प्यारे साथियों , सादर अभिनन्दन , टेट मेरिट से हुयी 72825 शिक्षक भर्ती अजेय है यह बात हमारे मुख्य विपक्षी ने भी स्वीकार कर ली ।इसके लिये आप सभी सहयोगियों,सक्रिय सदस्यों ,शुभचिंतकों एवम टेट मोर्चा परिवार को हार्दिक बधाई एवं शुभकामना ।आप सभी के सहयोग हेतु कृतज्ञ हूँ आप सभी ने हम पर जो विस्वाश दिखाया उसके लिए तहे दिल से आभर प्रकट करता हूं ।
कतिपय अति विशिष्ट कारणों से (जिसकी चर्चा मैं बाद में करूंगा) आप से विलम्ब से मुखातिब हो पाया जिसके लिए क्षमा प्रार्थी हूँ ।
अब बात करता हूँ कोर्टरूम में हुयी 26 और 27 अप्रैल की सुनवाई की ।26 तारीख की औपचारिक सुनवाई के बाद पुनः 27 अप्रैल को सुनवाई हुई ।
सरकारी अधिवक्ता की बहस के दौरान ही माननीय
माननीय न्यायाधीश द्वय ने स्पष्ट किया कि हम 72825 के अंतर्गत जो भी नियुक्तियां उनको डिस्टर्ब नहीं करने जा रहे हैं ।साथ ही उन्होंने प्रश्न किया 12091योग्यलोगों की लिस्ट जारी करने के बावजूद अवशेष शीटें आप ने क्यों नहीं भरीं इनको नियमानुसार शीघ्र भरने के लिए कहा गया ।
कुछ अधिवक्ताओं का तर्क था कि NCTE चयन के आधार में हस्तक्षेप नहीं कर सकती है अर्थात शुड गिव वेटेज अनिवार्य या बाध्यकारी नहीं है जिसे कोर्ट ने स्वीकार नहीं किया ।माननीय न्यायालय ने स्पष्ट किया कि NCTE को ये शक्ति RTE ऐक्ट के अंतर्गत प्राप्त है ।और केंद्रीय कानून राज्य के क़ानून पर वरीय होंगे ।
न्यायालय ने अपने 17 दिसम्बर 2014 के इस प्रश्न को पुनः दोहराया की 15वें शंशोधन की आवश्यकता क्या थी जबकि इसमें टेट वेटेज को शून्य कर दिया गया है ।जिसका सरकारी वकील के पास कोई जवाब नहीं था ।
तमाम सारे प्रश्न हुए जो हमारे पक्ष में उत्तरित हुए ।और सुनवाई पूरी हुयी ।
जस्टिस गोयल ने सरकारी अधिवक्ता से प्रश्न किया कि मान लीजिए एक अभ्यर्थी ने tet में 60 प्रतिशत अंक प्राप्त किया जबकि दूसरे ने 90 प्रतिशत प्राप्त किया तो दोनों में तुलनात्मक रूप से कौन वरीय है ।और उसे वरीयता प्रदान करने के लिए आप के पास क्या तरीका है ।जिसका कोई उत्तर विपक्षी अधिवक्ता के पास नहीं था ।
कोर्ट में सुनवाई का वही क्रम चला जो की 26 अप्रैल को तय हुआ था यानी सबसे पहले सिविल अपील 4347 तत्पश्चात शिक्षमित्र उसके बाद रिक्तपदों पर संघर्षरत साथियों की नियुक्ति का अवसर ।इसी क्रम में माननीय न्यायालय ने सरकार से यह प्रश्न भी किया कि जो लोग पांच साल से कोर्ट में हैं और अभी तक नियुक्त नहीं हुए हैं उनके लिए आप की क्या नीति है।सरकार के पास कोई भी जवाब नहीं था ।
26 और 27 दोनों दिन वरिष्ठ अधिवक्ता H A अहमदी पूरी तैयारी और रिटेन सब्मिसन के साथ पूरे समय तक कोर्ट रूम में मौजूद रहे और बेतरीन आर्ग्युमेंट किया ।शिक्षा मित्रों की तरफ से धांधली के मुद्दे पर किये गए अधिवक्ता शेखर नफाड़े को उन्होंने माकूल जवाब दिया ।साथ ही 9 बी पर उन्होंने बेहतरीन ढंग से हम सबका पक्ष रखा ।ये मैं नहीं कह रहा हूँ ये कोर्ट रूम केअंदर उपस्थित तमाम लोगों द्वारा स्वीकारा गया सत्य है ।
आगे की बहस और नतीजों का आभास धीरे धीरे होने लगा है ।उत्तरप्रदेश में बेसिक शिक्षा की नैसर्गिक प्रकृति से गत सपा सरकार ने जो छेड़ छाड़ की उससे उत्तरप्रदेश के बेसिक शिक्षा जगत के पर्यावरण में भीषण असंतुलन पिछले 5 साल में पैदा हुआ ।और यही असंतुलन आगामी कुछ दिनों में बेसिक शिक्षा जगत में सुनामी के संकेत दे रहा है ।
खैर अब बात करें 2 मई की............
2 मई को पुनः अपनी सिविल अपील सुनवाई के लिए सूची बद्ध की गयी है ।इसका कारण यह है कि सीनियर मोस्ट अधिवक्ता श्री के टी यस तुलसी ने सुनवाई के बाद कोर्ट में मेंशन किया कि 15वें संशोधन पर बिना हमको सुने ही फैसला सुरक्षित कर लिया गया ।
साथ ही साथ अधिवक्ता सूरी ने आपकी सिविल अपील में पारित अंतरिम आदेश के तहत तदर्थ नियुक्ति पाये 839 लोगों का विरोध में मेंशन किया जिसपर कोर्ट ने इनको सुनने के लिए 2 मई का समय दिया ।अस्तु आपकी सिविल पुनः लिस्टेड हुयी ।साथ ही सरकार को भी कहा गया कि आप 839 नियुक्ति के तथ्यों के साथ आयें।
अर्थात 2 मई को वरिष्ठ अधिवक्ता श्री के टी यस तुलसी केस का निपटारा हो जाने के बावजूद 15वें और 16वें संशोधन के पक्ष में अपना तर्क रखेंगे ।
अब बात 2 मई की तैयारी की ..............................
शिक्षा जगत में आसन्न सुनामी से केवल एक ही शैल सुरक्षित दिखाई पड़ रहा है वह है 72825 और इसी शैल खंड के इर्द गिर्द ही नईं वनस्पतियां उगेंगी और एक नए शैक्षणिक पर्यावरण का निर्माण होगा ।इस लिए इसके दुश्मन भी हजार हैं ।ऐसी स्थिति में जब वहां के टी यस तुलसी ,कपिल सिब्बल,राम जेठमलानी,सलमान खुरसीद, अभिषेक मनु सिंघवी,राकेश द्विवेदी,शेखर नफाड़े ,राजू राम चंद्रन ,दुष्यंत दवे जैसे वरिष्ठ अधिवक्ता हमारे खिलाफ लगातार अपीयर हो रहे हैं तो हम कोई भी रिस्क नहीं ले सकते हैं ।
आप में से बहुत से साथियों एवम सक्रिय सदस्यों तथा जिला अध्य्क्ष बंधुओं ने इस बात के लिए दबाव भी बनाया की 2 मई को अपनी तरफ से भी वरिष्ठ अधिवक्ता कोर्ट रूम में मौजूद होना चाहिए ।
और हम भी इस बात से पूर्णतया सहमत हैं कि 2 मई को भी हमारी तैयारी ठीक 26 एवम 27 अप्रैल की तरह होनी चाहिए ।हमारी तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता कोर्ट रूम में मौजूद होना चाहिए ।इस संदर्भ में वरिष्ठ अधिवक्ता श्री अहमदी के लिए शारदा मैम को अवगत कराया जा चुका है ।अंतिम अवसर पर किसी भी तत्काल उत्पन्न परिस्थिति से निपटने में को चूक नहीं की जा सकती क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के बाद कोई और कोर्ट नहीं होती जिसमें आप अपील कर सकें ।और सभी जिमेदार लोग इस बात से सहमत भी हैं ।
एक बात और......
जूनियर भर्ती की सुनवाई शिक्षामित्रों के बाद तीसरे नम्बर पर होगी ।4 साल के इस अनवरत संघर्ष में सीमित संसाधनों के बावजूद योगेंद्र यादव का प्रायास निर्विवाद रूप से सराहनीय है और यह प्रयास अभी तक शत प्रतिशत परिणाम में परिवर्तित होता आया है ।आगे भी ऐसी ही आशा है अतः आप सभी से अनुरोध की जूनियर भर्ती के मसले पर योगेंद्र यादव का उन्मुक्त हृदय से सहयोग करें ।क्योंकि इसका सम्पूर्ण उत्तर दायित्व उन्हीं के जिम्मे है ।
और अंत में सिर्फ इतना की माँ भगवती की कृपा सदैव हम सभी पर बनी रहे पूरी तैयारी के साथ 2 मई को मैदान में उतरेंगे और सदैव की तरह जीत हमेशा सत्य की ही होगी ।
सत्य मेव जयते
सधन्यवाद
आपका
यस के पाठक
कार्यकर्त्ता
टेट मोर्चा उत्तरप्रदेश
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कतिपय अति विशिष्ट कारणों से (जिसकी चर्चा मैं बाद में करूंगा) आप से विलम्ब से मुखातिब हो पाया जिसके लिए क्षमा प्रार्थी हूँ ।
अब बात करता हूँ कोर्टरूम में हुयी 26 और 27 अप्रैल की सुनवाई की ।26 तारीख की औपचारिक सुनवाई के बाद पुनः 27 अप्रैल को सुनवाई हुई ।
सरकारी अधिवक्ता की बहस के दौरान ही माननीय
माननीय न्यायाधीश द्वय ने स्पष्ट किया कि हम 72825 के अंतर्गत जो भी नियुक्तियां उनको डिस्टर्ब नहीं करने जा रहे हैं ।साथ ही उन्होंने प्रश्न किया 12091योग्यलोगों की लिस्ट जारी करने के बावजूद अवशेष शीटें आप ने क्यों नहीं भरीं इनको नियमानुसार शीघ्र भरने के लिए कहा गया ।
कुछ अधिवक्ताओं का तर्क था कि NCTE चयन के आधार में हस्तक्षेप नहीं कर सकती है अर्थात शुड गिव वेटेज अनिवार्य या बाध्यकारी नहीं है जिसे कोर्ट ने स्वीकार नहीं किया ।माननीय न्यायालय ने स्पष्ट किया कि NCTE को ये शक्ति RTE ऐक्ट के अंतर्गत प्राप्त है ।और केंद्रीय कानून राज्य के क़ानून पर वरीय होंगे ।
न्यायालय ने अपने 17 दिसम्बर 2014 के इस प्रश्न को पुनः दोहराया की 15वें शंशोधन की आवश्यकता क्या थी जबकि इसमें टेट वेटेज को शून्य कर दिया गया है ।जिसका सरकारी वकील के पास कोई जवाब नहीं था ।
तमाम सारे प्रश्न हुए जो हमारे पक्ष में उत्तरित हुए ।और सुनवाई पूरी हुयी ।
जस्टिस गोयल ने सरकारी अधिवक्ता से प्रश्न किया कि मान लीजिए एक अभ्यर्थी ने tet में 60 प्रतिशत अंक प्राप्त किया जबकि दूसरे ने 90 प्रतिशत प्राप्त किया तो दोनों में तुलनात्मक रूप से कौन वरीय है ।और उसे वरीयता प्रदान करने के लिए आप के पास क्या तरीका है ।जिसका कोई उत्तर विपक्षी अधिवक्ता के पास नहीं था ।
कोर्ट में सुनवाई का वही क्रम चला जो की 26 अप्रैल को तय हुआ था यानी सबसे पहले सिविल अपील 4347 तत्पश्चात शिक्षमित्र उसके बाद रिक्तपदों पर संघर्षरत साथियों की नियुक्ति का अवसर ।इसी क्रम में माननीय न्यायालय ने सरकार से यह प्रश्न भी किया कि जो लोग पांच साल से कोर्ट में हैं और अभी तक नियुक्त नहीं हुए हैं उनके लिए आप की क्या नीति है।सरकार के पास कोई भी जवाब नहीं था ।
26 और 27 दोनों दिन वरिष्ठ अधिवक्ता H A अहमदी पूरी तैयारी और रिटेन सब्मिसन के साथ पूरे समय तक कोर्ट रूम में मौजूद रहे और बेतरीन आर्ग्युमेंट किया ।शिक्षा मित्रों की तरफ से धांधली के मुद्दे पर किये गए अधिवक्ता शेखर नफाड़े को उन्होंने माकूल जवाब दिया ।साथ ही 9 बी पर उन्होंने बेहतरीन ढंग से हम सबका पक्ष रखा ।ये मैं नहीं कह रहा हूँ ये कोर्ट रूम केअंदर उपस्थित तमाम लोगों द्वारा स्वीकारा गया सत्य है ।
आगे की बहस और नतीजों का आभास धीरे धीरे होने लगा है ।उत्तरप्रदेश में बेसिक शिक्षा की नैसर्गिक प्रकृति से गत सपा सरकार ने जो छेड़ छाड़ की उससे उत्तरप्रदेश के बेसिक शिक्षा जगत के पर्यावरण में भीषण असंतुलन पिछले 5 साल में पैदा हुआ ।और यही असंतुलन आगामी कुछ दिनों में बेसिक शिक्षा जगत में सुनामी के संकेत दे रहा है ।
खैर अब बात करें 2 मई की............
2 मई को पुनः अपनी सिविल अपील सुनवाई के लिए सूची बद्ध की गयी है ।इसका कारण यह है कि सीनियर मोस्ट अधिवक्ता श्री के टी यस तुलसी ने सुनवाई के बाद कोर्ट में मेंशन किया कि 15वें संशोधन पर बिना हमको सुने ही फैसला सुरक्षित कर लिया गया ।
साथ ही साथ अधिवक्ता सूरी ने आपकी सिविल अपील में पारित अंतरिम आदेश के तहत तदर्थ नियुक्ति पाये 839 लोगों का विरोध में मेंशन किया जिसपर कोर्ट ने इनको सुनने के लिए 2 मई का समय दिया ।अस्तु आपकी सिविल पुनः लिस्टेड हुयी ।साथ ही सरकार को भी कहा गया कि आप 839 नियुक्ति के तथ्यों के साथ आयें।
अर्थात 2 मई को वरिष्ठ अधिवक्ता श्री के टी यस तुलसी केस का निपटारा हो जाने के बावजूद 15वें और 16वें संशोधन के पक्ष में अपना तर्क रखेंगे ।
अब बात 2 मई की तैयारी की ..............................
शिक्षा जगत में आसन्न सुनामी से केवल एक ही शैल सुरक्षित दिखाई पड़ रहा है वह है 72825 और इसी शैल खंड के इर्द गिर्द ही नईं वनस्पतियां उगेंगी और एक नए शैक्षणिक पर्यावरण का निर्माण होगा ।इस लिए इसके दुश्मन भी हजार हैं ।ऐसी स्थिति में जब वहां के टी यस तुलसी ,कपिल सिब्बल,राम जेठमलानी,सलमान खुरसीद, अभिषेक मनु सिंघवी,राकेश द्विवेदी,शेखर नफाड़े ,राजू राम चंद्रन ,दुष्यंत दवे जैसे वरिष्ठ अधिवक्ता हमारे खिलाफ लगातार अपीयर हो रहे हैं तो हम कोई भी रिस्क नहीं ले सकते हैं ।
आप में से बहुत से साथियों एवम सक्रिय सदस्यों तथा जिला अध्य्क्ष बंधुओं ने इस बात के लिए दबाव भी बनाया की 2 मई को अपनी तरफ से भी वरिष्ठ अधिवक्ता कोर्ट रूम में मौजूद होना चाहिए ।
और हम भी इस बात से पूर्णतया सहमत हैं कि 2 मई को भी हमारी तैयारी ठीक 26 एवम 27 अप्रैल की तरह होनी चाहिए ।हमारी तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता कोर्ट रूम में मौजूद होना चाहिए ।इस संदर्भ में वरिष्ठ अधिवक्ता श्री अहमदी के लिए शारदा मैम को अवगत कराया जा चुका है ।अंतिम अवसर पर किसी भी तत्काल उत्पन्न परिस्थिति से निपटने में को चूक नहीं की जा सकती क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के बाद कोई और कोर्ट नहीं होती जिसमें आप अपील कर सकें ।और सभी जिमेदार लोग इस बात से सहमत भी हैं ।
एक बात और......
जूनियर भर्ती की सुनवाई शिक्षामित्रों के बाद तीसरे नम्बर पर होगी ।4 साल के इस अनवरत संघर्ष में सीमित संसाधनों के बावजूद योगेंद्र यादव का प्रायास निर्विवाद रूप से सराहनीय है और यह प्रयास अभी तक शत प्रतिशत परिणाम में परिवर्तित होता आया है ।आगे भी ऐसी ही आशा है अतः आप सभी से अनुरोध की जूनियर भर्ती के मसले पर योगेंद्र यादव का उन्मुक्त हृदय से सहयोग करें ।क्योंकि इसका सम्पूर्ण उत्तर दायित्व उन्हीं के जिम्मे है ।
और अंत में सिर्फ इतना की माँ भगवती की कृपा सदैव हम सभी पर बनी रहे पूरी तैयारी के साथ 2 मई को मैदान में उतरेंगे और सदैव की तरह जीत हमेशा सत्य की ही होगी ।
सत्य मेव जयते
सधन्यवाद
आपका
यस के पाठक
कार्यकर्त्ता
टेट मोर्चा उत्तरप्रदेश
- Shikshamitra Appointment: 2001 में शिक्षामित्रों की नियुक्ति सहायक अध्यापकों के रिक्त पदों के सापेक्ष ही हुई थी
- 72,825 पदों को 30/11/11 विज्ञापन से ही भरा जायेगा , TET शिक्षक चयन हेतु अनिवार्य : मयंक तिवारी
- UPTET 72825 भर्ती केस में सुप्रीम कोर्ट का केस स्टेटस बता रहा है कि 72825 केस खत्म नहीं हुआ
- नए याचियों की नियुक्ति का रास्ता 2 मई को , कोर्ट ने आज टेट के अंकों को सिर्फ न्यूनतम योग्यता ही माना है
- टेट मेंडेटरी है या नही? 12 वा संसोधन सही था तो फिर 15वा क्यों बनाया गया?
- 26 अप्रैल के आदेश का असली मतलब , UPTET 100% में 80% इन पदों पर हमारा हक है बाकी में सब है अतः न्यायालय हमे ही ये पद देने जा रहा है समझे कैसे
- एचआरए(HAR) जनवरी 2016 से देंने पर सरकार कर रही 'ना- नुकर' मांगें ना मानीं तो 23 मई से होगी हड़ताल
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines