एनबीटी, लखनऊ : राजधानी के सात सरकारी कॉलेजों को स्मार्ट कॉलेज में तब्दील करने की योजना में भी जिम्मेदारों ने घालमेल कर दिया।
दरअसल क्लीन स्कूल-ग्रीन स्कूल योजना के तहत सात राजकीय कॉलेजों में स्मार्ट क्लासरूम बनाने, नए फर्नीचर लगाने और इमारत की मरम्मत समेत अन्य कार्यों के लिए 3.5 करोड़ रुपये जारी हुए थे।
इसमें हर स्कूल के हिस्से में 50-50 लाख रुपये जारी हुए थे। यह काम वर्ष 2016 तक पूरा हो जाना था जो नहीं हुआ। इसकी वजह निर्माण कार्यों में अनियमितता की कई शिकायतें आईं। इसके बाद माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. अवध नरेश शर्मा ने डीआईओएस से जवाब मांगा है।
जिन स्कूलों में काम होना था उनमें राजकीय जुबली इंटर कॉलेज, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज सिंगार नगर, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज माल, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज निशातगंज, राजकीय इंटर कॉलेज हुसैनाबाद, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज शाहमीना शाह और राजकीय बालिका इंटर कॉलेज गोमतीनगर शामिल थे।
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