अपने ही प्रदेश में शिक्षक की नौकरी पाना हुआ मुश्किल, योगी सरकार के इस फैसले से यूपी के युवाओं को तगड़ा झटका

लखनऊ. उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की मंगलवार को कैबिनेट बैठक हुई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई इस कैबिनेट बैठक में कई बड़े और जरूरी प्रस्तावों पर सरकार ने अपनी मुहर लगाई।
इस बैठक में उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा (शिक्षक) सेवा नियमावली 1981 में 1वें संशोधन और प्राइमरी टीचर्स के गैर जिलों में ट्रांसफर के प्रस्तावों को भी मंजूरी दे दी गई। इन सब संसोधनों के बाद अब यूपी के बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में नौकरी पाना काफी मुश्किल हो जाएगा।

यूपी की शिक्षक भर्ती में अब होगा तगड़ा कंपटीशन
दरअसल उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा (शिक्षक) सेवा नियमावली 1981 में संशोधन के बाद अब यूपी में होने वाली शिक्षकों की भर्ती के लिए कंपटीशन और तगड़ा हो जाएगा। क्योंकि अब देश भर के युवा यूपी की शिक्षक भर्ती में शामिल होंगे। किसी भी राज्य का कोई भी युवा जिसके पास एनसीटीई की डिग्री है, वह यूपी के बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में होने वाली भर्ती में आवेदन कर सकेगा। इसके अलावा अभी जो जिस जिले से बीटीसी करता है, उसे उस जिले में चयन में वरीयता मिलती है। अब यह व्यवस्था भी खत्म हो गई। कैबिनेट बैठक के बाद यूपी सरकार के प्रवक्ता और स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि हाईकोर्ट ने एक फैसले में शिक्षकों की भर्ती में देश भर के युवाओं को मौका देने का निर्देश दिया था। कैबिनेट ने हाईकोर्ट के फैसले को देखते हुए इस संशोधन को मंजूरी दी है।

अब देश भर के युवा कर सकेंगे अप्लाई
आपको बता दें कि अभी प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक भर्ती के लिए सिर्फ यूपी के ही डिग्रीधारक अप्लाई कर सकते थे। दूसरे राज्यों से बीटीसी, बीएलएड डिग्री लेने वाले इसमें शामिल नहीं हो सकते थे, भले ही वे यूपी के ही क्यों न रहने वाले हों। ऐसे अभ्यर्थी एनसीटीई को नियामक संस्था होने का हवाला देते हुए देश में कहीं से भी हासिल की गई डिग्री को प्रदेश की शिक्षक भर्ती में मान्य करने की मांग कर रहे थे। अब इस संशोधन के बाद एनसीटीई की डिग्री मान्य हो गई है। जिसके बाद अब देश भर के युवा यूपी की शिक्षक भर्ती में अप्लाई कर सकेंगे। सिद्धार्थनाथ सिंह जीएसटी का उदाहरण देते हुए कहा कि जब एक देश एक कर हो सकता है तो देश के किसी भी युवा के पास अगर पात्रता है तो वह कही भी आवेदन क्यों नहीं कर सकता है।

सरकारों के साथ बदले नियम
दरअसल बेसिक शिक्षा में शिक्षकों का पद जिले का काडर है। पहले बीटीसी डिग्रीधारक जिले के निवासी ही इसके पात्र थे। उसके बाद बाद में सपा और बसपा सरकार ने प्रदेश भर के युवाओं को किसी भी जिले में आवेदन करने की छीट दे दी। इससे शिक्षक भर्ती के साथ ही अंतर्जनपदीय तबादले भी होने लगे। जिसकी वजह से भर्तियां तो होती रहीं लेकिन शिक्षक दूसरे जिले से अपने जिले में तबादला कराते रहे। जिसकी वजह से कई जिलों में शिक्षकों की कमी होती रही। लेकिन अब योगी सरकार के इस फैसले से देश भर के युवा को बेसिक शिक्षक भर्ती में शामिल हो सकेंगे। इससे स्थानीय युवाओं को तगड़ा कंपटीशन मिलेगा।

कैबिनेट ने इन प्रस्तावों पर भी लगाई मुहर
- इन्वेस्टर्स समिट से पहले उद्यमियों की जमीन व्यवस्था में आने वाली मुश्किलें आसान करने से जुड़े प्रस्तावों पर मुहर
- अविवाहित लड़कियों को लड़कों के बराबर संपत्ति में मिलेगा हक, राजस्व संहिता विधेयक-2018 के मसौदे को मंजूरी
- 4 से 15 हजार हुई पूर्व सैनिकों की पेंशन
- स्वेटर वितरण के लिए जारी बजट को मिली स्वीकृति
- संपत्ति में मृतक पुत्र की अविवाहित पुत्रियों को पुत्र के बराबर मिलेगा हक
- एक्सप्रेस-वे, फ्रेट कॉरीडोर के काम में आएगी तेजी
- भू-उपयोग बदलना होगा आसान, कारोबार में आएगी तेजी
- कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग को भी हरी झंडी
- कीटनाशकों के उपयोग पर मिलेगा अनुदान
- मनोरंजन कर विभाग के कर्मी वाणिज्यकर विभाग में शामिल
- बैकयार्ड पोल्ट्री प्रोग्राम में वर्ष 2011 की सूची से चुने जाएंगे लाभार्थी
- खादी एवं ग्रामोद्योग विकास तथा सतत स्वरोजगार प्रोत्साहन नीति मंजूर

- आबकारी विभाग में होलोग्राम के स्थान पर ट्रैक एंड ट्रेस प्रणाली होगी लागू

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