Mayank Tiwari , राम राम साथियों, सुप्रीम कोर्ट में माननीय ऐ के गोयल जी और माननीय यू यू ललित जी की बैंच में 26 और 27 अप्रैल में हुई सुनवाइयों के बाद उतने आदेश को रिजर्ब कर लिया है शेष सुनवाइयाँ 2मई या सम्भवतः 3मई को पूर्ण हो जाएंगी।
27 अप्रैल को जो सुनवाई हुई वह सिर्फ और सिर्फ 20 नवम्बर 13 के माननीय अशोक भूषण जी के आदेश के विरुद्ध और पक्ष में हुई फाइल्स पर थी। सरल शब्दों में कहूँ तो उन SLP पर जिनका सीधा संबंध अशोक भूषण जी के आदेश का था। विदित हो सुप्रीम कोर्ट में सर्वप्रथम उक्त आदेश के विरुद्ध SLP1874-1902/2014 फाइल हुई जिन्हें 25 मार्च 2014 के एच एल दत्तू के अंतरिम आदेश के बाद CA4347-4375/2014 में बदल दिया गया तथा इसके बाद उक्त आदेश के विरुद्ध दाखिल सभी SLP को सिविल अपील (CA) से टेग कर दिया गया।
अतः 26-27की सुनवाई के बाद सभी CA और उससे जैसी ही सभी SLP (जो भी 20नवम्बर13 के अशोक भूषण जी के आदेश के विरुद्ध थी) डिस्पोज़ ऑफ़ हो चुकी है। वो चाहे किसी की SLP क्यों ना हो यदि जस्टिस अशोक भूषण जी के आदेश से सम्बंधित है तो डिस्पोज़ ऑफ़ हो चुकी है। चूँकि ये लीडिंग अपील्स है बस इसलिए शो हो रही है।
अब 2मई से अगला नंबर जस्टिस डी बाई चंद्रचूड़ जी के 12 सितम्बर15 के आदेश के विरुद्ध दाखिल समस्त SLP पर सुनवाई होगी। जिसमें भी अंतिम आदेश वही रहेगा जो हाइकोर्ट से हुआ है।
चूँकि माननीय अशोक भूषण जी के आदेश को ही सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया है अतः चयन आधार 12वाँ संशोधन बहाल हुआ और 15-16वाँ संशोधन निरस्त हुआ है अतः तीसरे चरण में माननीय मुख्यन्यायधीश डी बी भोषले जी के 1दिसम्बर2016 के आदेश का भी निस्तारण कोर्ट से इसीक्रम में होगा।
इतने विवादों के निपटारों के साथ-साथ समस्त रिक्त पदों पर योग्य अभ्यर्थियों के चयन हेतु सुप्रीम कोर्ट में आर्टिकल 32 की सहायता से सीधे दाखिल रिट पिटीशनस (परमादेश याचिकायें) और सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेशों के आधार पर लाभ से वंचित अभ्यर्थियों हेतु सुनवाई करवाना अभी शेष है।
आप सभी अचयनित साथियों की फाइनल हियरिंग में मुख्य लड़ाई 2 मई को होनी है। जिन लोगों ने 26-27की सुनवाई के बाद से हंगामा काटा हुआ है कि किसी अधिवक्ता ने हमारा पक्ष क्यों नही रखा तो उक्त दोनों दिन आपका नंबर कोर्ट में नही था। 2से होने वाली सुनवाई में हमारी टीम की तरफ से दो वरिष्ठतम अधिवक्ता रहेंगे हीरेन पी रावल जी और के वेणुगोपाल जी। चूँकि इस दिन आपका मामला ही सुना जाना है तो बड़ी जिम्मेदारी से कह सकता हूँ कि दोनों अधिवक्ता आपका पूरा पक्ष रखेंगे।
इसके अतिरिक्त सुनवाई में अपना पक्ष मजबूत करने हेतु अन्य टीम्स के साथ भी सहयोग करते हुए चलेंगे। आप सभी से विनम्र निवेदन है कि यदि आप कुछ पोस्ट कर रहे है तो सही और पूरी जानकारी के साथ करें और यदि आप पोस्ट पड़ रहे है तो निवेदन है कि हर किसी की पोस्ट का विश्वास ना करें। इतने दिन में यदि आप सभी को यह जानकारी तो हो ही जानी चाहिए कि प्रामाणिक सूचना कहाँ-कहाँ से प्राप्त होती है। अंत में आप सभी की जानकारी के लिए एक बात और स्पस्ट कर दूँ कि सभी सीनियर्स की ब्रीफिंग में सिर्फ और सिर्फ अचयनित साथियों को ही भेजा जा रहा है या उनकी उपस्थिति में ही ब्रीफिंग कराई जा रही है। इसलिए बिना वजह अविश्वास लाने की आवश्यकता नही है।
मेरा निवेदन है कि अंत तक धैर्यता और दृढ़ता के साथ लड़ते रहिये जीत का मार्ग अवश्य प्रशक्त होगा। शेष आरोप-प्रत्यारोप हेतु पूरा जीवन है। फ़िलहाल जो आवश्यक है उस दिशा में ध्यान दीजिए।धन्यबाद
संघर्ष के प्रथम दिवस से आपके साथ
आपका मयंक तिवारी
बीएड/टेट उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा
उत्तर प्रदेश
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27 अप्रैल को जो सुनवाई हुई वह सिर्फ और सिर्फ 20 नवम्बर 13 के माननीय अशोक भूषण जी के आदेश के विरुद्ध और पक्ष में हुई फाइल्स पर थी। सरल शब्दों में कहूँ तो उन SLP पर जिनका सीधा संबंध अशोक भूषण जी के आदेश का था। विदित हो सुप्रीम कोर्ट में सर्वप्रथम उक्त आदेश के विरुद्ध SLP1874-1902/2014 फाइल हुई जिन्हें 25 मार्च 2014 के एच एल दत्तू के अंतरिम आदेश के बाद CA4347-4375/2014 में बदल दिया गया तथा इसके बाद उक्त आदेश के विरुद्ध दाखिल सभी SLP को सिविल अपील (CA) से टेग कर दिया गया।
अतः 26-27की सुनवाई के बाद सभी CA और उससे जैसी ही सभी SLP (जो भी 20नवम्बर13 के अशोक भूषण जी के आदेश के विरुद्ध थी) डिस्पोज़ ऑफ़ हो चुकी है। वो चाहे किसी की SLP क्यों ना हो यदि जस्टिस अशोक भूषण जी के आदेश से सम्बंधित है तो डिस्पोज़ ऑफ़ हो चुकी है। चूँकि ये लीडिंग अपील्स है बस इसलिए शो हो रही है।
अब 2मई से अगला नंबर जस्टिस डी बाई चंद्रचूड़ जी के 12 सितम्बर15 के आदेश के विरुद्ध दाखिल समस्त SLP पर सुनवाई होगी। जिसमें भी अंतिम आदेश वही रहेगा जो हाइकोर्ट से हुआ है।
चूँकि माननीय अशोक भूषण जी के आदेश को ही सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया है अतः चयन आधार 12वाँ संशोधन बहाल हुआ और 15-16वाँ संशोधन निरस्त हुआ है अतः तीसरे चरण में माननीय मुख्यन्यायधीश डी बी भोषले जी के 1दिसम्बर2016 के आदेश का भी निस्तारण कोर्ट से इसीक्रम में होगा।
इतने विवादों के निपटारों के साथ-साथ समस्त रिक्त पदों पर योग्य अभ्यर्थियों के चयन हेतु सुप्रीम कोर्ट में आर्टिकल 32 की सहायता से सीधे दाखिल रिट पिटीशनस (परमादेश याचिकायें) और सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेशों के आधार पर लाभ से वंचित अभ्यर्थियों हेतु सुनवाई करवाना अभी शेष है।
आप सभी अचयनित साथियों की फाइनल हियरिंग में मुख्य लड़ाई 2 मई को होनी है। जिन लोगों ने 26-27की सुनवाई के बाद से हंगामा काटा हुआ है कि किसी अधिवक्ता ने हमारा पक्ष क्यों नही रखा तो उक्त दोनों दिन आपका नंबर कोर्ट में नही था। 2से होने वाली सुनवाई में हमारी टीम की तरफ से दो वरिष्ठतम अधिवक्ता रहेंगे हीरेन पी रावल जी और के वेणुगोपाल जी। चूँकि इस दिन आपका मामला ही सुना जाना है तो बड़ी जिम्मेदारी से कह सकता हूँ कि दोनों अधिवक्ता आपका पूरा पक्ष रखेंगे।
इसके अतिरिक्त सुनवाई में अपना पक्ष मजबूत करने हेतु अन्य टीम्स के साथ भी सहयोग करते हुए चलेंगे। आप सभी से विनम्र निवेदन है कि यदि आप कुछ पोस्ट कर रहे है तो सही और पूरी जानकारी के साथ करें और यदि आप पोस्ट पड़ रहे है तो निवेदन है कि हर किसी की पोस्ट का विश्वास ना करें। इतने दिन में यदि आप सभी को यह जानकारी तो हो ही जानी चाहिए कि प्रामाणिक सूचना कहाँ-कहाँ से प्राप्त होती है। अंत में आप सभी की जानकारी के लिए एक बात और स्पस्ट कर दूँ कि सभी सीनियर्स की ब्रीफिंग में सिर्फ और सिर्फ अचयनित साथियों को ही भेजा जा रहा है या उनकी उपस्थिति में ही ब्रीफिंग कराई जा रही है। इसलिए बिना वजह अविश्वास लाने की आवश्यकता नही है।
मेरा निवेदन है कि अंत तक धैर्यता और दृढ़ता के साथ लड़ते रहिये जीत का मार्ग अवश्य प्रशक्त होगा। शेष आरोप-प्रत्यारोप हेतु पूरा जीवन है। फ़िलहाल जो आवश्यक है उस दिशा में ध्यान दीजिए।धन्यबाद
संघर्ष के प्रथम दिवस से आपके साथ
आपका मयंक तिवारी
बीएड/टेट उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा
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