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प्रदेश की योगी सरकार का बड़ा फैसला, 1.92 शिक्षकों को मिलेगा मानदेय

नव गठित विधानसभा सत्र के पहले ही दिन सोमवार को माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षकों ने बड़ी जीत हासिल की। योगी सरकार ने उनका मानदेय बंद करने का फैसला वापस ले लिया है। सरकार चालू वित्त वर्ष में भी वित्तविहीन शिक्षकों के मानदेय के लिए 200 करोड़ रुपये देगी। शासन की ओर से इसकी घोषणा विशेष सचिव, माध्यमिक शिक्षा अनिल कुमार बाजपेयी ने धरनास्थल पर की।
प्रदेश के 17551 मान्यता प्राप्त वित्तविहीन स्कूलों के 1 लाख 92 हजार 123 शिक्षकों को सपा सरकार ने मानदेय देने का फैसला किया था, लेकिन योगी सरकार ने इसे बंद कर दिया था। इससे माध्यमिक शिक्षा विभाग ने भी मानदेय का बजट प्रस्ताव शासन को नहीं भेजा।

‘अमर उजाला’ में यह खबर प्रमुखता से छपने पर माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षक महासभा के बैनर तले शिक्षकों ने सोमवार को विधानभवन के घेराव की घोषणा की थी। सुबह ही हजारों वित्तविहीन शिक्षक, माध्यमिक शिक्षा निदेशालय में इकट्ठा हुए। यहां महासचिव अजय कुमार सिंह ने घोषणा की कि सभी शिक्षक हर हाल में बैरियर तोड़ते हुए विधानसभा तक पहुंचेंगे। इसके लिए चाहे कोई भी कुर्बानी क्यों न देनी पड़े।
वार्ता के बाद लिया गया निर्णय

शिक्षकों की तादाद को देखते हुए सरकार ने महासभा के प्रदेश अध्यक्ष व एमएलसी उमेश द्विवेदी और एमएलसी संजय कुमार मिश्र को वार्ता के लिए बुलाया। इसमें तय हुआ कि पिछली सरकार वित्तविहीन शिक्षकों को जितना मानदेय दे रही थी, उसे चालू वित्त वर्ष में भी जारी रखा जाएगा।

प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि उन्होंने वार्ता के दौरान ही यह प्रस्ताव रखा कि शिक्षकों के बीच इसकी घोषणा शासन का कोई प्रतिनिधि करे, जिसे मान लिया गया। इस पर दोपहर बाद विशेष सचिव, माध्यमिक शिक्षा धरना स्थल पहुंचे और वित्तविहीन शिक्षकों का मानदेय जारी रखने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में भी इसके लिए बजट में 200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया जाएगा।


प्रतिमाह मिलने वाला मानदेय

सहायक अध्यापक--815
प्रवक्ता--907
प्रधानाध्यापक--1000
प्रधानाचार्य--1090

श्रेणीवार लाभार्थी शिक्षकों की संख्या
प्रधानाचार्य--7431
प्रधानाध्यापक--8036
प्रवक्ता--68387
सहायक अध्यापक--108269
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