अधिवक्ताओं ने कहा कि फैसला शिक्षामित्रों के पक्ष में ही

आगरा। Shiksha Mitra के लिए खुशखबरी है। प्रदेश के 1 लाख 72 हजार शिक्षामित्रों के भाग्य का फैसला भले ही आज सुप्रीम कोर्ट के राहत पिटारे से बाहर नहीं आया, लेकिन अधिवक्ताओं ने कहा कि फैसला शिक्षामित्रों के पक्ष में ही है।

जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र छौंकर से अधिवक्ताओं की बात हुई, तो उन्हें बताया गया कि किस तरह 1 लाख 72 हजार शिक्षामित्रों को राहत मिलने जा रही है।
ये बनेगा आधार
वीरेन्द्र छौंकर ने बताया कि उनकी अधिवक्ता शांति भूषण से वार्ता हुई। आज उम्मीद थी, कि फैसला आ जाएगा, लेकिन नहीं आया। अधिवक्ता ने उन्हें बताया कि सुप्रीम कोर्ट में यदि संख्या बल अधिक है, तो मानवीय आधार पर निर्णय लिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट मानवीय आधार पर शिक्षामित्रों के पक्ष में फैसला दे सकता है, जिससे पौने दो लाख परिवार की रोजी रोटी चलती रहे। इसके अलावा पूर्व में जो फैसला आया था, उस पर बहस हुई, जिसमें निकल कर सामने ये आया, कि टीईटी 2010 से लागू हुआ है, जबकि ये शिक्षामित्र उससे पहले सेवाओं में आ गए थे। इसलिए ये नियम भी उन पर लागू नहीं होना चाहिए।
इस तारीख को आ सकता है फैसला
पांच जुलाई को सुप्रीम कोर्ट से फैसला आने की उम्मीद थी, लेकिन अब ये फैसला 10 जुलाई को आ सकता है। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र छौंकर ने बताया कि उनकी शिक्षामित्रों के अधिवक्ताओं से बात हुई। अधिवक्ताओं ने बताया कि फैसला 10 जुलाई को अब आने की उम्मीद है। जिलाध्यक्ष ने शिक्षामित्रों से अपील की है, कि परेशान न हों। धैर्य रखें, फैसला उनके पक्ष में ही आएगा। आगरा की बात करें, तो यहां पर 2900 शिक्षा मित्र हैं, जिनमें से मात्र 543 शिक्षा मित्रों का समायोजन नहीं हो सका है। ये सभी शिक्षा मित्र स्कूलों में पढ़ा रहे हैं। वीरेन्द्र छौंकर ने बताया कि जल्द आएगा पक्ष में फैसला।

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