प्रदेश की शिक्षा व्यवस्‍था, टीईटी में 90 से कम अंक फिर भी बन गए शिक्षक

वर्ष 2016 में 15 हजार और 16448 प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती में फर्जी अंक से मेरिट बढ़ाकर नौकरी पाने का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि एक नया खुलासा हुआ है। दोनों ही भर्तियों में लगभग 10 शिक्षक ऐसे हैं जिन्होंने सामान्य वर्ग में टीईटी अंक 90 से कम होने पर भी नौकरी पा ली।
मामले में बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों की गरदन भी फंसती नजर आ रही है। भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष सहजानंद राय ने जुलाई में तत्कालीन कमिश्नर से वर्ष 2015 से 2016 तक हुई 15 हजार और 16448 शिक्षकों की भर्ती में प्राथमिक स्कूलों में फर्जी तरीके से नौकरी पाने के बारे में दो लोगों की शिकायत की थी।
इसमें बेसिक शिक्षा विभाग के कुछ कर्मचारियों को भी आरोपित किया गया था। दोनों भर्तियों में जिले करीब 350 शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी। मामले की जांच अपर सांख्यकी अधिकारी सुनील सिंह ने की तो बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा सामने आने लगा।
विभिन्न स्कूलों में एक साल से नौकरी कर रहे लगभग 50 शिक्षक शक के दायरे में आ गए हैं। पहले तो खुलासा हुआ कि 15 हजार की शिक्षकों की भर्ती में कई अभ्यर्थी मेरिट में लगभग 80 फीसदी अंक प्राप्त कर छंट गए थे, वही 16448 शिक्षकों की भर्ती में लगभग 90 अंक पाकर शिक्षक बन गए।
अंक बढ़ाने के लिए फर्जी अंकपत्र का सहारा लिया गया था।  अभी ऐसे लोगों को चिह्नित किया जा रहा था कि दोनों भर्तियों में करीब 10 शिक्षक ऐसे मिले हैं जो सामान्य वर्ग में होते हुए भी टीईटी 90 से कम अंक के बाद भी चयनित होकर शिक्षक बन गए।

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