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मिशन '15 अक्टूबर' तय करेगा शिक्षामित्रों का भविष्य

जागरण संवाददाता, आगरा: पहले सुप्रीम कोर्ट और फिर सरकार से नाउम्मीद हो चुके शिक्षामित्रों का भविष्य 15 अक्टूबर को तय होगा। शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उनके लिए 'करो या मरो' जैसी स्थिति के समान है।
वैसे 50 फीसद शिक्षामित्र टीईटी परीक्षा की तैयारी को लेकर गंभीर हैं, लेकिन उन्हें अंदेशा है कि परीक्षा में प्रश्न-पत्र कठिन आएंगे। इस चक्रव्यूह को भेदना शिक्षामित्रों के लिए आसान नहीं होगा।
जिले में वर्तमान में 2943 शिक्षामित्र हैं, इनमें से करीब 500 शिक्षामित्र पूर्व में टीईटी की परीक्षा पास कर चुके हैं। बावजूद इसके ये शिक्षामित्र इस बार भी परीक्षा में शामिल हो रहे हैं। कारण कुछ अभ्यर्थियों को टीईटी पास किए हुए पांच साल से ज्यादा का समय हो चुका है। इसलिए पुन: पास करना अनिवार्य है। ये परीक्षा शिक्षामित्रों भविष्य की दिशा और दशा तय करेगी। वे इस परीक्षा को मिशन की भांति ले रहे हैं और वे तैयारी में जुटे हुए हैं। शिक्षामित्र मानते हैं कि अगर इस बार टीईटी परीक्षा पास नहीं कर पाए तो उनका भविष्य चौपट हो जाएगा। पूरे परिवार की किस्मत दांव पर है। इसलिए वे ऑनलाइन प्रदेश के सभी शिक्षामित्रों से जुड़े हैं। परीक्षा के सिलेबस, प्रश्न और उत्तरों को लेकर एक-दूसरे से चर्चा कर रहे हैं। तमाम शिक्षामित्र तो कोचिंग कर रहे हैं।
50 फीसद शिक्षामित्रों को पढ़ाई छोड़े दो दशक हो चुके हैं। कम आयु के अभ्यर्थियों से मुकाबला करना आसान नहीं है। जो नियमित तैयारी कर रहे हैं, उनके ही सफल होने की संभावना है।

वीरेंद्र सिंह छौंकर, जिलाध्यक्ष, प्राथमिक शिक्षामित्र संघ
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