मैनपुरी। शिक्षकों को मनमाने तरीके से दूसरे स्कूलों और
कार्यालय से संबद्ध करने का खेल अब नहीं चलेगा। ऐसा करने वाले बेसिक
शिक्षा अधिकारी पर शासन कार्रवाई करेगा।
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- UPTET : अगर अचयनितों को जॉब नहीं मिलती तो फिर से संविधान पीठ में अपील
- हाइकोर्ट का विनिश्चय यथावत रहेगा , शिक्षामित्र मामले पर आगामी फैसले का संभावित सारांश ....
- सुप्रीम कोर्ट के आने वाले निर्णय के परिपेक्ष्य में बीएड/टेट उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा के लीडर मयंक तिवारी की पोस्ट
- जनरल ऑर्डर आएगा : सभी टेट पास रिक्त पदों के योग्य , सभी टेट 2011 पास को ये नौकरी मिलेगी
- सुप्रीम कोर्ट का फाइनल संभावित आर्डर : 172000 शिक्षामित्रों, 99000 अकैडमिक, 72000 टी ई टी मेरिट सबको समाप्त करके खुली प्रतियोगिता की संभावना
बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में
तैनात शिक्षक दूसरे विद्यालय या फिर विभागीय कार्यालयों में वर्षों से
संबद्ध हैं। यह संबद्धीकरण केवल कुछ जिलों तक सीमित नहीं है, बल्कि लगभग
सभी जिलों में ऐसे प्रकरण बहुत मिल जाते हैं। उनमें कई शिक्षक तो ऐसे हैं
जो अफसरों की कृपा से मनचाहे स्कूल से संबद्ध होकर मुफ्त में वेतन उठा रहे
हैं। वहीं कुछ ऐसे भी हैं जो वाकई इसके हकदार हैं। ऐसे मामलों की शिकायतें
लगातार शासन को मिल रही हैं। इन्हीं शिकायतों के आधार पर बेसिक शिक्षा
निदेशक ने यह कदम उठाया है।
पत्र में यह भी कहा गया कि शिक्षकों को संबद्ध न करने का कई बार निर्देश बेसिक शिक्षा परिषद सचिव संजय सिन्हा दे चुके हैं, लेकिन उनके आदेशों की भी बीएसए अवहेलना कर रहे हैं।
विभागीय सूत्रों की मानें तो जिले में लगभग 50 से अधिक शिक्षक बीएसए कार्यालय, बीआरसी आदि स्थानों पर संबद्ध हैं। यह स्कूल पढ़ाने की बजाए विभागीय कार्य या अधिकारियों की जी हुजूरी करते हैं। इससे वह स्कूल जाने से बच जाते हैं।
बीएसए राम करन यादव का कहना है कि निर्देशानुसार ही कार्य कराया जाएगा। जो भी शिक्षक विभिन्न कार्यालयों या स्कूल से संबद्ध हैं उन्हें उनके मूल तैनाती स्थान पर भेजा जाएगा। ताकि आदेशों का उल्लंघन न हो सके।
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पत्र में यह भी कहा गया कि शिक्षकों को संबद्ध न करने का कई बार निर्देश बेसिक शिक्षा परिषद सचिव संजय सिन्हा दे चुके हैं, लेकिन उनके आदेशों की भी बीएसए अवहेलना कर रहे हैं।
विभागीय सूत्रों की मानें तो जिले में लगभग 50 से अधिक शिक्षक बीएसए कार्यालय, बीआरसी आदि स्थानों पर संबद्ध हैं। यह स्कूल पढ़ाने की बजाए विभागीय कार्य या अधिकारियों की जी हुजूरी करते हैं। इससे वह स्कूल जाने से बच जाते हैं।
बीएसए राम करन यादव का कहना है कि निर्देशानुसार ही कार्य कराया जाएगा। जो भी शिक्षक विभिन्न कार्यालयों या स्कूल से संबद्ध हैं उन्हें उनके मूल तैनाती स्थान पर भेजा जाएगा। ताकि आदेशों का उल्लंघन न हो सके।
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