लखनऊ 1अगर आप राजकीय पॉलीटेक्निक में प्रवेश लेने की तैयारी कर रहे हैं
या फिर पढ़ाई कर रहे हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है। प्राविधिक शिक्षा विभाग
न केवल आपको गुणवत्तायुक्त शिक्षा देगा बल्कि आपको नौकरी भी उपलब्ध
कराएगा। इसके लिए राजकीय पॉलीटेक्निक संस्थाओं को अंतिम वर्ष के 25 फीसद
विद्यार्थियों को नौकरी दिलानी होगी। ऐसा न करने वाली संस्थाओं का अनुदान
रोक दिया जाएगा।
प्राविधिक शिक्षा विभाग की ओर से नई पॉलीटेक्निक संस्थाओं की स्थापना,
पाठ्यक्रम में बदलाव के साथ ही शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए
डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम विवि के कुलपति प्रो. विनय पाठक की अध्यक्षता में सात
सदस्यीय टीम बनाई गई थी। समिति की ओर से तैयार किया गया प्लान पिछले वर्ष
16 अक्टूबर को प्रदेश सरकार को सौंपा था। आपत्तियों व सुझावों को शामिल
करने के साथ अब जुलाई से शुरू होने वाले नए सत्र से इसे लागू किया जाएगा।
राजकीय पॉलीटेक्निक के छात्रों को 25 फीसद प्लेसमेंट की अनिवार्यता होगी।
ऐसा न होने पर संस्थान के विकास और पाठ्यक्रम को बढ़ाने का प्रस्ताव निरस्त
होगा बल्कि अनुदान को भी रोक दिया जाएगा।
दो लाख छात्रों को होगा फायदा : इस नई व्यवस्था के तहत तीन साल का डिप्लोमा
करने वाले दो लाख से अधिक विद्यार्थियों को हर वर्ष फायदा होगा। अंतिम
वर्ष के छात्रों की परीक्षा से पहले कैम्पस सेलेक्शन किया जाएगा। प्रदेश
में 126 सरकारी, 18 सहायता प्राप्त और 468 निजी संस्थाएं हैं।1‘राजकीय
पॉलीटेक्निक संस्थाओं में 25 फीसद नौकरी देने की अनिवार्यता से शिक्षा की
गुणवत्ता में सुधार होगा। विभाग के विशेष सचिव की ओर से निर्देश आया है, अब
इसे लागू किया जाएगा। 10 जिलों में प्लेसमेंट सेंटर स्थापित कर उस जिले
सभी पॉलीटेक्निक छात्रों को भी नौकरी के अवसर दिलाने का प्रयास होगा।’1एसके
सिंह, सचिव, प्राविधिक शिक्षा परिषद।
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