अमर उजाला ब्यूरो बदायूं। हर बार की तरह इस बार भी बेसिक के शिक्षकों
पर जिले के अंदर समायोजन तबादले और परस्पर तबादले विभाग के लिए गले की
हड्डी बने हुए हैं।
चूंकि शासन आदेश कर चुका है कि आरटीई के मानक के अनुरूप
छात्र संख्या के आधार पर प्राथमिक, उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों
की तैनाती की जाए।
शासन ने पहले पांच अगस्त और फिर 19 अगस्त तक हर हाल
में इसकी कार्रवाई पूरी कर रिपोर्ट देने के आदेश दिए थे लेकिन अभी तक इस
सिलसिले में जो कार्रवाई चल रही है। उससे लग नहीं रहा कि फिलहाल पूरी
कार्रवाई इस माह तक हो सकेगी। हालांकि विभागीय अधिकारी इस बात का दावा कर
रहे हैं कि उनके स्तर पर निरंतर कार्रवाई चल रही है, और जल्द ही वह पूर्ण
हो जाएगी।
बता दें कि पिछले साल योगी सरकार ने शिक्षकों के समायोजन का
आदेश जारी किया था अब स्कूलों में अप्रैल माह में नामांकित बच्चों की
संख्या को आधार बनाकर समायोजन करने के आदेश दिए थे लेकिन उस समय प्रदेश के
कई जिलों में शिक्षक संगठनों ने इस बात पर आपत्ति जताई थी कि अप्रैल की
संख्या के आधार पर समायोजन न किया जाए। हर साल की तरह सितंबर की छात्र
संख्या को ही समायोजन का आधार माना जाए। कोर्ट से भी शिक्षकों को बड़ी राहत
मिली थी तब शासन अपने नीति में कामयाब नहीं हो सका था। अब सरकार ने गत
वर्ष 2017-18 सितंबर माह की छात्र संख्या को आधार बनाकर समायोजन का फरमान
जारी कर दिया। शासन की गाइड लाइन के मुताबिक पांच अगस्त तक समायोजन जनपदीय
ट्रांसफर और परस्पर तबादले की कार्रवाई की जानी थी लेकिन वह नहीं हो सकी।
तब बेसिक शिक्षा निदेशक ने सभी बीएसए को आदेश जारी कर यह कार्रवाई 29 अगस्त
तक पूर्ण कर इसकी रिपोर्ट मांगी थी। इसके बाद भी यह कार्रवाई अभी पूरी
नहीं हो सकी है।
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अधिक छात्र संख्या वाले विद्यालयों को होगा नुकसान
समायोजन
के संबंध में शासन ने जो गाइड लाइन जारी की है उसके मुताबिक आरटीई को
ध्यान में रखते हुए प्राथमिक विद्यालय में 150 छात्र संख्या के नीचे और
उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 100 बच्चों से कम होने पर प्रधानाध्यापक का
पद खत्म किया गया है। यह कहा गया है कि उच्च प्राथमिक विद्यालय कम से कम
तीन शिक्षक अवश्य रखें, जिनमें गणित, विज्ञान और एक भाषा का होना चाहिए।
सूत्रों की माने तो यदि समायोजन आरटीई के मानक के अनुसार छात्र अनुपात में
किया जाता है तो यह समस्या आएगी कि जिले में उच्च प्राथमिक विद्यालयों में
शिक्षकों की संख्या कम है। जहां पर 150 या इससे ऊपर छात्र संख्या है वहां
पर विभाग चाहते हुए भी मानक के अनुरूप शिक्षकों की तैनाती नहीं कर पाएगा।
उसकी प्राथमिकता समायोजन में यही रहेगी कि कम से कम तीन शिक्षक तैनात किए
जाएं।
वर्जन -----
अभी शिक्षामित्रों के समायोजन की प्रक्रिया चल
रही है। जिस कारण शिक्षकों के समायोजन में देरी हुई है। इसको जल्द पूर्ण
करने के बाद शिक्षकों का भी समयोजन कराया जाएगा। जिसकी तैयारियां पूर्ण कर
ली गई हैं।
-राममूरत, डीआईओएस/ बीएसए।
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