समायोजित शिक्षा मित्रों को आंदोलन करने का खामियाजा , शिक्षामित्रों का मानदेय कटा

आंदोलन का खामियाजा शिक्षा मित्रों को भुगतना पड़ा
बिजनौर। समायोजित शिक्षा मित्रों को आंदोलन करने का खामियाजा भुगतना पड़ा। शासन के निर्देश पर जिले के समायोजित शिक्षा मित्रों के आंदोलन के दौरान स्कूलों से अनुपस्थित रहने पर 2740 शिक्षा मित्रों के मानदेय से 6500 रुपये प्रत्येक शिक्षा मित्र के मानदेय काटा गया है। इससे शिक्षा मित्रों में आक्रोश है।

सुप्रीम कोर्ट ने परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक के पदों पर समायोजित हुए शिक्षा मित्रों की सेवाएं 25 जुलाई को समाप्त कर दी थी। शिक्षा मित्रों ने प्रदेश सरकार से शिक्षा मित्रों को पुन: शिक्षक बनाए जाने की मांग करने को लेकर 26 जुलाई से प्रदेश के सभी जिलों में आंदोलन शुरू किया था। जिले में बड़ी संख्या में शिक्षा मित्र आंदोलन में शामिल हुए थे। बीएसए कार्यालय की माने तो जिले के 2740 शिक्षा मित्रों को सहायक अध्यापक के पदों पर समायोजित किया गया था। जिले में 26 से 31 जुलाई 2017 तक बीएसए कार्यालय पर धरना प्रदर्शन किया था। 21 से 23 अगस्त तक लखनऊ में शिक्षा मित्रों ने प्रदर्शन किया था। शिक्षा मित्रों के आंदोलन के चलते स्कूलों में नहीं पहुंचने वाले शिक्षा मित्रों की उपस्थिति के प्रपत्र मांगे गए थे। शासन ने बीएसए को शिक्षा मित्रों के अनुपस्थित दिनों के मानदेय काटने का निर्देश दिए थे। शासन के निर्देश पर सर्वशिक्षा अभियान कार्यालय एवं बीएसए कार्यालय द्वारा अक्तूबर व नवंबर 2017 के शिक्षा मित्रों के मानदेय से शिक्षा मित्रों की अनुपस्थित दिनों के मानदेय काटा गया है। जिले के 2740 शिक्षा मित्रों के मानदेय में कटौती की गई है। अब शिक्षा मित्रों को प्रत्येक महीने 10 हजार रुपये का मानदेय मिल रहा है। प्रत्येक शिक्षा मित्र के मानदेय से 6500 से लेकर 6000 रुपये तक की कटौती की गई है। इस कार्रवाई से शिक्षा मित्रों में आक्रोश है। उधर, बीएसए महेश चंद्र के मुताबिक शिक्षा मित्रों के मानदेय से कटौती शासन के आदेश पर की गई है। कटौती करने से पहले शिक्षा मित्रों की उपस्थिति का ब्योरा खंड शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से लिया गया था।
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