खनऊ : उत्तर प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है जहां ब्लाक संसाधन
केंद्रों पर तैनात सह-समन्वयकों द्वारा सरकारी प्राथमिक व उच्च प्राथमिक
स्कूलों में पढ़ाई की निगरानी मोबाइल एप के जरिये की जा रही है। इसी के
जरिये सर्व शिक्षा अभियान के राज्य कार्यालय में डाटा संकलित किया
जा रहा है, जिसका उपयोग बच्चों के लर्निग आउटकम (बच्चों
के सीखने व समझने का स्तर) को सुधारने के लिए योजना बनाने में किया जाएगा।
यूनीसेफ लखनऊ के सहयोग से तैयार किये गए इस एप को ‘एबीआरसी एप’ का नाम
दिया गया है।
शिक्षा के अधिकार के तहत सरकारी प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में
शिक्षा व्यवस्था सुदृढ़ करने के लिए ब्लाक संसाधन केंद्रों का पुनर्गठन
किया गया था। इन संसाधन केंद्रों पर विषय आधारित पांच सह-समन्यवक तैनात
किये गए हैं। समन्वयकों को इस मोबाइल एप के इस्तेमाल के लिए इलाहाबाद में
राज्य शैक्षिक प्रबंधन एवं प्रशिक्षण संस्थान में छह से 24 जनवरी तक
प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षित सह-समन्वयकों ने अपने-अपने जिलों में
अब तक 800 कक्षाओं की निगरानी कर उनसे संबंधित डाटा राज्य कार्यालय को
भेजा है। समन्वयकों ने हिंदी, अंग्रेजी, गणित, सामाजिक विषय और विज्ञान
विषयों की आठ चेक बिंदुओं पर जानकारी जुटाई की है। इस काम की समीक्षा के
लिए गुरुवार को सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना कार्यालय में अपर
परियोजना निदेशक राजकुमारी वर्मा की अध्यक्षता में बैठक हुई, जिसमें ये
तथ्य उभर कर सामने आए।
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