इटावा। उत्तरप्रदेश की अखिलेश यादव सरकार की जारी कई योजनाओं में से एक नि:शुल्क स्कूल बैग वितरण खटाई में पड़ गई है। इटावा के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ओपी सिंह ने यहां बताया कि राज्य विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने के कारण अब बैगों का वितरण संभव नहीं है।
विधानसभा चुनाव के दृष्टिगत चुनाव आयोग द्वारा लगाई गई आदर्श आचार संहिता के चलते मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पैतृक जिले इटावा के 50 हजार से अधिक बच्चों को स्कूल बैग नहीं मिले हैं। आपूर्तिकर्ता के काफी दबाव के बावजूद आचार संहिता लगने के बाद जिले के बेसिक शिक्षा विभाग ने शेष स्कूल बैग लेने से मना कर दिया है।
पिछले वर्ष घोषित स्कूल बैग वितरण योजना के तहत परिषदीय, सहायता प्राप्त प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययनरत कक्षा आठ तक के बच्चों को नि:शुल्क स्कूल बैग दिया जाना था। समाजवादी पार्टी (सपा) के लाल और हरे रंग के स्कूल बैग में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की फोटो छपी है।
इनको बांटने के लिए छ: मार्च तक का समय तय किया गया था। जिले में कुल एक लाख 24 हजार चार बच्चों को ये बैग दिए जाने थे जबकि 29 दिसंबर तक 71 हजार 340 प्राप्त हुए। इसके बाद स्कूल बैग के सप्लायर गाजियाबाद के 'विनिष्मा टेक्नोलाजीस प्राइवेट लिमिटेड' से बैग लेने से जिला बेसिक शिक्षा विभाग ने मना कर दिया।
सर्वशिक्षा अभियान के जिला समन्वयक प्रशिक्षण डॉ. सर्वेश यादव ने बताया कि कुछ एडेड और इंटरमीडिएट विद्यालयों में स्कूल बैग वितरण नहीं किया गया है जबकि परिषदीय विद्यालयों को बैग दिए जा चुके हैं, वहीं जिन विद्यार्थियों को स्कूल बैग नहीं मिले हैं वे इसे पक्षपात और लापरवाही बता रहे हैं।
गैर सपा दलों के नेताओं ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि सत्ता में होने का लाभ उठाते हुए मतदाताओं को इस प्रकार प्रलोभन देना सरासर गलत है। उन्होंने बैग वितरण को तत्काल बंद कराने और न होने पर चुनाव आयोग से शिकायत करने की बात कही है, वहीं सप्लायर विनिष्मा टेक्नोलॉजी का कहना है कि शेष बैग प्राप्त करने से मना करने का लिखित में कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है।
असल में चुनाव आयोग की रोक के बावजूद महेवा विकास खंड में संचालित परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों को मुख्यमंत्री के फोटो लगे बैग बांटे जाने के बाद हंगामा हो गया। चुनाव आचार संहिता की धज्जियां उड़ाये जाने की निंदा भाजपा जिलाध्यक्ष शिव महेश दुबे ने करते हुए निर्वाचन आयोग से दोषियों के खिलाफ कार्रवाई किये जाने की मांग की है।
खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय से ये बैग महेवा विकास खंड के 14 संकुलों पर पहुंचाए गए और 299 प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों द्वारा बच्चों को उपलब्ध कराने के लिए वितरित किए गए। बकेवर देहात के संकुल चंद्रपुरा में संकुल प्रभारी बेखौफ होकर मुख्यमंत्री की फोटो लगे स्कूली बैग शिक्षकों को वितरित करते दिखे। यहां लबारपुरा विद्यालय के दिव्यांग सहायक अध्यापक रमाकांत अपनी ट्राई मोटरसाइकिल पर स्कूली बैग लादकर ले जा रहे थे।
महेवा विकासखंड में संचालित 299 प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में स्कूली बैग आये थे। निर्वाचन आयोग ने बैग वितरण में तल्खी दिखाई जिसके चलते आनन-फानन में बैग गुपचुप ढंग से पहुंचाए गए और वहीं से ये बैग बच्चों को वितरित करने के लिए स्कूलों में पहुंचा दिए गए।
भाजपा जिलाध्यक्ष शिवमहेश दुबे का कहना है कि मुख्यमंत्री की फोटो लगे बैग बांटना आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है, जिले के कुछ अधिकारी एक दल का काम कर रहे हैं। जहां भी बैग बांटे जा रहे हैं उन दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। (वार्ता)
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विधानसभा चुनाव के दृष्टिगत चुनाव आयोग द्वारा लगाई गई आदर्श आचार संहिता के चलते मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पैतृक जिले इटावा के 50 हजार से अधिक बच्चों को स्कूल बैग नहीं मिले हैं। आपूर्तिकर्ता के काफी दबाव के बावजूद आचार संहिता लगने के बाद जिले के बेसिक शिक्षा विभाग ने शेष स्कूल बैग लेने से मना कर दिया है।
पिछले वर्ष घोषित स्कूल बैग वितरण योजना के तहत परिषदीय, सहायता प्राप्त प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययनरत कक्षा आठ तक के बच्चों को नि:शुल्क स्कूल बैग दिया जाना था। समाजवादी पार्टी (सपा) के लाल और हरे रंग के स्कूल बैग में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की फोटो छपी है।
इनको बांटने के लिए छ: मार्च तक का समय तय किया गया था। जिले में कुल एक लाख 24 हजार चार बच्चों को ये बैग दिए जाने थे जबकि 29 दिसंबर तक 71 हजार 340 प्राप्त हुए। इसके बाद स्कूल बैग के सप्लायर गाजियाबाद के 'विनिष्मा टेक्नोलाजीस प्राइवेट लिमिटेड' से बैग लेने से जिला बेसिक शिक्षा विभाग ने मना कर दिया।
सर्वशिक्षा अभियान के जिला समन्वयक प्रशिक्षण डॉ. सर्वेश यादव ने बताया कि कुछ एडेड और इंटरमीडिएट विद्यालयों में स्कूल बैग वितरण नहीं किया गया है जबकि परिषदीय विद्यालयों को बैग दिए जा चुके हैं, वहीं जिन विद्यार्थियों को स्कूल बैग नहीं मिले हैं वे इसे पक्षपात और लापरवाही बता रहे हैं।
गैर सपा दलों के नेताओं ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि सत्ता में होने का लाभ उठाते हुए मतदाताओं को इस प्रकार प्रलोभन देना सरासर गलत है। उन्होंने बैग वितरण को तत्काल बंद कराने और न होने पर चुनाव आयोग से शिकायत करने की बात कही है, वहीं सप्लायर विनिष्मा टेक्नोलॉजी का कहना है कि शेष बैग प्राप्त करने से मना करने का लिखित में कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है।
असल में चुनाव आयोग की रोक के बावजूद महेवा विकास खंड में संचालित परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों को मुख्यमंत्री के फोटो लगे बैग बांटे जाने के बाद हंगामा हो गया। चुनाव आचार संहिता की धज्जियां उड़ाये जाने की निंदा भाजपा जिलाध्यक्ष शिव महेश दुबे ने करते हुए निर्वाचन आयोग से दोषियों के खिलाफ कार्रवाई किये जाने की मांग की है।
खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय से ये बैग महेवा विकास खंड के 14 संकुलों पर पहुंचाए गए और 299 प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों द्वारा बच्चों को उपलब्ध कराने के लिए वितरित किए गए। बकेवर देहात के संकुल चंद्रपुरा में संकुल प्रभारी बेखौफ होकर मुख्यमंत्री की फोटो लगे स्कूली बैग शिक्षकों को वितरित करते दिखे। यहां लबारपुरा विद्यालय के दिव्यांग सहायक अध्यापक रमाकांत अपनी ट्राई मोटरसाइकिल पर स्कूली बैग लादकर ले जा रहे थे।
महेवा विकासखंड में संचालित 299 प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में स्कूली बैग आये थे। निर्वाचन आयोग ने बैग वितरण में तल्खी दिखाई जिसके चलते आनन-फानन में बैग गुपचुप ढंग से पहुंचाए गए और वहीं से ये बैग बच्चों को वितरित करने के लिए स्कूलों में पहुंचा दिए गए।
भाजपा जिलाध्यक्ष शिवमहेश दुबे का कहना है कि मुख्यमंत्री की फोटो लगे बैग बांटना आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है, जिले के कुछ अधिकारी एक दल का काम कर रहे हैं। जहां भी बैग बांटे जा रहे हैं उन दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। (वार्ता)
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