शिक्षकों के साथ हुआ अन्याय : बजट ने फीकी कर दी शिक्षकों की होली

गोंडा: रंगों के पर्व होली पर सभी खुश हैं लेकिन जिले के नौ हजार शिक्षकों में मायूसी है। इन्हें सातवें वेतनमान लागू होने के बाद से वेतन का भुगतान ही नहीं हुआ है। इसके लिए साफ्टवेयर न बनने की बात कही जा रही है।
फरवरी में सभी को वेतन देने की बात कही गई थी लेकिन बजट के अभाव में भुगतान नहीं किया गया है। जिससे शिक्षकों व शिक्षणेतर कर्मचारियों की होली फीकी रह गई है। बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित स्कूलों में शिक्षण कार्य कर रहे अध्यापक व शिक्षणेतर कर्मचारियों को सातवें वेतनमान से भुगतान होना था। इसके लिए जनवरी में शासन ने भुगतान करने का निर्देश दिया था। अधिकारियों ने नियुक्ति से संबंधित सारे अभिलेख जुटाए लेकिन साफ्टवेयर न बनने से भुगतान प्रक्रिया नहीं शुरू हो सकी। शिक्षकों के आक्रोश के बाद छठे वेतनमान पर ही भुगतान करने के साथ फरवरी में नए तरीके से वेतन देने का आश्वासन दिया था मगर यहां नये पुराने किसी प्रकार का वेतन नहीं दिया गया है।
शिक्षकों के साथ हुआ अन्याय
-प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष अशोक ¨सह का कहना है कि ये शिक्षकों के साथ अन्याय है। फरवरी में सातवें वेतनमान से भुगतान करने की बात कही गई थी लेकिन यहां पुराने वेतनमान पर भी वेतन भुगतान नहीं किया गया। जिससे होली पर्व फीका रह गया है।
सॉफ्टवेयर नहीं बना

- वित्त एवं लेखाधिकारी बेसिक रईस अहमद ने बताया कि सातवें वेतनमान का साफ्टवेयर नहीं बना है। फरवरी में पुराने वेतनमान का बजट नहीं आया जिससे शिक्षकों व शिक्षणेतर कर्मचारियों को भुगतान नहीं दिया जा सका है।
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