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तो शिक्षकों को संबद्ध करने में वसूली तंत्र कर रहा काम

श्रावस्ती : परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों का स्थानातरण व संबद्ध किया जाना पूर्णतया प्रतिबंधित है। इसके बावजूद कई शिक्षकों, अनुदेशकों व शिक्षामित्रों को गुपचुप तरीके से संबद्ध कर रखा गया है।
अनुदेशक की तैनाती के लिए छात्र संख्या सौ होना अनिवार्य है, लेकिन बेसिक शिक्षा अधिकारी ने इस अनिवार्यता को भी ताक पर रख दिया है। बताया जाता है कि इसके पीछे विभाग का वसूली तंत्र काम कर रहा है। भिनगा विधायक मुहम्मद असलम राईनी ने मुख्यमंत्री को मामले से अवगत कराया है।

विधायक की ओर से दिए गए शिकायती पत्र में बताया गया है कि बेसिक शिक्षा अधिकारी शिक्षकों की तैनाती के लिए जारी शासनादेशों का मखौल उड़ा रही हैं। अनुदेशकों की तैनाती के लिए छात्र संख्या 100 होना अनिवार्य है। निर्धारित मानक पूरा किए बिना अनुदेशक की तैनाती अथवा उन्हे संबद्ध नही किया जा सकता है। बेसिक शिक्षा विभाग ने इस आदेश को ताक पर रख दिया है। शिकायत के माध्यम से विधायक ने बताया है कि शिक्षकों को एक विद्यालय से दूसरे विद्यालय में तथा स्कूल से विभिन्न कार्यालयों में संबद्ध करने के लिए विभाग का वसूली तंत्र काम कर रहा है। इसके लिए भाव तय हैं। सही कीमत अदा करने वाले को मनमाफिक स्कूल दिया जाता है। इस तरह से विभिन्न स्कूलों के सैकड़ो शिक्षकों को संबद्ध कर रखा गया है। इकौना ब्लाक के उच्च प्राथमिक विद्यालय मलौना खसियारी में सीमा शुक्ला अनुदेशक के पद पर नियुक्त हैं। इनको प्राथमिक विद्यालय जयचंदपुर कटघरा में संबद्ध किया गया है। इसी प्रकार हरिहरपुर रानी ब्लाक के उच्च प्राथमिक विद्यालय गोठवा के अनुदेशक दीनानाथ सैनी को प्राथमिक विद्यालय रजगढ़वा से संबद्ध कर दिया गया है। शुभ्रा तिवारी प्राथमिक विद्यालय कुरबेनी में सहायक शिक्षिका हैं। इन्हे उच्च प्राथमिक विद्यालय कुरबेनी से संबद्ध किया गया है। इसके अलावा अन्य कई शिक्षक हैं जो खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालयों में काम कर रहे हैं। शिक्षकों को कार्यालय से संबद्ध करने की प्रक्रिया पूरी तरह अवैध है। इसके लिए समय-समय पर शासनादेश भी जारी हुए है, लेकिन यह नियम श्रावस्ती बेसिक शिक्षा विभाग पर शायद लागू नही होते हैं।
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