कौशांबी : समायोजन रद होने के आदेश के बाद से शिक्षामित्रों के खाते में
विभाग की ओर से मानदेय नहीं भेजा गया। इसके साथ ही बकाया एरियर व अवशेष का
भुगतान नहीं किया गया। मानदेय न मिलने से शिक्षामित्र परेशान हैं।
बुधवार को शिक्षामित्रों ने बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय को घेरकर भुगतान दिलाने की मांग की। कहा कि 15 दिसंबर तक भुगतान खाते में नहीं पहुंचा तो वे बीआरसी स्तर पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष रत्नाकर ¨सह ने कहा कि शिक्षामित्रों का समायोजन कोर्ट के निर्देश के बाद विभाग ने खत्म कर दिया है। लेकिन 25 जुलाई से लेकर 31 जुलाई तक के अवशेष वेतन का भुगतान नहीं गया है। सरकार की ओर से सातवें वेतनमान की मंजूरी दी गई है। इसका लाभ भी शिक्षामित्रों को मिलना था। विभाग की ओर से इस संबंध में भी कोई कदम नहीं उठाया गया। वित्त लेखा अधिकारी से मिलकर कई बार इसके भुगतान की मांग की गई, लेकिन वह इसको गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। वहीं आदर्श शिक्षा मित्र वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष सोम प्रकाश मिश्र ने कहा कि समाप्त होने के बाद से शिक्षामित्र लगातार विद्यालय आ रहे हैं। उनके पास इसके अलावा अन्य कोई रोजगार का साधन नहीं है। ऐसे में शिक्षामित्रों को भुगतान नहीं मिलने से उनके सामने अब परिवार के भरण पोषण का संकट खड़ा हो गया है। जिन शिक्षामित्रों के बच्चे निजी विद्यालय में पढ़ रहे हैं वे उनकी फीस तक नहीं दे पा रहे हैं। शिक्षामित्र बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन कर रहे थे। इसको लेकर वित्त लेखा अधिकारी भड़क गए। वह शिक्षामित्रों को परिसर छोड़ने के लिए धमकाने लगे। शिक्षामित्रों ने इसको लेकर इन्कार किया तो उन्होंने पुलिस को बुलाने की धमकी दी। जिसके बाद शिक्षामित्रों ने विभागीय अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी की। इसकी जानकारी बेसिक शिक्षा अधिकारी एमआर स्वामी को हुई तो वह मौके पर पहुंचे। शिक्षामित्रों को समझाकर भुगतान का आश्वासन दिया। इसके बाद शिक्षामित्रों ने डीएम व बीएसए को ज्ञापन देकर आंदोलन समाप्त कर दिया। इस मौके पर विद्याचरण शुक्ल, मोहम्मद इरफान, आशाकांत शुक्ल, देवनाथ, मीना देवी, नूतन श्रीवास्तव, रामराज, जागेश्वर ¨सह, विष्णु ¨सह, पवन कुमार आदि लोग मौजूद रहे।
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बुधवार को शिक्षामित्रों ने बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय को घेरकर भुगतान दिलाने की मांग की। कहा कि 15 दिसंबर तक भुगतान खाते में नहीं पहुंचा तो वे बीआरसी स्तर पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष रत्नाकर ¨सह ने कहा कि शिक्षामित्रों का समायोजन कोर्ट के निर्देश के बाद विभाग ने खत्म कर दिया है। लेकिन 25 जुलाई से लेकर 31 जुलाई तक के अवशेष वेतन का भुगतान नहीं गया है। सरकार की ओर से सातवें वेतनमान की मंजूरी दी गई है। इसका लाभ भी शिक्षामित्रों को मिलना था। विभाग की ओर से इस संबंध में भी कोई कदम नहीं उठाया गया। वित्त लेखा अधिकारी से मिलकर कई बार इसके भुगतान की मांग की गई, लेकिन वह इसको गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। वहीं आदर्श शिक्षा मित्र वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष सोम प्रकाश मिश्र ने कहा कि समाप्त होने के बाद से शिक्षामित्र लगातार विद्यालय आ रहे हैं। उनके पास इसके अलावा अन्य कोई रोजगार का साधन नहीं है। ऐसे में शिक्षामित्रों को भुगतान नहीं मिलने से उनके सामने अब परिवार के भरण पोषण का संकट खड़ा हो गया है। जिन शिक्षामित्रों के बच्चे निजी विद्यालय में पढ़ रहे हैं वे उनकी फीस तक नहीं दे पा रहे हैं। शिक्षामित्र बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन कर रहे थे। इसको लेकर वित्त लेखा अधिकारी भड़क गए। वह शिक्षामित्रों को परिसर छोड़ने के लिए धमकाने लगे। शिक्षामित्रों ने इसको लेकर इन्कार किया तो उन्होंने पुलिस को बुलाने की धमकी दी। जिसके बाद शिक्षामित्रों ने विभागीय अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी की। इसकी जानकारी बेसिक शिक्षा अधिकारी एमआर स्वामी को हुई तो वह मौके पर पहुंचे। शिक्षामित्रों को समझाकर भुगतान का आश्वासन दिया। इसके बाद शिक्षामित्रों ने डीएम व बीएसए को ज्ञापन देकर आंदोलन समाप्त कर दिया। इस मौके पर विद्याचरण शुक्ल, मोहम्मद इरफान, आशाकांत शुक्ल, देवनाथ, मीना देवी, नूतन श्रीवास्तव, रामराज, जागेश्वर ¨सह, विष्णु ¨सह, पवन कुमार आदि लोग मौजूद रहे।
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