शिक्षक भर्ती परीक्षा में क्वालीफाइंग अंक नहीं मंजूर

शिक्षक भर्ती के लिए लिखित परीक्षा में क्वालीफाइंग अंक का प्रावधान करना बीटीसी डिग्री धारियों को मंजूर नहीं है। उनका कहना है कि जब शिक्षक भर्ती परीक्षा में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में सफल होने वाले अभ्यर्थी ही शामिल होंगे तो इसमें क्वालीफाइंग अंक न्यायसंगत नहीं है।
इसे लेकर बड़ी संख्या में जुटे बीटीसी प्रशिक्षुओं ने बुधवार को परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया और सचिव को ज्ञापन सौंपा। इसमें टीईटी का परिणाम जल्द घोषित करने की भी मांग की गई।

परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में 68500 सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए लिखित परीक्षा कराने की तैयारी की है। परीक्षा का प्रारूप परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने तैयार किया है। इसमें क्वालीफाइंग अंक की व्यवस्था की गई है। इसके विरोध में बुधवार को बीटीसी प्रशिक्षु परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय पर जुटे। इस दौरान प्रशिक्षुओं ने लिखित परीक्षा में क्वालीफाइंग मार्क न रखने की मांग की। प्रशिक्षुओं ने कहा कि जब टीईटी कराने में परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय असफल रहा और दो बार संशोधित उत्तरकुंजी जारी करनी पड़ी, फिर लिखित परीक्षा (अतिलघु उत्तरीय) के संदर्भ में कैसे विश्वास किया जाए। प्रदर्शन के दौरान कहा गया कि सरकार के इस निर्णय से बीटीसी प्रशिक्षु मानसिक रोगी हो गए हैं। क्वालीफाइंग परीक्षा कराने का कोई औचित्य नहीं है क्योंकि इस परीक्षा में वही शामिल होंगे, जो टीईटी में सफल होंगे। एक ही भर्ती में दो पात्रता परीक्षा का विरोध किया जाएगा, क्योंकि यह अभ्यर्थियों के साथ धोखा है। उन्होंने सचिव को ज्ञापन सौंपकर क्वालीफाइंग अंक न रखने, लिखित परीक्षा का मॉडल प्रश्न पत्र उत्तर के साथ प्रकाशित कराने, सुचिता बनाए रखने के लिए बहुविकल्पीय परीक्षा कराने तथा टीईटी का परिणाम जल्द घोषित करने की मांग की। इसमें अखिलानंद यादव, राम नरेश मिश्र, आशीष गुप्ता, निशांत त्रिपाठी, अभिषेक तिवारी, आशीष राव, दीपक सिंह, शिखा यादव, दीपा यादव, प्रीति सिंह, ज्योति सिंह, किरन मौर्या, सुमन यादव, नीतू, आरती सिंह, अंतिमा सिंह आदि बड़ी संख्या में बीटीसी प्रशिक्षु शामिल थे। शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) का परिणाम 30 नवंबर को घोषित होना था लेकिन कुछ प्रश्नों को लेकर मामला हाईकोर्ट में जाने के कारण परिणाम अब तक जारी नहीं हो सका है। इस बीच परीक्षा नियामक प्राधिकरण दोबारा संशोधित उत्तरकुंजी भी जारी कर चुका है लेकिन अभ्यर्थी इससे संतुष्ट नहीं हैं। इस बीच टीईटी परिणाम के इंतजार में शिक्षक भर्ती परीक्षा की प्रक्रिया भी आगे नहीं बढ़ पा रही है। यह परीक्षा भी प्राधिकारी कार्यालय को करानी है बीएड टीईटी उच्च प्राथमिक बेरोजगार संघ ने राजकीय माध्यमिक एवं आशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों से संबद्ध जूनियर हाईस्कूलों में छह से आठ तक की कक्षाओं के लिए नियमित शिक्षकों की नियुक्ति की मांग की है। संघ की बुधवार को सलोरी में हुई बैठक में आरटीआई से प्राप्त सूचना का हवाला देते हुए कहा गया कि नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 में निर्धारित मानक 35:1 छात्र शिक्षक अनुपात बनाए रखने के लिए 80 हजार से अधिक शिक्षकों को नियुक्ति किया जाना आवश्यक है लेकिन सरकार के ढुलमुल रवैए के कारण इन कक्षाओं में एलटी ग्रेड एवं प्रशिक्षित स्नातक शिक्षकों से शिक्षण कार्य कराया जा रहा है। संगठन की ओर से लगातार ज्ञापन, धरना-प्रदर्शन एवं अनशन के बाद भी सरकार शिक्षकों की नियुक्तियां नहीं कर रही है। इसके खिलाफ संगठन ने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल करने का निर्णय लिया। बैठक में प्रदेश अध्यक्ष हरेंद्र सिंह, महासचिव सिकंदर यादव, महामंत्री अमित कुमार, उपाध्यक्ष सुनील कुमार आदि मौजूद थे। परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में 12460 सहायक अध्यापकों की भर्ती पर लगी रोक को हाईकोर्ट के आदेश के तहत हटाकर नियुक्ति करने की मांग को लेकर अभ्यर्थियों का शिक्षा निदेशालय पर धरना बुधवार को भी जारी रहा। इस दौरान दिग्विजय सिंह यादव, कुलदीप राणा, रामराज, अखिलेश मिश्र, कोमल, राजेश बिंद, विनय कुमार, विजय, सुधीर, नेहा, कोमली आदि ने कहा कि शासन ने 15 दिसंबर 2016 को सहायक अध्यापक भर्ती का आदेश जारी किया, जिसकी काउंसलिंग 18 से 20 मार्च 2017 तक हुई और 31 मार्च को नियुक्ति पत्र वितरित होना था। यह भर्ती हाईकोर्ट की सिंगल बेंच से बहाल हुई थी। अब सरकार ने इसके खिलाफ डबल बेंच में अपील की है।

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