | धन्यवाद !
कौशल कुमार सिंह , प्रदेश मंत्री
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