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सुप्रीम कोर्ट से हार के बाद भी शिक्षामित्रों के पास नौकरी बचाने के दो रास्ते: पत्रिका न्यूज़

आगरा। सुप्रीम कोर्ट से मिली हार के बाद भी शिक्षामित्रों के पास दो रास्ते बचे हैं। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र छौंकर ने बताया कि अभी लड़ाई खत्म नहीं हुई है।
शिक्षामित्र परेशान न हों। सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता गौरव यादव से उनकी बात हुई है। अभी शिक्षामित्रों के पास दो रास्ते बचे हैं, जिनसे वे फिर से इस मामले में जीत दर्ज कर सकते हैं।
ये हैं रास्ते
जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र छौंकर ने बताया कि उनकी सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता गौरव यादव से बात हुई है। उन्होंने बताया कि एक तो सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की जा सकती है और दूसरा रास्ता है कि शिक्षामित्र चीफ जस्टिस के यहां क्यूरिटी पिटीशन दाखिल कर दें। उन्होंने बताया कि इन दोनों रास्तों से शिक्षामित्र अपनी हारी हुई बाजी फिर जीत सकते हैं।
सरकार को करना होगा पक्ष में
जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र छौंकर ने आगरा सहित प्रदेश के सभी शिक्षामित्रों से अपील की है, कि इस घड़ी में खुद को टूटने न दें, बल्कि समय है एकता दिखाने का। सरकार को अपने पक्ष में लाना ही होगा, तभी भला हो सकता है। इन दोनों ही रास्तों में सरकार यदि शिक्षामित्रों का सहयोग देती है, तो शिक्षामित्र अपनी लड़ाई जीत सकते हैं।
बनाए रखें धैर्य
जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र छौंकर ने बताया कि शिक्षामित्र साथी धैर्य से काम लें। अभी हार मानने की जरूरत नहीं है और नाहीं ऐसा कोई कदम उठाएं, जिससे सभी साथियों की हिम्मत टूटे। अभी जो प्रदेशस्तर पर आंदोलन की तैयारी की जा रही है, उसमें सभी शिक्षामित्र साथी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लें।

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