22 फरबरी : सुनवाई के लिए शसक्त पैनल को तय कर लिया गया है : प्रवीण कुमार श्रीवास्तव

प्रवीण श्रीवास्तव जी की कलम से,
नमस्कार दोस्तों, आप सभी जानते है कि अब अपनी सुनवाई का समय बहुत नजदीक आ चुका है। हम सभी ने अपना जितना प्रयास करना है वो हमें किया है और लगातार कर भी रहे है।
जो भी साथी यहाँ प्रयास कर रहा है एक बार आपको सोचना चाहिए कि वह पहले प्रयास करता है फिर यहाँ और फोन पर उससे आपको अवगत कराता है और अपनी जबाबदेही प्रस्तुत करता है।
हमारी टीम जिसकी न्यायिक कमान मयंक तिवारी जी के हाथ में है और जिनको पूरा न्यायिक सहयोग नवीन श्रीवास्तव जी और अमित कपिल जी द्वारा किया जाता है ने इस बार भी अपनी जिम्मेदारी पूर्ण कर ली है।
आप सभी को एक स्थान पर याची बनाने की जगह तीन-तीन स्थान पर याची बनाने के साथ-साथ पहली सुनवाई से हर सुनवाई पर तीन-तीन सीनियर एडवोकेट्स को खड़ा किया है। आज उन्ही की देन है कि 7दिसम्बर के बाद से 24फरबरी, 24अगस्त और 17नवम्बर के आदेश हमें मिले है और कोर्ट वापस 72825पदों पर नही लौट पाई है।
यदि आप चाहते है उन आदेशों में एक कड़ी ओर जुड़े तो अगली सुनवाई पर हम सभी अचयनितों की झोली भर जाये तो आज एक प्रश्न खुद से जरूर करें कि क्या हम शिक्षामित्रों से कुछ सीख सकते है या नही..???????
जब-जब हम ज़मीन पर उतरे क्या आपने हमें अपना ज़मीन पर वो सहयोग दिया जो आपको देना चाहिए था..???? दूसरी तरफ आप उनके बड़े-बड़े अधिवक्ता देखते है और हमारी तरफ ऊँगली उठाते है पर यहाँ भी भूल जाते है वो अपनी नौकरी के लिए प्रति माह कम से कम 1000 का सहयोग अपने नेतृत्व को पहुंचाते है। अब यदि आप यहाँ यह तर्क देंगे कि उनको सरकार से मिल रहा है तो आपको फिर सोचना पड़ेगा कि चाहे व्यतिगत हालात कुछ भी हों हमारी लड़ाई उसी पद के लिए है जिसके वो लड़ रहे है।
इतने अंतर के बाद भी हमारी टीम से अपनी जिम्मेदारी के साथ पूरी ईमानदारी से और अपनी अंतरात्मा से इस जॉब के लिए प्रयास किया है। एल नागेश्वर रॉव जी, सी एस वैधनाथन जी, के वी विश्वनाथन जी, ध्रुव मेहता जी, कृष्णन वेणुगोपाल जी और वी मोहना जी जैसे सीनियर्स के साथ अब तक कोर्ट में पैरवी की है। इसके अतिरिक्त हाइकोर्ट में भी सीनियर अशोक खरे, अनिल भूषण, अरविन्द श्रीवास्तव जी आदि के साथ कुछ विशेष प्रयास अलग से किये है।
आंदोलनों, नेताओं से मुलाकातों, मंत्रियों से मुलाकातों आदि के बाद हम सब की नियुक्ति हेतु बहु-प्रशिक्षित शासनादेश के लिए हमने अपना शेष धन भी झोंक दिया। ये बिलकुल उसी तरह था कि हम अपने बच्चे के इलाज के लिए बड़े से बड़े डॉ को दिखाएं और कोई कहे कि वहां के बाबा या फ़कीर के हाथ फेरने से सही हो सकता है तो हमने वो भी किया है।
हाँ हमारी टीम द्वारा यदि कोई काम नही किया गया वो यह है कि हमने पैसे लेकर जूनियर एडवोकेट से पैरवी, वेरिफिकेसन के नाम पर लूट करने के बजाय उसका विरोध, किसी समश्या पर कोई फार्म निकालकर लूटने के बजाये हमारे द्वारा स्वतः समाधान किया गया।
अब आते है अगली सुनवाई पर तो हमारी टीम द्वारा इस बार की सुनवाई के लिए पुनः शसक्त पैनल को तय कर लिया गया है। इस बार हमारी तरफ से.....
•वरिष्ठतम अधिवक्ता के पाराशरण जी
•वरिष्ठ अधिवक्ता के वेणुगोपाल जी
•वरिष्ठ अधिवक्ता वी मोहना जी
•अधिवक्ता मेहुल एम् गुप्ता जी
वरिष्ठतम एड्वोकेट के परासरण जी, वरिष्ठ अधिवक्ता मोहन परासरण जी के पिता जी, राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत राज्यसभा सदस्य, अटार्नी जनरल ऑफ़ इंडिया, व् पदम् भूषण, पदम् विभूषण जैसे सम्मानों को प्राप्त कर चुके है, व् संविधानिक पीठ के सबसे बड़े वकीलों में से एक है, उन को टीम की तरफ से टोकन मनी 1लाख 10 हजार दे दी गई और मयंक जी ने इसकी ब्रीफिंग भी तैयार की है 30 पन्नों की जिसमे इन्होंने 10 से12 दिन का टाइम दिया। अब आप की बारी है यदि आप हमें सहयोग करेगे तभी हम वकील खड़ा कर पायेगे बाद आप लोग कोई भी दोष मत दीजियेगा बहुत होगा हमारा 1लाख रुपया डुब जाएगा आप भी सोचे और सहयोग करे
आप का प्रवीण कुमार श्रीवास्तव
टेट 2011
आजमगढ़
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