शिक्षक बनना है तो करना पड़ेगा चार साल का बीएड, ये हैं कारण

लखनऊ. शिक्षक बनने के लिए किए जाने वाला बीएड का कोर्स अब चार का होगा। दरअसल इस कोर्स के पैटर्न में जल्द बदलाव होने वाला है। हालांकि ये चार साल का इंटीग्रेटेड कोर्स होगा। ऐसे में इंटरमीडिएट के बाद छात्र इसमें सीधे दाखिला ले सकेंगे।
जानकारी के मुताबिक, नैशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन(एनसीटीई) को प्रस्ताव भेजा गया है। अगर इस पर सहमति भी बन गई है। इसको लेकर दिल्ली में कुछ दिन पहले एक महत्वपूर्ण मीटिंग भी हो चुकी है जिसमें शिक्षक बनाने के लिए वन कोर्स का खाका खींचने पर रणनीति बनी। सरकार की मंशा के तहत एनसीटीई प्राइमरी और सेकेंडरी दोनों में शिक्षक बनने की योग्यता केवल बीएड करने जा रही है।
अगले साल से लागू होगा नया पैटर्न
अब दो साल का बीएड प्रोग्राम बंद कर दिया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, एनसीटीई अगले साल से चार वर्ष का बीएड कोर्स लाने की कवायद में जुट गया है। तीन साल पहले एक वर्ष के बीएड को खत्म कर बीएड दो वर्ष का कर दिया गया था। सफलतापूर्वक दो सेशन पूरे भी हो चुके हैं। बीएड के अलावा बीटीसी, बीएलएड, डीएलएड जैसे कई कोर्स चल रहे हैं जिनके जरिए शिक्षक बना जा सकता है। सरकार शिक्षक के लिए सिर्फ एक कोर्स चाहती है।
नए कोर्स होंगे डिजाइन
सूत्रों के मुताबिक, नए बदलाव के तहत प्राइमरी और सेकेंडरी में अलग-अलग बीएड कोर्स डिजाइन होंगे। प्राइमरी के लिए अलग बीएड करना होगा और सेकेंडरी के लिए अलग बीएड कोर्स होगा। प्राइमरी और सेकेंडरी में साइंस ओर कला वर्ग के लिए दो ग्रुप होंगे। प्राइमरी में भी बीएससी बीएड और बीए बीएड तथा सेकेंडरी में भी बीएससी बीएड और बीए बीएड अलग अलग होंगे। कमेटी बीएड कोर्स का पूरा खाका खीचेंगी। इसमें कोर्स से लेकर शिक्षकों की संख्या और शिक्षकों की क्वालीफिकेशन भी कमेटी तय हरेगी।
नई नियुक्तियां भी होंगी

चार साल का बीएड कोर्स कराने के लिए बड़ी संख्या में शिक्षकों की नियुक्ति करनी होगी। हालांकि यह आसान नहीं होगा पर एनसीटीई इसे लागू करेगी तो यह करना ही होगा। यह व्यवस्था पूरे देश में बीएड कोर्स पर लागू होगी। 50 छात्रों पर दस शिक्षकों की तैनाती के साथ साइंस और आर्ट्स के अलग-अलग बीएड के लिए विशेषज्ञ शिक्षकों की नियुक्ति भी बड़ी चुनौती होगी।