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यूपी की योगी सरकार का बड़ा फैसला, इन टीचर्स को मिल सकता है सेवा समाप्ति का नोटिस

झांसी। समाज की मुख्य धारा से कट गईं ग्रामीण क्षेत्र की बालिकाओं को कस्तूरबा कन्या आवासीय विद्यालय के माध्यम से पढ़ाई की मुख्य धारा में लाने की व्यवस्था की गई है। इन विद्यालयों में शिक्षिकाओं की लगातार बढ़ती हुई अनुपस्थिति की स्थिति को देखते हुए कड़ा कदम उठाया गया है। इसके तहत अनुपस्थित पाई गईं बारह शिक्षिकाओँ को नोटिस जारी करके सेवा समाप्ति की चेतावनी दी गई है।
बालिकाओं के लिए निशुल्क शिक्षा की है व्यवस्था
जिले में ब्लाक स्तर पर ग्रामीण क्षेत्र की गरीब परिवार की बालिकाओँ को निशुल्क शिक्षा के लिए कस्तूरबा कन्या आवासीय विद्यालय की स्थापना की गई है। इन विद्यालयों में शिक्षण सामग्री. पढ़ाई के साथ ही आवास, भोजन व अन्य सामग्री को सर्व शिक्षा अभियान के तहत निशुल्क उपलब्ध कराया जाता है। पिछले शैक्षणिक सत्र में यहां भेजी जाने वाली सामग्री गुणवत्ता के कठघरे में आई थी, तो इस बार शिक्षिकाओं का अनुपस्थिति को लेकर सवाल उठ रहे हैं।

ऐसा है हाल
बेसिक शिक्षा अधिकारी जयसिंह और बीएसए कंट्रोल रूम से एक साथ कई विद्यालयों में की गई जांच में एक दर्जन पूर्णकालिक व अंशकालिक शिक्षिकाएं अनुपस्थित पाई गईं। बीएसए बड़ागांव ब्लाक के बरुआसागर डायट स्थित कस्तूरबा आवासीय विद्यालय पहुंचे, तो पूर्णकालिक शिक्षिका लता यादव, नेहा श्रीवास्तव, प्रियंका यादव व सहायक रसोइया लक्ष्मी झा अनुपस्थित मिलीं।
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इसी दिन कंट्रोल रूम से की गई जांच में मऊरानीपुर ब्लाक के रूपाधमना में प्रभात राजन, मोंठ ब्लाक के बमरौली आवासीय विद्यालय में वंदना, रचना, निधि सोनी अंश कालिक शिक्षक, प्रगति, प्रियंका नगाइच लेखाकार, हरिकिशन अनुचर, भारती मुख्य रसोइया, अनुपस्थित मिले। इसी तरह बंगरा ब्लाक के कस्तूरबा आवासीय विद्यालय में प्रगति, जितेंद्र अनुपस्थित मिले। उधर, गुरसरांय में विनोद अनुपस्थित मिले। इस पर बीएसए ने अनुपस्थित टीचर्स का अनुपस्थित दिनों का मानदेय काटने तथा नोटिस देकर सेवा समाप्ति की चेतावनी दी गई है।
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