उन्नाव. शिक्षामित्रों के भविष्य को सुरक्षित रखने के
लिए संसद में कानून बना उन्हें स्थाई किया जाए। 10000 रुपए के मांदे को
बढ़ाकर न्यूनतम 24 हजार रुपए किया जाए। स्थानीय निराला पार्क में आयोजित
शिक्षामित्रों की बैठक को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश प्राथमिक
शिक्षामित्र संघ के जिला अध्यक्ष सुधाकर तिवारी ने उप विचार व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि समायोजन निरस्त होने के बाद तमाम शिक्षक आत्महत्या कर
चुके हैं वहीं कई शिक्षक अवसाद ग्रस्त जीवन यापन कर रहे हैं। स्थानीय
निराला पार्क में आयोजित शिक्षामित्रों की बैठक में बड़ी संख्या में महिला
शिक्षकों ने भी भाग लिया। इस मौके पर शिक्षामित्र संघ से जुड़े
पदाधिकारियों ने भी अपने विचार व्यक्त किए। बैठक में आगामी 22 जनवरी को
सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर भी चर्चा हुई।
तमाम शिक्षकों ने आत्महत्या की कई अवसादग्रस्त हैं
उत्तर प्रदेश के समायोजित शिक्षामित्रों में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के
बाद संशय की स्थिति बरकरार है। काफी लंबी लड़ाई करने के बाद भी शिक्षामित्र
में निराशा व्याप्त है।
शिक्षामित्रों का कहना है कि उन्हें समय से मानदेय भी नहीं मिल पा रहा
है। जिसके कारण उनके सामने आर्थिक कठिनाइयां भी आ रही हैं। इस संबंध में
बैठक में मौजूद शिक्षामित्रों को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश प्राथमिक
शिक्षामित्र संघ के जिला अध्यक्ष सुधाकर तिवारी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के
आदेश के बाद बड़ी संख्या में शिक्षामित्रों ने आत्महत्या कर ली है और कई
शिक्षक अवसादग्रस्त हो चुके हैं। परंतु सरकार उनकी समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रही।
उन्होंने प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन में कहा है कि संसद में कानून
बनाकर शिक्षामित्रों को स्थाई किया जाए और वर्तमान में मिल रहे 10000
मानदेय की जगह 24000 की न्यूनतम मजदूरी दी जाए।
समायोजित होने के बाद शिक्षामित्रों को उनके मूल विद्यालय से
स्थानांतरित करते हुए दूरदराज क्षेत्रों में भेज दिया गया था। जिसके बाद से
लगातार वह अपनी नौकरी कर रहे हैं। परंतु सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद
निरस्त हुआ समायोजन के बाद उन्हें मूल विद्यालय में नहीं भेजा जा सका है।
इस पर भी शिक्षामित्रों में चर्चा आम है।
बीएलओ ड्यूटी कटवाने के लिए आगे आए शिक्षामित्र
शिक्षामित्रों को बीएलओ ड्यूटी में भी लगाया जा रहा है। जिससे उनमें
नाराजगी है। इस संबंध में शिक्षामित्र ने जनसुनवाई पोर्टल पर शिक्षामित्रों
को बीएलओ के कार्य से मुक्त करने की मांग की थी। वही इस तरह का एक ज्ञापन
जिलाधिकारी को देकर बीएलओ ड्यूटी कटवाने की मांग की थी। इस संबंध में
प्रभारी बेसिक शिक्षा अधिकारी ने जिलाधिकारी को पत्र भेजकर स्पष्टीकरण दिया
है कि उप जिलाधिकारी के निर्देशानुसार शिक्षक व समायोजित शिक्षकों को
शासकीय कार्य हेतु लगाया गया है। इस संबंध में उन्होंने जिलाधिकारी को
समस्या के समाधान के लिए पत्र लिखा है।
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