उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार छोटे और सीमांत किसानों के कर्ज को माफ करने के लिए अपने चुनावी घोषणा पत्र में किए गए वादे को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए वह ऋण जुटाने सहित कई विकल्पों पर विचार कर रही है।
इसके अलावा युवाओं को लैपटॉप देने जैसी योजनाओं को पूरा करने के लिए भी प्रयास शुरू कर दिया गया है।
अप्रैल की शुरूआत में होने वाली कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण योजनाओं को हरी झंडी मिल सकती है। इसके लिए विचार-विमर्श की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। वित्त विभाग के प्रवक्ता के अनुसार प्रदेश के वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल पहले से ही कर्जमाफी के वादे को पूरा करने के लिए विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विचार विमर्श कर चुके हैं वहीं उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने लैपटॉप वितरण को लेकर माध्यमिक व उच्च शिक्षा विभाग की संयुक्त बैठक की।
राज्य में करीब 2.30 करोड़ किसान हैं, जिनमें से 2.15 करोड़ छोटे और सीमांत हैं। हाल ही में प्राकृतिक आपदाओं के कारण उन्हें नुकसान हुआ था और वे अपने कर्ज चुकाने में असमर्थ थे। अब किसानों से किए वादे के मुताबिक सरकार को उनका कर्ज माफ करने के लिए बैंकों को पैसा देना होगा। पैसों के इस बोझ को उठाने के लिए राज्य को केंद्र सरकार से पैसों की मांग करना होगा या फिर राज्य सरकार को खुद बैंकों को पैसा देना होगा।
भाजपा सरकार बुंदेलखंड के किसानों का सौ फीसदी कर्जमाफ करने की योजना पर विचार कर रही है जबकि दूसरे क्षेत्र के किसानों की जरूरत के हिसाब से कर्जमाफी की बात हो रही है। इसके अलावा यूपी में बेरोजगारी भी एक बड़ा मुद्दा है। भाजपा ने घोषणा पत्र में वादा किया है कि सरकार बनने के 90 दिनों के भीतर राज्य सरकार के सभी रिक्त पदों के लिए भर्ती की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।