फतेहपुर, जागरण संवाददाता : स्कूलों में तालाबंदी की समस्या से निजात पाने
के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने पड़ोस में तैनात शिक्षकों को विकल्प के तौर पर
लगा दिया है। यह शिक्षक स्कूलों में पहुंच कर पठन-पाठन करा रहे हैं।
शिक्षामित्र से सहायक अध्यापक बनने के बाद कई इंचार्ज प्रधानाध्यापक बन गए
थे।
ऐसे में स्कूल के कार्यालय की चाबी उनके पास थी। हड़ताल में चले जाने के चलते समस्या खड़ी हुई। बीएसए ने समस्या के निदान का रास्ता खोज निकाला है। स्कूल के मुखिया बने शिक्षकों को निर्देशित किया है कि वह स्कूल में लगे ताले को ग्राम शिक्षा समिति और प्रधान की मौजूदगी में तोड़ डालें। शिक्षामित्रों से सहायक अध्यापक बनने के बाद नौकरी छिनने से आंदोलित शिक्षामित्र हड़ताल पर हैं। स्कूल के पठन पाठन से विरत रहकर छिने अधिकार को पाने के लिए आवाज बुलंद किए हुए हैं। शनिवार को कोर्ट के आदेश के बाद शिक्षामित्रों ने पठन-पाठन से नाता तोड़ लिया है। मिली जिम्मेदारियों को नहीं निभा रहे हैं। विभाग के अभिलेखों में गौर करें तो किसी स्कूल में पठन पाठन प्रभावित नहीं है। खंड शिक्षाधिकारी ने बीएसए के आदेश के बाद कई शिक्षकों वाले स्कूल से एक शिक्षक को ऐसे स्कूलों में भेजा है जहां पर बंदी की समस्या उभरी थी। शिक्षक आदेश के अनुपालन में स्कूल तो पहुंच गए हैं लेकिन स्कूल के तमाम अभिलेख ताले में बंद हैं। बिना चाबी मिले इनका मिलना मुश्किल है। ऐसी समस्या से निजात पाने के लिए विभाग ने ताले तोड़ डालने का आदेश दिया है। बीएसए विनय कुमार ¨सह कहते हैं कि खंड शिक्षाधिकारी के माध्यम से आदेश दे दिया गया है कि शिक्षामित्रों के हड़ताल में चले जाने से चाबी न मिलने की दिक्कत को खत्म किया जाए। प्रबंध समिति के किसी भी एक सदस्य और प्रधान की मौजूदगी में ताला तोड़ दिया जाए। उसमें मिलने वाले सामान की सूची बनवाकर दस्तखत करवा लिए जाएं। किसी प्रकार की दिक्कत आ रही हो तो सीधे उनसे संपर्क किया जा सकता है। पठन-पाठन में किसी प्रकार की दिक्कत बर्दास्त नहीं की जाएगी। तीन दर्जन स्कूलों में शिक्षकों को भेजा गया है।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
ऐसे में स्कूल के कार्यालय की चाबी उनके पास थी। हड़ताल में चले जाने के चलते समस्या खड़ी हुई। बीएसए ने समस्या के निदान का रास्ता खोज निकाला है। स्कूल के मुखिया बने शिक्षकों को निर्देशित किया है कि वह स्कूल में लगे ताले को ग्राम शिक्षा समिति और प्रधान की मौजूदगी में तोड़ डालें। शिक्षामित्रों से सहायक अध्यापक बनने के बाद नौकरी छिनने से आंदोलित शिक्षामित्र हड़ताल पर हैं। स्कूल के पठन पाठन से विरत रहकर छिने अधिकार को पाने के लिए आवाज बुलंद किए हुए हैं। शनिवार को कोर्ट के आदेश के बाद शिक्षामित्रों ने पठन-पाठन से नाता तोड़ लिया है। मिली जिम्मेदारियों को नहीं निभा रहे हैं। विभाग के अभिलेखों में गौर करें तो किसी स्कूल में पठन पाठन प्रभावित नहीं है। खंड शिक्षाधिकारी ने बीएसए के आदेश के बाद कई शिक्षकों वाले स्कूल से एक शिक्षक को ऐसे स्कूलों में भेजा है जहां पर बंदी की समस्या उभरी थी। शिक्षक आदेश के अनुपालन में स्कूल तो पहुंच गए हैं लेकिन स्कूल के तमाम अभिलेख ताले में बंद हैं। बिना चाबी मिले इनका मिलना मुश्किल है। ऐसी समस्या से निजात पाने के लिए विभाग ने ताले तोड़ डालने का आदेश दिया है। बीएसए विनय कुमार ¨सह कहते हैं कि खंड शिक्षाधिकारी के माध्यम से आदेश दे दिया गया है कि शिक्षामित्रों के हड़ताल में चले जाने से चाबी न मिलने की दिक्कत को खत्म किया जाए। प्रबंध समिति के किसी भी एक सदस्य और प्रधान की मौजूदगी में ताला तोड़ दिया जाए। उसमें मिलने वाले सामान की सूची बनवाकर दस्तखत करवा लिए जाएं। किसी प्रकार की दिक्कत आ रही हो तो सीधे उनसे संपर्क किया जा सकता है। पठन-पाठन में किसी प्रकार की दिक्कत बर्दास्त नहीं की जाएगी। तीन दर्जन स्कूलों में शिक्षकों को भेजा गया है।
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