प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता मे सुधार के लिए केंद्र सरकार ने योग्य शिक्षक तैयार करने के लिए कुछ बुनियादी कदम उठाने पर विचार कर रही है।
राष्ट्रीय शिक्षक अध्यापक परिषद (एनसीटीई) द्वारा ग्रेजुएट एवं पोस्ट ग्रेजुएट स्तर के कुल 15 शिक्षक प्रशिक्षण कोर्स चलाए जा रहे हैं। इनमें करीब दस लाख सीटें हैं। सबसे ज्यादा सीटें बीएड की हैं। हालांकि देश में शिक्षकों की कमी है लेकिन आलम यह है कि इनमें से आधी से अधिक सीटें खाली रह जाती हैं। दो वजहें हैं। एक अच्छे कालेजों की कमी है। दूसरे, शिक्षक बनने के प्रति दिलचस्पी की कमी है। सरकार चाहते है कि अच्छे उम्मीदवार शिक्षक बनने के लिए आएं। परीक्षा के जरिये इसे प्रतिस्पर्धी और आकर्षक बनाए जाए।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय में स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता सचिव अनिल स्वरूप के अनुसार प्राथमिक शिक्षा में सुधार के लिए अच्छे शिक्षकों की जरूरत है। अच्छे शिक्षक तैयार करने के लिए जहां हम कार्यरत शिक्षकों को प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रीत कर रहे है, वहीं भविष्य में अच्छे शिक्षक तैयार करने के लिए राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा जैसे विकल्प पर विचार किया जा रहा है। साथ ही शिक्षक कालेजों की गुणवत्ता सुधारने के लिए भी एनसीटीई को कहा गया है।
मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार इस मुद्दे पर विमर्श की प्रक्रिया चल रही है। जल्द इस पर राज्यों से भी बात होगी। शिक्षक कोर्स में एडमिशन के लिए एकल परीक्षा को दो भागों में बांटा जा सकता है। एक ग्रेजुएट स्तर के कोर्स और दूसरे पोस्ट ग्रेजुएट स्तर के कोर्स। सरकार का ज्यादा फोकस प्राइमरी शिक्षा से जुड़े प्रशिक्षण कोर्स पर है।
इन कोर्स के लिए होगी एक परीक्षा
-डिप्लोमा इन प्रीस्कूल एजुकेशन (डीपीएसई)-डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन (डीइएलईएड)-बैचलर ऑफ एलिमेंट्री एजुकेशन (बीईएलएड)-बैचलर ऑफ एजुकेशन (बीएड)-मास्टर ऑफ एजुकेशन (एमएड)-डिप्लोमा इन फिजिकल एजुकेशन (डीपीएड)-बैचलर ऑफ फिजिकल एजुकेशन (बीपीईएड)-मास्टर ऑफ फिजिकल एजुकेशन (एमपीएड)-डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन (डिस्टेंस मॉड)-बीएड (डिस्टेंस मॉड)-डिप्लोमा इन आर्ट एजुकेशन-डिप्लोमा इन परफार्मिंग आट्र्स-चार वर्षीय बीएबीएस, बीएससी बीएड-बीएड (थ्रीईयर पार्ट टाईम)-तीन वर्षीय बीएड-एमड कोर्स
शिक्षकों की गुणवत्ता सुधारने के लिए पहल
-केंद्र सरकार ने मदन मोहन मालवीय शिक्षक एवं शिक्षण मिशन की शुरूआत की है।-इसके तहत देश में सौ उच्च स्तरीय शिक्षण प्रशिक्षण संस्थानों की स्थापना का कार्य चल रहा है-सभी विश्वविद्यालयों में शिक्षा विभाग स्थापित करने का आदेश दिया गया है जिसके लिए केंद्र 12 करोड़ देगा।-25 टीचिंग लर्निग सेंटर, 20 फैकल्टी डवलपमेंट सेंटर, पांच सेंटर फॉर एक्सलेंस साइंस एंड मैथोमैटिक्स एजुकेशन, टीचर एजुकेशन के लिए दो इंटर यूनिवर्सिटी केंद्रों की स्थापना, पांच इंस्टीट्यूट ऑफ एकेडमिक लीडरशिप एंड एजुकेशन मैनेजमेंट सेंटर तथा नेशनल रिसौर्स सेंटर खोले जा रहे हैं।-विवि को कहा गया है कि वे मास्टर इन एलीमेंट्री एजुकेशन, बैचलर एंड मास्टर इन सेकेंडरी एजुकेशन, बैचलर एंड मास्टर इन अर्ली चाइल्डहुड एजुकेशन, एडवांस डिप्लोमा इन एजुकेशन मैनेजमेंट, मास्टर इन एजुकेशन स्टडीज, मास्टर इन एजुकेशन मैनेजमेंट तथा एमफिल, पीएचडी इन एजुकेशन स्टडीज कोर्स शुरू करें।-विश्वविद्यालयों के शिक्षा विभागों में सेंटर फॉर प्री सर्विस टीचर एजुकेशन, करिकुलम रिसर्च, पॉलिसी एंड एजुकेशन डवलपमेंट, सेंटर फॉर टीचिंग इंग्लिस लैंग्वेज, सेंटर फॉर प्रोफेशनल डवलपमेंट, सेंटर फॉर टीचर रिसौर्सेज आदि शामिल होंगे। इनके जरिये सेवारत शिक्षकों को भी प्रशिक्षण देने का कार्य किया जा सकेगा।-कुछ समय पूर्व केंद्र ने शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को भी अनिवार्य कर दिया था। अयोग्य उम्मीदवारों की छंटनी इस परीक्षा से भी काफी हद तक हुई है।
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राष्ट्रीय शिक्षक अध्यापक परिषद (एनसीटीई) द्वारा ग्रेजुएट एवं पोस्ट ग्रेजुएट स्तर के कुल 15 शिक्षक प्रशिक्षण कोर्स चलाए जा रहे हैं। इनमें करीब दस लाख सीटें हैं। सबसे ज्यादा सीटें बीएड की हैं। हालांकि देश में शिक्षकों की कमी है लेकिन आलम यह है कि इनमें से आधी से अधिक सीटें खाली रह जाती हैं। दो वजहें हैं। एक अच्छे कालेजों की कमी है। दूसरे, शिक्षक बनने के प्रति दिलचस्पी की कमी है। सरकार चाहते है कि अच्छे उम्मीदवार शिक्षक बनने के लिए आएं। परीक्षा के जरिये इसे प्रतिस्पर्धी और आकर्षक बनाए जाए।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय में स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता सचिव अनिल स्वरूप के अनुसार प्राथमिक शिक्षा में सुधार के लिए अच्छे शिक्षकों की जरूरत है। अच्छे शिक्षक तैयार करने के लिए जहां हम कार्यरत शिक्षकों को प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रीत कर रहे है, वहीं भविष्य में अच्छे शिक्षक तैयार करने के लिए राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा जैसे विकल्प पर विचार किया जा रहा है। साथ ही शिक्षक कालेजों की गुणवत्ता सुधारने के लिए भी एनसीटीई को कहा गया है।
मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार इस मुद्दे पर विमर्श की प्रक्रिया चल रही है। जल्द इस पर राज्यों से भी बात होगी। शिक्षक कोर्स में एडमिशन के लिए एकल परीक्षा को दो भागों में बांटा जा सकता है। एक ग्रेजुएट स्तर के कोर्स और दूसरे पोस्ट ग्रेजुएट स्तर के कोर्स। सरकार का ज्यादा फोकस प्राइमरी शिक्षा से जुड़े प्रशिक्षण कोर्स पर है।
इन कोर्स के लिए होगी एक परीक्षा
-डिप्लोमा इन प्रीस्कूल एजुकेशन (डीपीएसई)-डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन (डीइएलईएड)-बैचलर ऑफ एलिमेंट्री एजुकेशन (बीईएलएड)-बैचलर ऑफ एजुकेशन (बीएड)-मास्टर ऑफ एजुकेशन (एमएड)-डिप्लोमा इन फिजिकल एजुकेशन (डीपीएड)-बैचलर ऑफ फिजिकल एजुकेशन (बीपीईएड)-मास्टर ऑफ फिजिकल एजुकेशन (एमपीएड)-डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन (डिस्टेंस मॉड)-बीएड (डिस्टेंस मॉड)-डिप्लोमा इन आर्ट एजुकेशन-डिप्लोमा इन परफार्मिंग आट्र्स-चार वर्षीय बीएबीएस, बीएससी बीएड-बीएड (थ्रीईयर पार्ट टाईम)-तीन वर्षीय बीएड-एमड कोर्स
शिक्षकों की गुणवत्ता सुधारने के लिए पहल
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