लखनऊ : राजकीय इंटर कॉलेजों में 15 जनवरी से बच्चों को वैज्ञानिक ढंग से
योग सिखाया जाएगा। माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत 16 जिलों के 500 राजकीय
माध्यमिक विद्यालयों में योग ट्रेनर्स छात्र-छात्रओं को योग के
गुर सिखाएंगे। इससे पढ़ाई के साथ बच्चे योग के महत्व को
भी जान सकेंगे।
यह बात प्रमुख सचिव सामान्य प्रशासन जितेंद्र कुमार ने
कही। 115 जनवरी से स्कूलों में शुरू होने जा रही योग क्लासेज की कड़ी में
गुरुवार को त्रिवेणी सेवा संस्थान की ओर से गोमती नगर स्थित होटल
सेवीग्रैंड में आयोजित कार्यशाला में मुख्य अतिथि प्रमुख सचिव ने बच्चों को
अंतर्मन से योग के प्रति जोड़ने के लिए योग प्रशिक्षकों को प्रेरित किया।
माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों में बच्चों को अलग-अलग संस्थाओं
द्वारा योग प्रशिक्षण की जिम्मेदारी सौंपी गई है। प्रशिक्षण की अवधि 48
घंटे होगी। इसका समय विद्यालय स्तर पर तय किया जाएगा। योग ऐसी क्रिया है,
जो भले ही किसी को आती न हो, पर दावा सब करते हैं। योग से जीवन में
सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है। योग गुरु व मुख्य योग प्रशिक्षक स्वामी
प्रज्ञानंद ने कहा कि पतंजलि ऋषि अंतरजगत में सबसे बड़े वैज्ञानिक हैं। इन
ऋषियों ने योग के माध्यम से रोग को दूर किया है। प्रणायाम का अर्थ शरीर में
प्राण का विस्तार करना। योगियों की मानें तो सांस प्राण के सबसे करीब होती
है। यही कारण है कि सांस से जुड़ी योग की तमाम विधाएं सामने आईं। बुद्ध ने
16 तरह की सांस की विधियों को बनाकर दिया। 1वरिष्ठ पत्रकार योगेश मिश्र ने
कहा गणित की भाषा में योग का मतलब जोड़ है। योग से जुड़ने वाले को शारीरिक
व मानसिक लाभ प्राप्त होता है। वास्तविक योग वह है, जिसमें थकावट नहीं
होती। योग में रोगों का वैज्ञानिक उपचार है। त्रिवेणी सेवा संस्थान के
मुख्य संयोजक अनादि त्रिपाठी ने संस्थान द्वारा बीस वर्षो से योग के
क्षेत्र में पूरे देश में दी जा रही सेवाओं से लोगों को अवगत
कराया।’>>माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत बच्चों को ट्रेनर्स सिखाएंगे
योग1’>>प्रमुख सचिव ने कहा, पढ़ाई के साथ बच्चों को मिलेगा स्वस्थ
माहौलउद्घाटन करते स्वामी प्रज्ञानंद, साथ में प्रमुख सचिव सामान्य
प्रशासन, जितेंद्र कुमार व अन्य
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