Breaking Posts

Top Post Ad

त्रिपुरा संविदा शिक्षकों के सुप्रीमकोर्ट के आर्डर की समीक्षा और शिक्षामित्र केस से समानता : हिमांशु राणा

नमस्कार मित्रों , त्रिपुरा राज्य व अन्य व आदि बनाम तन्मोय नाथ व अन्य व आदि के आदेश को संज्ञान में लिया जाए जो कि अभी पिछले माह मा० सर्वोच्च न्यायालय की उसी खंड-पीठ से आया है जिसमे अब उत्तर-प्रदेश की समस्त विचाराधीन शिक्षक भर्ती लंबित हैं |
आदेश में अगर आप देखें तो मा० न्यायमूर्ति श्री आदर्श कुमार गोयल और मा० न्यायमूर्ति श्री उदय उमेश ललित ने सर्व-प्रथम पंक्ति में कहा है कि , " समस्त वादी-प्रतिवादी के वरिष्ठ अधिवक्ताओं को सुनने के पश्चात भी हमें कोई ऐसा तथ्य नहीं मिला है कि जिससे खंडपीठ त्रिपुरा द्वारा पारित आदेश में हम हस्तक्षेप कर सकें |"

समस्त चयन को रद करते वक्त खंडपीठ त्रिपुरा ने अपने आदेश के पैरा 123 में कहा है कि , " राज्य 31.12.2014 तक या उससे पहले समस्त प्रकार की भर्तियों में चयन के लिए नए सिरे से शुरुआत करे |जिसके लिए हम राज्य को आदेशित करते हैं कि आज से दो माह के अंदर राज्य एक नई रोजगार नीति बनाये जिसके तहत नए तरीके से 31.12.2014 तक समस्त प्रकार की भर्तियों में चयन प्रक्रिया पूर्ण करे | "

चूंकि इस मामले पर नोटिस के साथ 04.08.2014 को स्थगनादेश दिया गया था इसलिए खंडपीठ त्रिपुरा के आदेश के पैरा 123 को संशोधित करते हैं :-

1) राज्य सरकार द्वारा अगर अभी तक नई रोजगार नीति नहीं बनाई गई है तो 30.04.2017 तक बनाये और 31.05.2017 तक नए प्रोसेस के लिए विज्ञप्ति प्रकाशित करे |

2) नए सिरे से किये जाने वाले चयन 31.12.2017 तक पूर्ण करें और तब तक जो अध्यापक अभी कार्य कर रहे हैं वे कार्य करते रहे |

3) जो अभ्यर्थी चाहे वो अभी कार्य कर रहे हैं या नहीं कर रहे हैं , चयन प्रक्रिया में तभी प्रतिभाग कर सकेंगे अगर वे पद के चयन के हिसाब से अहर्ता रखते हैं और राज्य सरकार ऐसे अभ्यर्थियों को आयु में छूट प्रदान करे |

4) अध्यापकों की शैक्षिक योग्यता शिक्षा के अधिकार अधिनियम -2009 के अनुपालन हेतु ही होनी चाहिए जैसे भी मानक अधिनियम में रखे हुए हैं |

5) ऐसे अध्यापक जो कि कक्षा 9 या उससे ऊपर पढ़ते हैं उनकी शैक्षिक योग्यता का विशेष ध्यान में रखते हुए प्रासंगिक प्रावधानों के अनुसार उनकी नियुक्ति की जाए |

खंडपीठ त्रिपुरा के स्पष्ट आदेश में संशोधनों को ध्यान में रखते हुए समस्त विशेष अनुज्ञा याचिका निरस्त की जाती हैं |

हमारे लिए उपरोक्त आदेशानुसार कुछ अहम बातें :-

1) आरटीई एक्ट अभी हाल ही में बेंच में उठा है तो खंडपीठ को ज्यादा समय नहीं लगेगा समझने में |

2) खंडपीठ अधिनयम के प्रति सख्त है और अपने आदेश में अधिनियम को धयन में रखते हुए समस्त चयनों के लिए कहा है |

3) खंडपीठ ने खुद माना है कि प्रक्रिया पर स्थगनादेश की वजह से प्रतियोगी छात्रों की आयु मायने रखेगी तो इसलिए उन्होंने आयु में छूट की बात कही है तो हमारे लिए मा० न्यायमूर्ति दीपक मिश्र जी की बेंच से (टीईटी की वैधता के लिए अंतिम आदेश तक देखे जाने वाली बात) 17.11.2016 को पारित आदेश में की गई टिप्पणी को उठाना भी अहम होगा चूंकि व्यापक स्तर पर पद खाली होंगे और आज भी हैं तो इसकी वैधता बढाने की बात भी हम रखेंगे जिसके लिए हम अप्लिकेशन ओन-रिकॉर्ड भी फाइल करेंगे |
सभी के दिमाग में इस बेंच को लेकर एक उहापोह और दर की स्थिति है तो बता दूँ वो केवल उनके लिए है जो इस केस को फाइनल नहीं कराना चाहते हैं और समय समय पर टीईटी धारकों का मानसिक उत्पीडन करते हैं |

मेरी सभी जिला-प्रतिनिधियों से अपील है कि मीटिंग अवश्य करें क्यूंकि अंत भला तो सब भला |

धन्यवाद

हर हर महादेव

आपका______हिमांशु राणा

नोट :- वो पक्ष मजबूती से आये जिसके विरुद्ध मा० उच्च न्यायालय खंडपीठ , इलाहाबाद ने निर्णय दिए हैं बाकी पूर्ण पीठ वाले विसर्जित होने तय हैं अब |
sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines

No comments:

Post a Comment

Facebook