कार्यरत शिक्षकों को टीईटी में प्रतिभाग करने की ज़रूरत ही नहीं

कार्यरत शिक्षकों को टेट में प्रतिभाग करने की ज़रूरत ही नहीं है।
शिक्षामित्र समायोजन केस में लगातार टेट को मुद्दा बनाया गया है जबकि टेट के लिए जारी ncte की गाइड लाइन ही कार्यरत लोगों अर्थात शिक्षामित्रों को टेट में प्रतिभाग करने से मना करती है। आंध्र प्रदेश सरकार तो बाक़ायदा इसके लिए आदेश तक जारी कर चुकी है।

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Teachers who were  appointed  before  NCTE notification, dt:23.08.2010 by DSC or by   competent authority in Govt./Local Authority  as per Recruitment rules prevalent at that time are exempted from  appearing at TET exam.
उस समय प्रचलित भर्ती नियमों के अनुसार, एनसीटीई अधिसूचना के पहले नियुक्त किए गए शिक्षकों, डीटीसी या सरकारी / लोकल प्राधिकरण में सक्षम प्राधिकारी द्वारा 23.08.2010 को टीईटी परीक्षा में उपस्थित होने से छूट दी गई है।
➡ ऐसे बहुत सारे साक्ष्य हमारे एक्सपर्ट के द्वारा
टेट मुद्दे पर कोर्ट में प्रस्तुत किया गया है।
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शिक्षामित्र समायोजन पर पिछले दिनों लगातार
सुनवाई होने के बाद केस का आखिरी पड़ाव
17 मई को है।
और जितने संघ और टीम है।
समायोजन को बचाने का प्रयास अपने स्तर से कर रही है।
कुछ संघ और टीम इस केस को और लंबा खीचना चाह रहे है।
जिसका प्रमाण लास्ट सुनवाई के दिन कोर्ट में देखने को मिला था।
लेकिन हमारे हिसाब से शिक्षा मित्र समायोजन केस
अच्छी दिशा में है।
अगर इसे और लंबा खीचने का प्रयास किया गया तो।
इससे स्पष्ट हो जायेगा की टीम और संघ समायोजन
बचाने के लिए नहीं अपना....??????
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✔ एमएससी ग्रुप इन सब तथ्यों को कोर्ट के समक्ष लिखित और मौखिक रूप से प्रस्तुत भी कर चुका है, वर्तमान में ग्रुप की ओर से प्रस्ताव दिया गया है कि नए अधिवक्ताओ के साथ न सुनी गई शेष एसएलपी पर कुछ और नए तथ्य जो एमएससी के पास है वे ब्रीफ करवाने को तैयार हैं।
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संतोष कुशवाहा,कुशीनगर.
समायोजित शिक्षक.
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